बुढ़ापे में भी कमजोर नहीं होंगी आपकी आंखें, रखें उनका खास ध्यान: World Sight Day 2023
World Sight Day 2023

World Sight Day: यह दुनिया कितनी सुंदर है और इस दुनिया को हम अपनी आंखों के जरिये ही तो देख पाते हैं। लेकिन कई बार गलत तरीके से पढ़ने या टीवी देखनेे, हैल्दी डाइट न लेने, हाइजीन का ध्यान न रखने, चोट लगने जैसे कारणों का इफेक्ट हमारी आंखों पर पड़ता है। ऊपर से लापरवाही बरतने पर परेशानी तो होती ही है, आई-साइट तक कमजोर हो जाती हैं। स्थिति यहां तक हो जाती है कि व्यक्ति को चश्मा तक लगाना पड़ता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि अपनी आंखों की देखभाल करना। फिर भी अगर देखने में किसी भी तरह की समस्याआ रही हो, तो बिना किसी शर्म या डर के आइज-स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए। सही इलाज और देखभाल से आपकी आई-साइट ठीक भी हो सकती हैं।

आई-साइट कमजोर होने की निशानी

World Sight Day 2023
World Sight Day- EyeSight Weakness Reason

आप सोच रहे होंगे कि आई-साइट कमजोर होने का पता कैसे चलेगा। इसे जांचना बहुत आसान है। घर-बाहर काम करते हुए, पढ़ते हुंए या कंप्यूटर पर सर्फिंग करते हुए अगर आपको देखने में किसी भी तरह की मुश्किलं आ रही हो, तो समझ जाएं कि कुछ गड़बड़ है-

  • दूर की चीजें ठीक से नहीं देख पा रहे हों या देखने में आंखों पर ज़ोर पड़ रहा हो।
  • पढ़ते या लिखते समय धुंधला दिखाई दे रहा हो और ठीक से काम न कर पा रहे हों।
  • टीवी या कंप्यूटर देखते, मोबाइल पर काम करते वक्त सिर में दर्द हो रहा हो।
  • कुछ रंगों के बीच फर्क पहचान न पा रहे हों।
  • हाइजीन का ध्यान न रखने पर होने वाले इंफेक्शन से या धूप में जाने पर आंखों में इचिंग, इरीटेशन, स्वेलिंग या आई-फ्लू जैसी प्राॅब्लम्स हो रही हो।

आंखों का रखें ध्यान

चेकअप कराने के बाद आपको आइज-स्पेशलिस्ट डाॅक्टर द्वारा दी गई सलाह के साथ अपने रूटीन का ध्यान और कुछ जरूरी बातों पर अमल भी करना चाहिए। बेहतर होगा साल में कम से कम एक बार आइज चेकअप कराते रहें ताकि आइज-साइट में आए बदलावों पर नजर रखी जा सके।

  • अगर आपकी आई-साइट कमजोर है, चाहे वह पास की हो या दूर की-चश्मा जरूर पहनें, हिचकिचाएं नहीं।
  • लेट कर न तो पढ़े, न ही टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल देखें-इससे आंखों पर तनाव पड़ता है।
  • अच्छा हो कि इन कामों के लिए आप स्टडी टेबल से दोस्ती कर लें। इससे एक्टिव रहने के साथ-साथ आपकी आंखों को भी नुकसान नहीं होगा। टेबल भी आपके हिसाब से होनी जरूरी है। टेबल न इतनी ऊंची हो कि आपकी कोहनियां टेबल पर टिक न सके और न इतनी नीची हो कि काम करने के लिए आपको झुकना पड़े। कुर्सी भी कंफर्टेबल होनी चाहिए ताकि आपको पैर लटकाने न पड़े।
  • आपके कमरे और टेबल पर लाइट की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  • किताबों या कंप्यूटर के ऐसे फाॅन्ट का चयन करें जो काले, नीले या डार्क रंग के हों। यह भी ध्यान रखें कि कई रंगों का एक साथ प्रयोग न करें ताकि आंखों पर तनाव न पड़े।
  • पढ़ते वक्त आप 20: 20: 20 का फार्मूला अपनाएं। टेबल पर रखी बुक से आपकी आंखें 20 इंच या दो हाथ की दूरी होनी चाहिए। लगातार पढ़ने के बजाय 20 मिनट के बाद एक छोटा-सा 20 सेकेंड का ब्रेक लें। इससे आप अच्छा परफोर्म कर पाएंगे। इस ब्रेक में आप आंखे बंद कर बैठ सकते हैं और चाहे तो आंखों के व्यायाम कर सकते हैं। खीरे या आलू के स्लाइस बंद आंखों पर रखना तो और ज्यादा बेहतर है। इनकी ठंडक से आपकी आंखों को आराम मिलेगा।
  • लंबे समय तक कंप्यूटर या टीवी की स्क्रीन न देखें। बीच-बीच में अपनी आंखों को बंद करें या कमरे में दूसरी तरफ देखें। कुछ देर के लिए कमरे से बाहर खुली हवा में जाएं, फ्रेश हो जाएंगे।
  • कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी की स्क्रीन की ब्राइटनेस और कंट्रास्ट को एडजेस्ट करके इस्तेमाल करें। इससे आंखों में स्ट्रेस कम पड़ेगा और नजर कमजोर होने का रिस्क नहीं रहेगा।
  • हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। इससे आप अपनी आंखों को इंफेक्शन से दूर रख सकते हैं। गंदे हाथ आंखों में जाने से इंफेक्शन का खतरा रहता है जिससे देखने में दिक्कत आ सकती है।
  • सूरज की यूएवी किरणों से बचाव के लिए बाहर जाते वक्त धूप का चश्मा या फोटोक्रोमेटिक स्पेक्स जरूर पहनें। फैक्ट्री में काम करते वक्त काला चश्मा जरूर पहनें जिससे कैैमिकल्स, आग की चिंगारियों, धुएं से आंखों का बचाव हो सके। इसी तरह स्वीमिंग, स्नो सर्फिंग जैसे गेम्स खेलते हुए फोटोक्रोमेटिक स्पेक्स जरूर पहनें।
  • 3 महीने से पुराने काॅस्मेटिक की चीजों का प्रयोग आंखों के लिए घातक है। इसलिए इस्तेमाल करने या खरीदते समय इन चीजों की काॅस्मेटिक्स की एक्सपाॅयरी डेट जरूर चेक करें।

