Don't be afraid of early menopause, welcome it openly
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Early Menopause: इन दिनों अर्ली और प्रीमेच्योर मेनोपॉज काफी बढ़ गया है जबकि आमतौर पर 45 से 50 की उम्र में मेनोपॉज होना शुरू होता है लेकिन पिछले एक दशक से महिलाओं में यह दिक्कत काफी बढ़ रही है। आइए एक्सपर्ट से इसे बारे में समझते हैं।

हर महिला की जिंदगी में मेनोपॉज का दौर अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। वहीं अब अर्ली मेनोपॉज और प्रीमेच्योर मेनोपॉज जैसी स्थितियों ने महिलाओं की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। चिंता की बात ये है कि अधिकांश महिलाएं अर्ली मेनोपॉज के बारे में ज्यादा जानती नहीं हैं। जबकि यह उनकी सेहत से जुड़ा एक अहम मुद्दा है। आइए जानते हैं इसके कारण और उपचार।

Know what is early menopause
Know what is early menopause

मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति भी कहा जाता है। आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच महिलाओं में इसकी शुरुआत होती है। लेकिन अगर 40 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म आना बंद हो जाता है तो यह ‘अर्ली मेनोपॉज’ या ‘प्रीमेच्योर मेनोपॉज’ कहलाता है। इस स्थिति में अंडाशय समय से पहले ही
अंडों का उत्पादन बंद कर देता है, जिससे प्रजनन चक्र को नियंत्रित करने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। जिसका असर प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।

अगर किसी महिला को लगातार 12 महीने से ज्यादा समय से मासिक धर्म नहीं आया है तो यह मेनोपॉज और अर्ली मेनोपॉज है। हालांकि अर्ली मेनोपॉज शुरू होने से पहले हॉट फ्लैश जैसे लक्षण नजर आते हैं। कई बार कैंसर ट्रीटमेंट के लिए की गई कीमोथेरेपी और ओओफोरेक्टॉमी के कारण भी अर्ली और प्रीमेच्योर मेनोपॉज हो सकता है।

अनियमित मासिक धर्म या सामान्य चक्र की तुलना में लंबे या छोटे मासिक धर्म होना अर्ली मेनोपॉज का सबसे अहम लक्षण है। अगर आपको मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है या सिर्फ स्पॉटिंग हो रही है तो ये भी अर्ली मेनोपॉज का इशारा है। मासिक धर्म अगर एक सप्ताह से ज्यादा समय तक चलता है तो यह प्रीमेच्योर मेनोपॉज का लक्षण हो सकता है। अर्ली
मेनोपॉज के कारण महिलाओं को मूड स्विंग, यौन इच्छाओं में कमी, योनि का सूखापन, अनिद्रा, यूरिन लीकेज जैसी समस्याएं भी होती हैं।

अर्ली मेनोपॉज के कई कारण हैं, जिनके विषय में हर महिला को जानकारी होनी चाहिए-

1.समय से पहले मासिक धर्म शुरू होना

बच्चियों में समय से पहले मासिक धर्म शुरू होना। अब बच्चियों की ओवरी समय से पहले ही फंक्शन में आ जाती है और उतनी ही जल्दी अपना फंक्शन खत्म भी कर देती है, जिसे हम अर्ली मेनोपॉज बोलते हैं।

2.जीवनशैली ने बढ़ाई परेशानी

अर्ली मेनोपॉज के बढ़ते मामलों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है बिगड़ी हुई जीवनशैली।
खान-पान से लेकर प्रदूषण तक, एक्सरसाइज की कमी से लेकर धूप से दूर रहने तक,
सभी कहीं न कहीं महिलाओं के हार्मोन को असंतुलित करता है।

3.तनाव भी है कारण

डॉ. गुप्ता का कहना है कि महिलाओं का ओवरी फंक्शन काफी सीधे तौर पर मस्तिष्क की स्थिति पर निर्भर करता है। इससे कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है। यह हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को प्रभावित करता है। वहीं क्रोनिक तनाव के कारण ओव्यूलेशन यानी अंडाशय से अंडे
के निकलने की प्रक्रिया बाधित होती है। ऐसे में अर्ली मेनोपॉज हो सकता है।

4.आनुवंशिकता पर निर्भर

अर्ली मेनोपॉज अनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार क्रोमोसोमल समस्याओं यानी गुणसूत्र संबंधी
समस्याओं के कारण भी अर्ली मेनोपॉज हो सकता है। टर्नर सिंड्रोम, गोनाडल डिसजेनेसिस बहुत कॉमन है। इसके कारण अधूरे गुणसूत्र बनते हैं। ऐसे में अंडाशय अपेक्षा के अनुसार काम नहीं
कर पाता है।

5.वजन पर दें ध्यान

pay attention to weight
pay attention to weight

बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई बढ़ने से शरीर में वसा ऊतक बढ़ने लगते हैं। ऐसे में एस्ट्रोजन प्रभावित होता है। इसलिए नियमित एक्सरसाइज पर फोकस करना जरूरी है।

6.ऑटोइम्यून रोग हैं खतरनाक

थायराइड, रुमेटाइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोग भी अर्ली मेनोपॉज का कारण बन सकते
हैं। ऑटोइम्यून रोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और शरीर के कमजोर हिस्सों पर हमला
करते हैं।

7.मिर्गी बढ़ाती है मर्ज

मिर्गी, अर्ली मेनोपॉज का एक कारण है। एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी रोग से पीड़ित
करीब 14 प्रतिशत महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज होता है। वहीं सामान्य महिलाओं में
यह आंकड़ा मात्र 1 प्रतिशत था।

आप डॉक्टर से संपर्क करके कुछ टेस्ट करवा सकती हैं। एंटी-मुलेरियन हार्मोन टेस्ट, एस्ट्रोजन हार्मोन टेस्ट, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट, थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन
टेस्ट सबसे सामान्य टेस्टों में शामिल हैं।

संतुलित और अच्छी जीवनशैली को अपना कर आप अर्ली मेनोपॉज की स्थिति को
काफी हद तक नियंत्रित कर सकती हैं।

आमतौर पर हार्मोन रिह्रश्वलेसमेंट थेरेपी अपनाकर अर्ली मेनोपॉज से निपटा जाता है।
हालांकि कई बार इससे ब्लड क्लॉट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मेनोपॉज को रोका नहीं जा सकता, लेकिन संतुलित जीवनशैली से अर्ली मेनोपॉज की
स्थिति को रोक सकते हैं। रोज कम से कम 40 मिनट नियमित व्यायाम, योग और
कीगल एक्सरसाइज करें।

healthy diet
healthy diet

ताजे फल-सब्जियों के साथ साबुत अनाज खाएं। विटामिन-ई, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर बादाम, अखरोट में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट अर्ली मेनोपॉज को रोक सकते हैं।
(आभार: आलेख डॉ. रितु महिला रोग विशेषज्ञ (जयपुर के सिटी फैमिली
हॉस्पिटल) से बातचीत पर आधारित है)

“अर्ली मेनोपॉज से बचाव के लिए प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। तला हुआ भोजन कम खाना और धूम्रपान छोड़ना बेहद जरूरी है। उगते सूरज की धूप का सेवन करें।”

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...