Exercise For Asthma: बारिश के बाद उमसभरी गर्मी अपने साथ कई तरह की परेशानियां लेकर आती है। हवा में मौजूद चिपचिपाहट और नमी न सिर्फ स्किन इंफेक्शन का कारण बनती है बल्कि सांस से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न करती है। खासकर अस्थमा पेशेंट्स के लिए ये मौसम काफी रिस्की होता है। उमसभरी गर्मी में अस्थमा आसानी से ट्रिगर कर सकता है। अस्थमा, एक क्रॉनिक रेस्पिरेटरी कंडीशन है जिसमें वायुमार्ग में सूजन और सिकुड़न होती है, जिससे फिजिकल वर्क के दौरान सांस लेने में कठिनाई, खांसी, घबराहट और सीने में जकड़न महसूस हो सकती है। लेकिन कुछ एक्सरसाइज हैं जिनका अभ्यास करके आप इस मौसम के कारण होने वाली परेशानियों से आसानी से लड़ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।
शवासन

योग द्वारा अस्थमा को कंट्रोल करने के कई तरीके हैं जिसमें से सबसे असरदार और आसान तरीका है शवासन। शवासन देखने में आपको एक साधारण और आसान से आसन लगता है लेकिन सांस और तनाव को एक साथ मैनेज करने में यह प्रमुख भूमिका निभाता है, जिससे सांस संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। शवासन को करने के लिए आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं और भुजाओं को बगल में रखकर, हथेलियों को खोल लें। अपनी आंख बंद करें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। इससे शरीर के हर हिस्से को आराम मिलेगा।
सुखासन
शवासन की तरह सुखासन भी एक आरामदायक मुद्रा है। इससे सांस और तनाव पर नियंत्रण करके अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को क्रॉस करके बैठें। यदि आप अपने कूल्हों या पीठ के निचले हिस्से में कुछ असुविधा महसूस करते हैं, तो कूल्हें के नीचे एक तौलिए को रोल करके रखें। फिर अपने दाहिना हाथ अपने दिल पर रखें और बायां हाथ अपने पेट पर रखें। इस दौरान अपनी आंख बंद कर लें।
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फॉरवर्ड बेंड
आगे की ओर झुकने से छाती खुलती है और सांस लेने में आसानी होती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए अपने पैरों को एक समान चौड़ाई से खोलकर खड़े हो जाएं। फिर अपने शरीर को आगे की ओर मोड़ें और पीठ के निचले हिस्से में हो रहे तनाव को कम करने के लिए घुटनों को थोड़ा सा मोड़ें। अपने हाथों से पैरों के निचले हिस्से को पकड़ें और पांच बार गहरी सांस लें। इससे सांस नली को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
साइड बेंड

ये मुद्रा आपके शरीर और लंग्स को खोलती है। इसे करने के लिए अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं। पेट को अंदर की ओर खीचें लेकिन सुनिश्चित करें कि पर्याप्त तरीके से सांस लेते समय आपका डायफ्रेम काम कर सके। फिर अपने दाहिने हाथ को अपने दाहिने कूल्हे पर रखें और अपनी बाईं हथेली को बाहर की ओर मोड़ें। धीरे-धीरे दाईं ओर झुकते हुए अपने बाएं हाथ को अपने सिर के ऊपर उठाएं। इस मुद्रा को बनाए रखते हुए धीरे-धीरे सांस अंदर-बाहर करें और फिर दूसरी तरफ से दोहराएं।
कोबरा पोज
कोबरा पोज छाती और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है जिससे सांस लेने में आसानी होती है साथ ही अस्थमा में भी आराम मिलता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए पैरों को पीछे की ओर रखते हुए सामने की ओर लेटें और अपने हाथों को दोनों ओर रखें। हथेलियां फर्श पर रखते हुए अपने कंधों के ठीक नीचे रखें। धीरे-धीरे अपने ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं और कोहनियों को कंधों के नीचे ले आएं। सामने देखते हुए सांस को अंदर-बाहर करें और अपनी ठुड्डी को खींच कर रखें।