Lemon Home Remedies: विटामिन -‘ए’ की कमी हो तो शरीर की बढ़ोत्तरी रूक जाती है, यहां तक कि रोगों से लड़ने की ताकत ही घट जाती है, आँखे भी कमजोर पड़ जाती है, हड्डियों के जोड़ दर्द करने लगते हैं, शरीर सूखता चला जाता है। और शरीर-तंत्र में सड़ांध पैदा होने लगती है, यह सड़ांध मुंह से बदबूदार सॉस बनकर निकलने लगती है, दोस्त -यार उसके पास खड़े होने में भी कतराते हैं।नींबू में विटामिन ‘ए’ का एक ही भाग इन सब बुराइयों को जड़ से मिटा देता है। आप यूं भी कहा सकते हैं कि नींबू बिछुड़े यार मिलवाता है, क्योंकि विटामिन ए की कमी दूर होने से न पायरिया होगा, न मसूड़े फूलेंगे, न सड़ांध रहेगी, मुंह से सुगंधित सॉस निकलने लगेगी और लोगबाग आपके पास खिचे हुए आने लगेगें।
नींबू मौत के मुंह से बचाता है

अब जरा विटामिन ‘बी’ की कमी का नजारा भर देखिये! खाने-पीने का शौक ही मरने लगता है क्योंकि जठराग्नि ठंडी पड़ जाती है, जब पेट में पहले से पड़े खाद्य पदार्थ ही नहीं पकेंगे तो मुंह के रास्ते हॅंडिया में कुछ और डालने की इच्छा ही मरने लगेगी । पेट ने ही काम न किया तो मक्खियों की तरह सौ-सौ रोग झपट्टे मारेंगे कब्ज रहने लगेगी, पेट में सड़ रहे मल की गैस दिमाग खराब कर देगी। आदमी दूसरों को हर घड़ी काट खाने को दौड़ेगा, दोस्त आपका हालचाल पूछ रहे होंगे और आप पेट में उठते मरोड़ को मुट्टी में दबाए शौचालय की तरफ भागेंगे जीना ही दूभर हो जाएगा। नींबू में विटामिन ‘बी’ दो भाग हैं। यह आदमी को मौत के मुॅंह से बचा लेता है। बुझी जा रही जठराग्नि को यह इतनी प्रचंडता से भड़का देता है कि आदमी खाता भी जी भरकर है और खाया हुआ पचा भी देता है। जिसका हाजमा सही हो गया, उसके अंदर विकार रहेगा कैसे! हां, नींबू का सेवन उतनी ही मात्रा में कीजिए जहां तक उसके असर से आप ‘भुक्खड़’ न कहलाने लगें।
नींबू सूखे गाल भर देता है
विटामिन ‘सी’ की कमी भी शरीर का सत्यानाश कर देती है। यहां तक कि आतों में छाले भी पड़ जाते हैं, रक्त दूषित हो जाता है, जोड़ों में ऐंठन -सी आ जाती हैं, शरीर की मशीनरी ही ढंग सेकाम नहीं करती मुँह की महक मर जाती है और दांत खराब होने लगते हैं मतलब यह कि आदमी मरियल-सा होकर रह जाता है। इसके सेवन से अन्दरूनी सफाई के साथ-साथ ताजगी और स्फूर्ति आती है। सूखे हुए गाल भरने लगते हैं और उनमें साफ खून की ललाई उमड़ आती है।
नीबूं मेल-जोल सिखाता है

यहां हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं नींबू मेलजोल से और घुल-मिलकर रहने वाला फल है। मगर स्वभाव से यह दाहक (जलानेवाला) और तीखा है। इसीलिए पानी, फल या सलाद-सब्जी में डालकर ही नींबू का सेवन करना चाहिए। यह ऐसा ईधन है जो जल या फल में मिलकर शरीर को स्वास्थ्य और सौंदर्य देकर यह साबित करता है कि मिल-जुलकर रहोगे तो सुख भोगोगे।
खनिज-तत्वों का भंडार
हमारे शरीर में खनिज-तत्वों क सही मात्रा में मौजूद होना उतना ही जरूरी है जितना स्वस्थ रहना। पोटैशियम ऐसा तत्व है, जिसके अभाव में हमारा जिगर बेकार होने लगता है जिगर का काम ठप होगा तो मल जमा होने लगेगा इसका असर यह होगा कि फोड़े-फुंसियों से बदन भर जाएगा घाव भरने में ही नहीं आएंगे।
नींबू में कैल्शियम
मैग्नीशियम की कमी से स्नायु-तंत्र में भरी गड़बड़ी पैदा हो जाती है। जैसे कि अपने आप पर से विश्वास उठ जाना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, सीने में जलन रहना, खून में अम्लता का अंश बढ़ जाना, डॉवाडोल हो जाना, बे -सिर -पैर की बातें सोचना और वहमी या शक्की-मिजाज हो जाना। नींबू में मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में है और यह स्नायु -तंत्र को मजबूत करके वहमों से छुटकारा दिला देता है।
नींबू भूख जगाता है
हमारे शरीर में बल और स्फुर्ति के स्त्रोत हैं कार्बोज। जीने-योग्य गर्मी बनाए रखने के लिए कार्बोज की हमेशा जरूरत होती है। गर्मी से हमारा मतलब झगड़ालूपन नहीं, बल्कि यौवन से है। अन्दर गर्मी होगी तो भूख भी लगेगी। और प्यास भी। शरीर की गर्मी ही मर जाय तो नींद भी भागने लगती है। नींबू में कार्बोज भी भरपूर हैं और ये आदमी को बुढ़ापे में भी फुर्तीला बना देते हैं।
नींबू मिलन कराता है
सच तो यह है कि नींबू में खनिजों का विशाल भंडार है। खनिज-तत्व एक तरह से अग्नि तत्व होते हैं। इनकी कमी हमारे दिलो-दिमाग पर भी असर डालती है और इन्द्रियों पर भी। शरीर में ताजगी होगी तो खाना भी अच्छा लगेगा, घर भी अच्छा लगेगा, पत्नी भी सुन्दर लगेगी और पति भी प्यारा लगेगा। कामेच्छा का भी सीधा और गहरा सम्बन्ध है। नींबू में इतना गुण है। कि यह नपुंसकता के जड़ से उखाड़ देता है। पति का ढीलापन और पत्नी की उदासीनता को हटा के उन्हें प्यार और मिलन के लिए उकसाता है।
दुर्गंध नाशक है नींबू

नींबू तन-मन्दिर महकाने के काम भी आती है। इसकी सुगन्धि में यह गुण है कि किसी दुर्गन्ध के आगे यह दब नहीं जाती। स्वच्छता के साथ-साथ यह हमारे मुंह का स्वाद भी बढ़ाती है और सुवासित भी करती है। तन की नाली-प्रणाली की गंदगी निकालकर यह रक्त के विकार भी मिटा देती है। जिसका खून साफ हो गया, उसे बीमारी से क्या मतलब।
(साभार – डॉ. राजीव शर्मा)
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