Contraceptive Injection: अनचाही प्रेगनेंसी हर महिला के लिए एक बड़ी समस्या है। हर माह इसकी टेंशन देश की लाखों महिलाओं को रहती है। ज्यादातर महिलाएं इससे बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं। लेकिन अब इन पिल्स को रोज-रोज खाने की परेशानी खत्म हो गई है। पिछले कुछ सालों से कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन चलन में आए हैं। हालांकि इन इंजेक्शन के विषय में ज्यादातर महिलाएं अभी भी सब कुछ नहीं जानती। चलिए आज हम आपको बताते हैं कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन को लेकर हर वो बात, जो आपके लिए जरूरी है-
Contraceptive Injection: ऐसे काम करता है कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन

कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन महिलाओं में अनचाही प्रेगनेंसी को रोकते हैं। ये इंजेक्शन तीन महीने तक असरदार रहते हैं। इस इंजेक्शन को डीएमपीए यानी डिपो मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसीटेट नाम दिया गया है। इसमें प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन या कुछ में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उपयोग किया जाता है। जब इस इंजेक्शन को महिला को लगाया जाता है तो यह हार्मोन शरीर में काम करना शुरू कर देता है। इसका सीधा असर अंडाणु पर होता है। ये हार्मोन शरीर में जाकर अंडे बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं। साथ ही गर्भाशय में म्यूकस को गाढ़ा करते हैं। ऐसे में एग बनने और उनके फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया बंद हो जाती है। साथ ही यह इंजेक्शन महिला के शरीर में शुक्राणु का प्रवेश मुश्किल कर देता है। ऐसे में अंडाणु और शुक्राणु मिल नहीं पाते और आप अनचाही प्रेगनेंसी से बच जाती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन की सफलता की दर 99 प्रतिशत है।
जानिए क्या है कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के फायदे

कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे रोज लेने की जरूरत नहीं है। अकसर गर्भनिरोधक गोलियों में रोज लेने की झंझट महिलाओं को परेशान करती है, कई बार महिलाएं गोलियां लेना भूल जाती हैं और उन्हें प्रेगनेंसी की टेंशन सताने लगती हैं। लेकिन इंजेक्शन आपको तीन महीने तक इस टेंशन से दूर रखेगा। इसी के साथ आप चाहें तो इस बात को सीक्रेट भी रख सकती हैं कि आपने कोई कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन लगवाया है। इतना ही नहीं बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी महिलाएं इसे लगवा सकती हैं। ब्रेस्ट फीडिंग पर इसका कोई असर नहीं होता है, ऐसे में आपको बच्चे को स्तनपान करवाने में कोई परेशानी नहीं होती।
तीन प्रकार के होते हैं गर्भनिरोधक इंजेक्शन
कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन को तीन कैटिगरी में रखा गया है। पहला है मंथली इंजेक्शन, जिसका असर एक माह तक रहता है। दूसरा इंजेक्शन दो माह तक असरदार रहता है। वहीं तीसरा इंजेक्शन तीन माह तक इफेक्टिव रहता है। अधिकांश महिलाएं तीन माह वाले इंजेक्शन को ही प्रिफर करती हैं।
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ये हैं कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स

वैसे तो कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन को काफी सेफ माना जाता है। फिर भी इसके कुछ साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं, जैसे- पीरियड में कम या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग, पीरियड्स का अनियमित होना, वेट गेम करना आदि। अगर आप साल भर में ही दूसरी बार गर्भधारण करना चाहती हैं तो इस इंजेक्शन को न लगवाएं। इसी के साथ अगर आप हार्ट की किसी बीमारी से, स्ट्रोक और लीवर की बीमारियों से पीड़ित हैं तो भी आप इसे लगाना अवॉइड करें। कई बार इसे लगाने से मूड स्विंग जैसी परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में इस इंजेक्शन को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
