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हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपोथायरायडिज्म, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी कई गंभीर बीमारियां कब्ज के कारण ट्रिगर होती हैं। इसी के साथ हाइपरकैल्सीमिया, पार्किंसन के साथ ही कई न्यूरोपैथी डिसऑर्डर का जोखिम तक बढ़ सकता है।
Constipation Remedy: हमारे शरीर की आधी बीमारियां पेट से जुड़ी हैं। कब्ज कई बीमारियों की जड़ है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपोथायरायडिज्म, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी कई गंभीर बीमारियां कब्ज के कारण ट्रिगर होती हैं। इसी के साथ हाइपरकैल्सीमिया, पार्किंसन के साथ ही कई न्यूरोपैथी डिसऑर्डर का जोखिम तक बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आप भी कब्ज की समस्या को बहुत ही आम समझ रहे हैं तो आपको संभलने की जरूरत है। आपको अपने रूटीन और खानपान को सुधारने की आवश्यकता है। आपका खाना फाइबर से भरपूर होना चाहिए, जिससे आप पेट से संबंधित परेशानियों से बच सकें। अपने ब्रेकफास्ट में सिर्फ एक चीज शामिल करके आप कब्ज से राहत पा सकते हैं।
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ये हैं कब्ज के कारण

कब्ज सिर्फ फाइबर की कमी के कारण ही नहीं होती है। इसके पीछे कई और कारण भी हैं। अगर आप पानी कम पीते हैं तो भी आपको यह समस्या हो सकती है। कई बार बीमारियों और दवाओं के कारण भी कब्ज की परेशानी होती है। हालांकि फाइबर रिच डाइट खाने से आप राहत पा सकते हैं। इसलिए सुबह के ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक और स्नैक्स तक में आपको फाइबर पर फोकस करना चाहिए। आपको हर सर्विंग पर कम से कम 3 ग्राम फाइबर खाना चाहिए। फल, सब्जियों, साबुत अनाज, ओटमील, बीन्स, दालों आदि से आप हाई फाइबर पा सकते हैं। दिनभर में पर्याप्त पानी का सेवन भी जरूरी है। प्रोसेस्ड शुगर, नमक, तेल आदि का सेवन कम करने से भी आपको फायदा मिलेगा।
ब्रेकफास्ट के लिए बेस्ट है ये
हर वयस्क को प्रतिदिन 28 से 35 ग्राम तक फाइबर खाना चाहिए। हालांकि अधिकांश लोग इस टारगेट से पिछड़ जाते हैं। लेकिन अगर आप ब्रेकफास्ट फाइबर से भरपूर लेंगे तो आप इस लक्ष्य को पा सकते हैं। आमतौर पर लोग ठीक से फ्रेश होने के लिए सुबह दो से तीन बार चाय या कॉफी पीते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं अपनी दूसरी चाय या कॉफी के साथ आप हाई फाइबर मिड मॉर्निंग स्नैक लें। या फिर इसी समय ब्रेकफास्ट कर लें। ब्रेकफास्ट के लिए केला और ओटमील बेस्ट ऑप्शन है। ओटमील फाइबर का भंडार होता है। इसमें आप ब्लूबेरी, बादाम, पिस्ता, सीड्स आदि डालकर खा सकते हैं। ये सभी फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कब्ज की समस्या को दूर करते हैं। यह घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का शानदार मिश्रण होता है जो आपकी आंतों को पूरी तरह से साफ करता है। ऐसे में यह कब्ज को दोगुने प्रभाव से दूर करता है।
बढ़ता है आंतों का माइक्रोबायोम
आंतों का माइक्रोबायोम ठीक होना पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ओट्स में बीटा ग्लूकन नामक घुलनशील फाइबर होता है, जो मल को हाइड्रेट करता है, जिससे कब्ज की परेशानी दूर होती है। बीटा-ग्लूकन आंत की सूजन को भी कम करता है, जिससे हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है। इससे आंतें हेल्दी रहती हैं।
पॉलीफेनोल्स का है भंडार
पॉलीफेनोल्स आमतौर पर प्लांट बेस फूड्स में पाया जाता है। जब आप ओट्स में ब्लूबेरी, केला, बादाम, सीड्स आदि शामिल करते हैं तो आपके ब्रेकफास्ट में फाइबर के साथ पॉलीफेनोल्स भी जुड़ जाता है। इससे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे आंतों की सूजन कम होती है और परतें मजबूत होती हैं। ऐसे में एक तो आपका ब्रेकफास्ट बहुत हेल्दी बन जाता है, दूसरा यह आंतों को अच्छे से साफ करने में मददगार बनता है। इसलिए नियमित रूप से ब्रेकफास्ट में ओटमील शामिल करें।
