आंखों की इस समस्या से परेशान है 50 प्रतिशत जनता: Digital Eyes Problem
Digital Eyes Problem

Digital Eyes Problem: क्या आपको भी आंखों में अक्सर किरकिराहट सी महसूस होती है, क्या आंखों में जलन के कारण आप परेशान हैं, आपको भी लगता है कि आंखें सूखी-सूखी सी हो रही हैं, कभी-कभी आंखों से धुंधला दिखने लगता है! अगर हां, तो मान लीजिए आपको ड्राई आईज की परेशानी ने घेर लिया है। ड्राई आईज एक लाइफस्टाइल डिजीज है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके कारण दुनियाभर की कुल आबादी के औसतन 50 प्रतिशत लोग परेशान हैं। आखिर क्यों यह परेशानी लोगों को तेजी से गिरफ्त में ले रही है, चलिए जानते हैं। 

सबसे बड़ा कारण है यह 

Digital Eyes Problem
Our spoiled lifestyle is not only spoiling our health, but is also taking away the beautiful colors of your world.

दरअसल, आंखों में एक टियर फिल्म यानी आंसुओं की परत मौजूद होती है। यह परत आंखों में नमी बनाने के साथ उसकी सुरक्षा भी करती है। जब इस परत को नुकसान होता है तो ड्राई आईज की समस्या होती है। हमारी बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल न सिर्फ हमारी सेहत बिगाड़ रही है, बल्कि आपकी दुनिया के हसीन रंग भी छीन रही है। जी हां, घंटों मोबाइल देखने और लैपटॉप पर समय बिताने के कारण हर किसी का स्क्रीन टाइम इतना बढ़ गया है कि आंखों की कई परेशानियां खड़ी हो गई हैं। स्क्रीन देखते समय हम एक टक उसे ध्यान से देखते हैं। इसके कारण पलकें झपकाने की प्रक्रिया 66 प्रतिशत तक कम हो गई है। ऐसे में ड्राई आईज की परेशानी लगातार बढ़ रही है। कई बार लंबे समय तक एयर कंडीशनर में बैठने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। एयर कंडीशनर हवा में नमी की मात्रा को कम करता है, जिसका असर आंखों पर पड़ता है।

बच्चे भी हो रहे हैं प्रभावित 

उत्तर भारत के 32% लोग ड्राई आईज की परेशानी से पीड़ित थे।
32% of the people of North India were suffering from the problem of dry eyes.

इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी की ओर से साल 2018 में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर भारत के 32% लोग ड्राई आईज की परेशानी से पीड़ित थे। बड़ी समस्या यह है कि यह बीमारी सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चों को भी तेजी से चपेट में ले रही है। जिसका असर आंखों के रेटिना पर पड़ता है। आजकल हर बच्चा मोबाइल देखना पसंद करता है। कुछ बच्चे तो इसके बिना खाना तक नहीं खाते। ऐसे में उनकी कोमल आंखों पर इसका असर हो रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी के विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना के पहले 3% बच्चे ड्राई आईज की परेशानी से जूझ रहे थे। लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा 67 प्रतिशत तक पहुंच गया। विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चों को मोबाइल और स्क्रीन से दूर रखने के लिए पेरेंट्स को प्रयास करने की जरूरत है। बच्चों को आउटडोर खेलने की आदत डालने और उनके साथ समय बिताने से उनका स्क्रीन टाइम अपने आप कम हो जाएगा। 

बढ़ती उम्र भी है एक कारण 

 50 साल के पार के लोगों में यह समस्या होना आम बात है।
It is common for people above the age of 50 to have this problem.

ऐसा नहीं है कि ड्राई आईज की परेशानी सिर्फ स्क्रीन टाइम बढ़ने या अन्य कारणों से ही होती है। कई बार बढ़ती उम्र के कारण भी यह समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार 50 साल के पार के लोगों में यह समस्या होना आम बात है। क्योंकि इस उम्र में आंसुओं का उत्पादन अपने आप कम हो जाता है। ऐसे में अपनी डाइट पर ध्यान देकर और लाइफस्टाइल में परिवर्तन करके आप इस परेशानी से निजात पा सकते हैं। 

इन घरेलू उपायों को अपनाएं 

कोशिश करें की लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल देखने के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लें। 
Try to take breaks in between while watching laptop, computer and mobile.

