प्रदूषण के समय अपने खानपान का रखें ध्यान, नहीं होंगे बीमार: Anti Pollution Diet
Anti Pollution Diet


Anti Pollution Diet: इन दिनों दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग न चाहते हुए भी वातावरण में फैल रहे वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। हवा में घुली जहरीली गैसों के चलते लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। यह प्रदूषण सांस के जरिये बॉडी में पहुंच कर फ्री-रेडिकल्स बनाते हैं जिनका असर आंतरिक और बाह्य स्वास्थ्य पर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रदूषण कई सिगरेट एक साथ पीने के समान है। सांस लेने में दिक्कत होना, गले में खराश या जलन, सिर दर्द, आंखों में जलन या खुजली होना, उल्टी, पेट दर्द जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं। जो कालांतर में अस्थमा और सांस संबंधी दिक्कतें हो जाती हैं, फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज, साइनोसाइटिस जैसे गले या फेफड़ों में इंफेक्शन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है-इम्यूनिटी का मजबूत होना। प्रदूषण के कारण बने फ्री-रेडिकल्स को रिमूव करने के लिए बॉडी का डिटॉक्सिफिकेशन होना जरूरी है। और यह तभी होता है जब डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छी तरह काम कर रहा हो। इसके लिए ऐसी डाइट लेनी जरूरी है जो शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से रोके और फेफड़ों को मजबूत बनाए। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार के नियमित नियमित सेवन से अपनी सेहत को प्रदूषण के प्रभाव से बचाया जा सकता है।

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रखें अपनी डाइट का ध्यान

सलाद

पोष्टिक और संतुलित आहार लेना जरूरी है। एंटी ऑक्सीडेंटए विटामिन और मिनरल से भरपूर बैलेंस डाइट लें। अलग-अलग रंगों की ताजी फल-सब्जियां अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। ध्यान रखें कि एंटी ऑक्सीडेंट पकाये गए भोजन की अपेक्षा कच्चे खाद्य पदार्थों में ज्यादा मिलते हैं। इसके लिए आहार के साथ सलाद ज्यादा से ज्यादा लें। सलाद में विशेषकर लाइकोपीन एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर टमाटर जरूर लेने चाहिए जो शरीर को प्रदूषक तत्वों से बचाने में मदद करते हैं।

विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ

वसा में घुलनशील विटामिन ए फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर की कोशिकाओं को रिजनरेट करने में मदद करता है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से नाक में इंफेक्शन हो जाता है, ब्लॉकेज या म्यूकस की समस्या हो जाती है। इससे बचनेे के लिए विटामिन ए बहुल खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत सहायक होता है जैसे-गाजर, सीताफल,ब्रोकली, मछली।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ

प्रदूषण से बचाव के लिए आहार में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी से भरपूर सिटरस फलों, आंवला, बेरी, अंगूर, कीवी, अमररूद जैसे फल नियमित रूप् से लेने चाहिए। विटामिन सी हमारे ब्लड में वाइट ब्लड सेल्स को विकसित करने में मददगार हैं। वाइट ब्लड सेल्स हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं । वातावरण मंे मौजूद प्रदूषक तत्वों से शरीर की कोशिकाओं को होने वाली क्षति को रोकने और स्मॉग के खतरनाक प्रभाव से हमारा बचाव करने में मदद करते जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन से साबित हुआ है कि विटामिन सी रिच खाद्य पदार्थ वातावरण की ओज़ोन लेयर में मौजूद टॉक्सिक प्रदूषक तत्वों से शरीर को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।

विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ

Vitamin E Diet
Anti Pollution Diet-Vitamin E

दूषित वायु में मौजूद एलर्जन तत्व फेफड़ों और शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचते हैं। जिसके लिए रोजाना आहार में विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी है। जैसे- गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियों, ऐवोकेडो, अंडे, ड्राई फ्रूट्स। इसके अलावा आहार में सेलेनियम मिनरल्स का सेवन करना फायदेमंद है जो लहसून, हरी पत्तेदार सब्जियों, ओेट््स, मशरूम, मछली मिलता है।

भरपूर सब्जियों का सेवन

यथासंभव वेजीटेबल या नॉन-वेज सूप ले सकते हैं जो शरीर को गर्माहट प्रदान करने के साथ-साथ पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। चुकुंदर, गाजर , टमाटर, पालक, खीरा, अदरक जैसी ताजी सब्जियों का जूस पीना फायदेमंद है जिसमें आप फ्लेवर के लिए धनिया-पुदीना भी शामिल कर सकते हैं।

