Sprouts for Immunity: स्प्राउट्स के फायदों के बारे में तो ज़्यादातर लोग जानते ही हैं कि ये सेहत और स्वाद का संगम होते हैं, मगर इनसे जुड़े कुछ और भी फैक्ट्स हैं। आइए, जानते हैं कुछ उन्हीं के बारे में।
स्प्राउट्स, यानी अंकुरित अनाज हर किचन के लिए एक जाना-पहचाना आहार है। यह स्वाद और सेहत, दोनों का ही रिच सोर्स है। न तो यह बहुत $खर्चीला होता है, न ही इसे बनाने में ज्यादा एफर्ट करने पड़ते हैं। बदलते मौसम में इसकी अहमियत और अधिक बढ़ जाती है।
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इम्यूनिटी बढ़ाने में इफेक्टिव

रिसर्च में यह बात कई बार साबित हो चुकी है कि फलों और सब्जि़यों की तुलना में स्प्राउट्स के फायदे सौ गुना अधिक हैं। अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते इसकी उपयोगिता बदलते मौसम में और बढ़ जाती है। इसके पीछे के कारण को इस रूप में समझा जा सकता है। जब भी मौसम बदलता है तो हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम कुछ समय बाद ख़ुद-ब-ख़ुद अपने-आप को उसके अनुकूल ढाल लेता है। जैसे गर्मियों के लास्ट डेज़ में और सर्दियों की शुरुआत में होने वाले सर्दी, ज़ुकाम, बु$खार वगैरह से बाद के समय में तो राहत मिल जाती है, मगर जब ये मौसम बदलते हैं तो उस समय पर बहुत प्रीकॉशन और केयर की ज़रूरत ज़्यादा होती है। अगर इम्यूनिटी सिस्टम कमज़ोर हो तो यह समस्या और बढ़ जाती है। डाइट का $खास $खयाल रखना पड़ता है। ऐसे में अगर स्प्राउट्स को अपनी रोज़मर्रा की डाइट में शामिल कर लिया जाए तो वेदर चेंजिंग डीसीज़ से राहत पाई जा सकती है।
पोषक तत्वों से भरपूर
स्प्राउट्स में पोषक तत्वों की इतनी मात्रा होती है कि इसे अपने-आप में कंप्लीट मील भी कहा जा सकता है। खासकर वेजिटेरियन लोगों के लिए तो ये किसी वरदान से कम नहीं हैं। ये विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फोलेट, थाइमिन, राइबोफ्लोविविन, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और डाइट्री फाइबर का बेहतरीन सोर्स होते हैं। इनमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के आदि के भी भरपूर तत्व हैं। एंटीऑक्सिडेंट होने के चलते यह हमारे इम्यून सिस्टम यानी रोगप्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा देता है कि हम न केवल बदलते मौसम में पूरी तरह से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि हमारा स्टेमिना हमेशा स्ट्रांग बना रह सकता है। साथ ही यह बॉडी के हीलिंग सिस्टम को भी प्रभावित करता है, जिससे शरीर में लगने वाली चोटें भी जल्दी ठीक होती हैं। श्वसन प्रणाली मज़बूत होने के चलते कई तरह की एलर्जी से बचा जा सकता है। शरीर की पाचन शक्ति को यह गहराई तक प्रभावित करता है। इसके साथ ही स्प्राउट्स को अगर नियमित रूप से और संतुलित मात्रा में लिया जाए तो यह वेट कम करने का भी एक बेहतरीन सोर्स है।
एनी टाइम एनी फूड