ड्राई आईज की परेशानी से कुछ उपाय करके राहत मिल सकती है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आप समय रहते सावधान हो जाएं। 

1. सबसे पहले कोशिश करें की लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल देखने के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लें। 

2. धूप, धूल और गंदगी वाली जगह पर जाने से बचें। अगर जाना पड़े तो आंखों पर चश्मा लगाएं। इसी के साथ सिगरेट, आग या चूल्हे के धुएं से बचें। 

3. अपने घर खासकर बिस्तर के पास एक ह्यूमिडिफायर रखें, इससे आंखों में नमी बनी रहेगी। 

4. रोज सुबह पांच मिनट के लिए आंखों में गुनगुने पानी में भीगा हुआ नरम कपड़ा रखें। फिर हल्के हाथ से पलकों की मसाज करें। इससे आंखों में नमी बनेगी। 

5. कम्प्यूटर स्क्रीन को आंखों के लेवल से दूर रखने की कोशिश करें। आदर्श दूरी करीब 20 इंच मानी जाती है। 

6. किसी भी गैजेट उपयोग करते समय पर्याप्त रोशनी होना जरूरी है। गैजेट की ब्राइटनेस मेंटेन रखना न भूलें। यह न बहुत तेज होनी चाहिए, न ही बहुत कम।

7. आंखों को पर्याप्त आराम देकर भी आप इनकी ड्राइनेस कम कर सकते हैं। दिन में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। 

8. कई बार कम पानी पीने के कारण भी आंखों में सूखापन होने लगता है। इसलिए पर्याप्त पानी पिएं। 

9.आलू की दो पतली स्लाइस काटकर फ्रिज में रखें। जब ये ठंडी हो जाएं तो इन्हें आंखों में कम से कम 20 मिनट के लिए रखें। इससे आंखों का सूखापन कम होगा। आप खीरे की स्लाइस भी रख सकते हैं। 

10. आंखों के लिए आंवला अमृत समान है। आंखों की ड्राईनेस कम करने के लिए एक चम्मच शहद में एक आंवले का रस मिलाएं और रोज इसका सेवन करें। इससे आपको फायदा मिलेगा। 

डाइट में बदलाव करके देखें 

आपकी डाइट का सीधा असर भी आपकी आंखों पर पड़ता है।
Your diet also has a direct effect on your eyes.

आपकी डाइट का सीधा असर भी आपकी आंखों पर पड़ता है। ऐसे में अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके आप अपनी आंखों को सेहतमंद रख सकते हैं। 

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना खाएं

आंखों के लिए एंटीऑक्सीडेंट काफी सेहतमंद होते हैं। इससे ड्राई आईज की परेशानी दूर होती है। इसलिए अपनी डाइट में अदरक, लहसुन और हल्दी को भरपूर मात्रा में शामिल करें। 

पत्तेदार सब्जियां

ये बात तो हम सभी जानते हैं कि पत्तेदार सब्जियां हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए भी अच्छा होता है। इन पत्तियों में मौजूद फोलेट से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। 

नट्स और सीड्स

अपनी डाइट में अखरोट, काजू, मूंगफली जैसे नट्स शामिल करें। इनमें भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 और विटामिन ई पाया जाता है। जिससे आंखों की ड्राइनेस कम होती है। वहीं चिया और अलसी के बीजों में ओमेगा-3 होता है, जो आंखों को हेल्दी रखता है।  

पोटेशियम युक्त भोजन

जिन लोगों को ड्राई आईज की समस्या होती है, उनमें पोटेशियम कम होता है। इसलिए उन्हें गेहूं का दलिया, केले, बादाम, अंजीर, किशमिश और एवोकाडो को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।