नियमित चेकअप

अगर आपको आंखों में किसी समस्या की जरा-सी भी आशंका हो, तो तुरंत अच्छे आइज-स्पेशलिस्ट डाॅक्टर को कंसल्ट करना चाहिए। आइज-चेकअप कराकर बिना किसी हिचक के उनकी बात फोलो करनी चाहिए। कम से कम नंबर  का स्पेक्स होने पर भी जरूर लगाना चाहिए। डाॅक्टर की सलाह पर ही स्पेक्स या लैंस का उपयोग करना चाहिए।

स्वस्थ खान-पान है जरूरी

अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक तत्वों से भरपूर बेलेंस डाइट लेनी बहुत आवश्यक है। विशेषकर विटामिन ए से भरपूर डाइट फायदेमंद है। जो पीले-लाल फल और सब्जियों में आसानी से मिलती है जैसे- पपीता, आम, तरबूज, अंगूर, गाजर, सीताफल, ब्रोकेाली, हरी पत्तेदार सब्जियां, गोभी। प्रति सप्ताह आपके भोजन में इनकी कम-से-कम तीन सर्विंग होनी चाहिए। इसके अलावा डेरी उत्पाद, साबुत अनाज और हैल्दी फैट का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। मछली, जिगर, अंडा, अलसी का तेल और सूरजमुखी का तेल जैसे खाद्य पदार्थेा के नियमित सेवन करना चाहिए।

आंखों के लिए योग

आंखों के ये योग आपको आराम पहुंचा सकते हैं-

  • डेस्क-जाॅब या स्टडी करते हुए हर 15-20 मिनट बाद अपनी आंखों को ब्रेक दें।
  • धीरे-धीरे कोई दूर की चीज देखें, फिर अपनी नजर अपने काम या कंप्यूटर स्क्रीन लाएं। ऐसा करीब 10 बार करें।
  • अपनी आंखों को धीरे-धीरे दाएं-बाएं घुमाएं। अपनी आंखें कुछ सेकेंड के लिए बंद करें। ऐसा 2-5 बार करें।
  • इसी तरह धीरे-धीरे अपनी आंखें ऊपर-नीचे घुमाएं और कुछ समय के लिए बंद करें।
  • धीरे-धीरे आंखों को धीरे-धीरे आंखों को चारों ओर क्लाॅकवाइज और एंटी-क्लाॅकवाइज दिशा में घुमाएं और अपनी आंखें बंद करें।
  • फिर कुछ दूर देखो और 5 से उल्टी गिनती करें। अपनी किताब या कंप्यूटर स्क्रीन को देखें और 10 से उल्टी गिनती करते हुए ध्यान केंद्रित करें।
  • अपनी आंखें बंद करो और 10 बार सांस धीरे-धीरे अंदर-बाहर खीचें। ऐसा करने से आपकी आंखें ही नहीं, शरीर भी रिलेक्स होगा। 

(डाॅ नीलम अत्री, आइज-स्पेशलिस्ट, श्राफ आई सेंटर, दिल्ली)