ड्राई फ्रूट्स

बादाम, किशमिश, अखरोट, मुनक्का जैसे मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स और दिन मंे 1- 2 चम्मच अलसी, कद्दू जैसे बीज का नियमित सेवन लाभकारी है। इनमें मौजूद मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट फेफड़ों से टॉक्सिक कणों को बाहर निकालकर शरीर पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। प्रदूषण की वजह से होने वाले एलर्जिक समस्याओं को कम करते हैं।

त्रिफला का सेवन

रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण शहद, गर्म पानी या दूध के साथ लेना फायदेमंद है। इससे डायजेशन में सुधार तो होगा ही, शरीर डिटॉक्सिफाई भी होगा। शहद के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद है।बच्चों के लिए त्रिफला का सिरप भी आ गया हैए वो सोते समय एक चम्मच सिरप ले सकते हैं।

हल्दी

कच्ची हल्दी से बना गर्म दूध पीना फायदेमंद है। इम्यूनिटी मजबूत होती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व शरीर को वायु प्रदूषण से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। प्रदूषण के जहरीले प्रभावों से फेफड़ों को बचाने और प्रदूषक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

थोड़ा-सा गुड़ है प्रभावी

फेफडो को साफ करने में गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आर्टिरीज केा साफ करता है जिससे हमारी ब्लड में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रूप से होने में सहायक है। गुड़ फेफड़ों में मौजूद प्रदूषक तत्वों को निकालने और श्वास संबंधी दिक्कत कम करता है। खाना खाने के बाद दिन में कम से कम 5 ग्राम गुड़ खाना फायदेमंद है। रात केा गर्म दूध के साथ सोते समय ले सकते हैं। चाहे तो चाय और तिल के लड्डू भी बना कर खा सकते हैं।

हर्ब्स भी हैं उपयोगी

वातावरण में फैले प्रदूषण का सामना करने और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए हमारी किचन में उपलब्ध हर्ब्स को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए जैसे- हल्दी, अदरक, लहसून अजवायन, मेथीदाना, काली मिर्च, काली जीरी, तुलसी। इनमें मौजूद एंटीबायोटिक गुण कफ से निजात दिलाने में असरदार है।

ऽ अदरक की चाय पीना फायदेमंद है। आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर लें। अदरक इम्यूनिटी को बढाती है और सांस से जुडी समस्याओं में फायदेमंद है।
ऽ गले में खराश महसूस हो रही हो तो जिंजर काढ़ा पिएं। एक गिलास में छोटा.सा जिंजरए 4.5 पत्ते तुलसी और 2.3 दाने काली मिर्च मिलाकर पानी आधा रह जाने तक उबालें। तैयार काढ़ा दिन में 2.3 बार यह पानी थोड़ा.थोड़ा करके पिएं। गले की खराश कम होगी और श्वसन तंत्र का पैसेज क्लीन हो जाएगा। अगर बलगम की शिकायत है तो थोड़ा रॉक सॉल्ट मिला सकते हैं।
ऽ पिसी काली मिर्च को शहद के साथ लेने से चेस्ट में जमा कफ दूर होता है। प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याओं से बचने में कारगर है
ऽ प्रदूषण से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए एक गिलास दूध में 3 ग्राम या आधा छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर जरूर पिएं। आप एक चम्मच शहद में 3 ग्राम हल्दी मिलाकर भी ले सकते हैं।
ऽ तुलसी का जूस पिएं। रेडिमेड 10-15 मिली तुलसी के जूस को पानी मिलाकर दिन में दो बार लें। यह आपकी सांस की नली या श्वसन तंत्र से प्रदूषक तत्व हटाने में सहायक है। घर में तुलसी के 5.6 पत्तों को पीस लें। निचोड़ कर रस निकाल लें। इसमें शहद मिलाकर एक चम्मच ले सकते हैे।

खुद को रखें हाइड्रेट

प्रदूषण से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेना और शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है। लिक्विड डाइट शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रूप से चलाने, प्रदूषक तत्वों या फ्री रेडिकल्स को डायल्यूट करके शरीर से बाहर निकालने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसे देखते हुए चाय-कॉफी जैसे कैफीनयुक्त पेय कम से कम लेने चाहिए क्योंकि ये शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं जिससे शरीर में इम्यूनिटी लेवल कम होता है।

बेहतर है कि सुबह उठते ही गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पिएं। दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। गुनगुना पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है। इसके अलावा मिक्स वेजिटेबल जूस, नारियल-नींबू डिटॉक्स वॉटर, सूप जैसे ड्रिंक्स पिएं। नींबू पानी में पुदीना और अदरक का रस मिलाकर पीना बेहतर है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ फेफड़ों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। हल्दी और अदरक का रस मिलाकर बनी चाय या गर्म पीने सुपरफूड माना जाता है जिससे वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।

(डॉ रचना कटारिया,आहार विशेषज्ञ, डाइट क्लीनिक, दिल्ली)