ड्राई आई की समस्या से राहत पाने के लिए इन 4 योगसनों की लें मदद: Yoga for Dry Eyes
अगर आप ड्राई आई की समस्या से परेशान है, तो आप यहां दिए गए योगासन की मदद से इस समस्या से निजात पा सकते है।
Yoga for Dry Eyes: ड्राई आई की समस्या की वजह से आंखें कमजोर होने लगती है। आजकल कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर ही लोगों का सबसे ज्यादा समय बीतता है। इसकी वजह से आंखों का तरल पदार्थ सूखने लगता है और आंखें ड्राई होने लगती है। आंखों के ड्राई होने की वजह से आंखों में खुजली, दर्द और चुभन जैसे लक्षण नजर आते है। लेकिन ये कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर ही काम करने की वजह से नही होता है। कभी- कभी गर्भावस्था, मेनोपॉज, हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण भी ड्राई आई की समस्या हो सकती है। इसलिए आज हम आपकी इस परेशानी का हल लेकर आए है। आज हम ड्राई आई की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ योगसनों के बारे में बताने वाले है, को चलिए जानते है।
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त्राटक
- त्राटक करने के लिए सबसे पहले योगा मैट लें और किसी अंधेरे और शांत कमरे में बैठ जाएं।
- अब एक दिया या मोमबत्ती लें और इसे आंखों से 50-100 सेमी की दूरी पर रखें।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करके योगा मैट पर बैठ जाएं।
- अब मोमबत्ती को जलाएं और आंख बंद करके बैठ जाएं।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लेना शुरू करें।
- धीरे- धीरे सांस को छोड़ते रहें। मोमबत्ती की पराछाई को ध्यान में रखकर ध्यान लगाएं।
- आप इस प्रक्रिया को दो से तीन बार दोहरा सकते है।
शवासन
- शवासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों आंखों को बंद करके पैरों को अलग- अलग फैला लें। शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स रखें।
- अब दोनों हाथों को बगल में रखकर फैलाएं। ध्यान रहें हथेलियां दोनों खुली होनी चाहिए।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लेना शुरू करें। धीरे- धीरे सांस को छोड़ दें।
- अब धीरे- धीरे सांस छोड़ते हुए सुखासन में बैठ जाएं और दोनों आंखों को खोल लें।
- आप इस आसन को तीन से चार बार दोहरा सकते है।
भ्रामरी प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए किसी शांत और हवादार जगह पर बैंठ जाएं और दोनों आंखों को बंद कर लें।
- अब अपनी तर्जनी उंगलियों को अपने दोनों कानों पर रखें।
- इसके बाद मुंह बंद करके नाक से सांस लेना और छोड़ना शुरू करें। सांस छोड़ते समय आप ऊँ का उच्चारण कर सकते है।
- ऐसे ही इस प्रक्रिया को 5 से 7 बार दोहराएं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद बाएं हाथ से ज्ञाम मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे दाई नासिका को बंद करते हुए बाएं नासिका से सांस लें।
- अब बाई नासिका को बंद करके दाई नासिका से सांस छोड़ें।
- इस क्रिया को आप दोहरा सकते है। ध्यान रहें इस आसन को सही तरीके से करने पर ही लाभ प्राप्त हो सकता है।