स्प्राउट्स एक ऐसा आहार है, जिसे किसी भी समय और किसी भी रूप में खाया जा सकता है। यूं तो ये लाइट फ्राइड, यानी हल्का सा छौंक लगाकर अथवा उबाल कर भी खाए जा सकते हैं, मगर इनका सबसे ज़्यादा $फायदा कच्चा खाने में ही मिलता है। अगर इसे सुबह ब्रैकफास्ट में शामिल किया जाए तो ये दिन भर एनर्जी लेवल बनाए रखते हैं। वैसे भी सुबह के आहार के लिए कहा जाता है कि ये बहुत ज़्यादा पौष्टिक होना चाहिए। लंच टाइम में शामिल करने के लिए इसका सैंडविच, मिक्स सैलेड या स्टफ्ड परांठा आदि कुछ भी बनाया जा सकता है। लंच टाइम तक ज़्यादातर लोगों का एनर्जी लेवल डाउन होने लगता है। ऐसे में यदि स्प्राउट्स में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज़्यादा रखी जाए तो यह ऊर्जा का स्तर पूरे समय बनाए रखते हैं। ब्रैकफास्ट, लंच और डिनर के तीन मुख्य आहारों के बीच इसे स्नैक्स की तरह भी लिया जा सकता है, चाहे आप इसे चाट के रूप में खाएं, सैलेड बनाएं या सैंडविच, किसी भी रूप में इसकी पोषणता पर असर नहीं पड़ने वाला। इसी तरह से स्प्राउट्स को यदि डिनर में शामिल करना हो तो ये उस समय के लिए बेस्ट डाइट सिद्ध हो सकता है, क्योंकि सभी एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि डिनर हमेशा आसानी से और जलदी पचने वाला होना चाहिए। ये गुण स्प्राउट्स के साथ जुड़े हुए हैं।
सही मात्रा और संतुलित रूप में लें

अति किसी भी चीज़ की बुरी होती है, चाहे वह स्प्राउट्स जैसा पौष्टिक आहार ही क्यों न हो। एक बाउल स्प्राउट्स में किसी भी व्यक्ति के लिए ज़रूरी पोषण आराम से मिल जाता है। इसके लिए ऐसा करने के लिए की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है कि आप बाकी का सारा खाना-पीना छोड़कर सिर्फ़ इसी पर निर्भर हो जाएं। मेन कोर्स के साथ शामिल करते हुए इसे पहले खाना चाहिए, ताकि पोषक तत्व ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में मिल सकें, लेकिन सारे पोषण की सारी जि़म्मेदारी केवल स्प्राउट्स पर डाल देना ठीक नहीं है। सैलेड स्प्राउट्स, बीन स्प्राउट्स, लाइट स्प्राउट्स, सनफ्लानर स्प्राउट्स, रॉ स्प्राउट्स, लाइट स्प्राउट्स, फ्रूट्स मिक्स्ड स्प्राउट्स आदि इतनी वैरायटी है कि इन्हें किसी भी समय के मील में आसानी से शामिल किया जा सकता है। ख्याल बस इस बात का रखना है कि किस समय की डाइट में किन तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है। उसी के गुण वाले स्प्राउट्स खाने को प्राथमिकता दें।
किन लोगों को स्प्राउट्स नहीं खाने चाहिए
व्यक्ति चाहे किसी भी उम्र का हो, स्प्राउट्स की बहुत ज़्यादा मात्रा लेते हुए यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इसी को मेन फूड न बनाएं। इससे फायदे की बजाय नुकसान ही होगा। इम्यूनिटी सिस्टम इससे बढ़ने की बजाय प्रभावित होने लगेगा, क्योंकि बाकी आहार के लाभ उसे नहीं मिल पाएंगे।
बहुत छोटे बच्चों को स्प्राउट्स न दें, क्योंकि यह उनके गले में फंस सकता है। इसे वे ठीक से चबा कर भी नहीं खा पाएंगे।
हालांकि स्प्राउट्स एक लाइट डाइट है, फिर भी अधिक आयु के लोगों को स्प्राउट्स खाने से इसलिए बचना चाहिए, क्योंकि इस आयु में उनकी पाचन क्रिाया, यानी डायजेशन सिस्टम कमज़ोर हो चुका होता है।
गर्भवती महिलाओं का ज़्यादातक आहार डॉक्टर की सलाह से ही तय होता है, इसलिए स्प्राउट्स खाने चाहिए या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से बात करने के बाद ही इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
