Remedies of Headache: सिरदर्द एक काॅमन समस्या है जो किसी को भी, कभी भी हो सकती है। कभी यह दर्द पूरे सिर में होता है तो कभी आधे सिर में, कभी सिर के एक हिस्से में होता है तो कभी दूसरे हिस्से में। जरूरी नहीं कि इसके पीछे कोई खास वजह या कोई बीमारी ही हो, यह बेवजह भी हो सकता है। और सबसे महत्वपूर्ण है कि यह सिरदर्द किसी व्यक्ति को जल्दी ठीक हो जाता है, तो किसी के लिए जी का जंजाल बन जाता है और उनकी दिनचर्या, कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। जो भी हो सिरदर्द की समस्या को हल्के में लेना, बिना डाॅक्टर को कंसल्ट किए पेनकिलर मेडिसिन लेना या समुचित उपचार न करना, भविष्य में गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है।
कितनी तरह का होता है सिरदर्द
इसेे दो तरह से देखा जा सकता है- प्राइमरी सिरदर्द जिनके पीछे कोई खास रीजन नही होता या किसी भी तरह की टेंशन से होने वाला सिरदर्द। दूसरा सेकेंडरी सिरदर्द जिसके पीछे कोई न कोई शारीरिक बीमारियां वजह रहती है और यह बड़ी उम्र में अक्सर देखने को मिलता है। कई बार छोटी-छोटी कई मल्टीपल शारीरिक समस्याओं की वजह से भी सिरदर्द हो जाता है जो आसानी से पकड़ में नही आतीं और उनका निदान मुश्किल हो जाता है। यह सिरदर्द ब्रेन स्ट्रोक, इंट्राक्रेनियल हेमरेज या नियोप्लाज़्म दिमागी सूजन होने जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाता है। सिरदर्द वास्तव में हमारे सिर-माथे-आंखों की मांसपेशियों में होने वाला खिंचाव हैं। खिंचाव होने पर दर्द होता है जो सिरदर्द का रूप ले लेता है। मांसपेशियों में खिंचाव किसी भी कारण से हो सकता हैं जैसे-तनाव, अवसाद, खुशी या चिंता होने पर, बहुत तेज लाइट में जाने पर, ज्यादा देर तक टीवी या कंप्यूटर जैसे गैजेट्स देखने पर आंखों में पड़ने वाले स्ट्रेन से, नजर कमजोर होना, जुकाम या बुखार होने पर, साइनस जैसी एलर्जी होने पर, ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होने पर, डायबिटीज, माइग्रेन होने पर, नींद पूरी न होने पर, कब्ज होने पर, समय पर खाना न खाना, बढ़ती उम्र में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से, मौसम का असर (सर्दियों में तापमान में गिरावट, गर्मी के मौसम में तापमान की अधिकता और मानसून में ह्यूमिडिटी होने पर)
बरतें सावधानी
कहा जा सकता है कि अगर व्यक्ति को सिरदर्द बिनाइन है या अचानक शुरू हो जाता है, 2-3 दिन से ज्यादा बना रहता है या फिर उसके साथ ऊपर दिए कारणों के लक्षण दिखाई देते हैं और सिरदर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया है, बर्दाश्त से बाहर हेै- तो तुरंत डाॅक्टर को कंसल्ट करना चाहिए। डाॅक्टर मरीज की स्थिति को देखकर जरूरी चेकअप करते हैं और यथोचित उपचार करते हैं। टेम्पल एरिया में तेज दर्द होने पर ब्लड आर्टिरीज की बायपसी की जाती है, सिरप और मेडिसिन देते है। महिलाओं को हार्मोन थेरेपी के माध्यम से स्टेराॅयड दिए जाते हैं

लाइफ स्टाइल में परिवर्तन है जरूरी
सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए अगर अपने लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए, तो जल्दी आराम आ सकता है- अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करें। फिजीकल एक्टिव बनें।
1)नियमित व्यायाम, एक्सरसाइज, ब्रिस्क वाॅक, योगा करते रहें। इससे आपके शरीर से हानिकारक फ्री-रेडिकल्स या कैमिकल्स बाहर निकल जाते हैं।
2)दिन में कम से कम 6 घंटे की नींद जरूर लें। इससे सिरदर्द होने की संभावना कम होती है।
3)डाइट का विशेष ध्यान रखें। दिन में तीन बार भोजन अवश्य करें। दिन की शुरुआत हैल्दी ब्रेकफास्ट से करें जो आपका पूरा दिन एनर्जेटिक रखेगा। आप दिन भर चुस्त रहेंगे और रात को आसानी से सो सकेंगे। दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।
4)तनाव से बचें। किसी भी तरह की टेंशन आपके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जहां तक संभव हो, साकारात्मक रवैया अपनाएं और तनाव से बवने के लिए अपने पसंदीदा काम करें जैसे म्यूजिक सुनें, किताबें पढें।
5)तेज सिरदर्द है तो उसमें चाय,चीनी चाॅकलेट से परहेज करना चाहिए। ऐसी मेडिसिन जिससे ब्रेन पर प्रेशर बढ़ता है, नहीं लेनी चाहिए। कैफीन, एल्कोहल, धूम्रपान से परहेज करना चाहिए। लाउड म्यूजिक या आवाज, आंखें चौंधियाने वाली रोशनी से बचना चाहिए।

सिर दर्द दूर करने के घरेलू उपाय
दर्दनिवारक दवाओं की अपेक्षा नेचुरल चीजे अपनाकर सिरदर्द से आराम पा सकते हैं। इन नेचुरल चीजों से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते-
1)सिरदर्द होने पर माथे के दोनों किनारे या टैम्पल की नसों और आंखों के बीच नाक के ऊपरी तरफ प्रेशर पाइंट को धीरे-धीरे दबाएं।
2)बार-बार सिरदर्द होने की स्थिति में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण में आधा चम्मच रस्सी वाली मिश्री मिला लें। सोने से पहले तैयार मिश्रण चबा-चबाकर खाएं और ऊपर से एक कप गर्म दूध पी लें।
3)अचानक से सिरदर्द होने पर गुनगुने पानी में आधा चम्मच सोंठ मिलाकर पिएं। कुछ देर में आराम आ जाएगा।
4)4-5 घंटे पहले से बहुत तेज सिरदर्द हो तो नींबू की चाय बनाकर पीना फायदेमंद है। यानी एक कप पानी में थोड़ी-सी दालचीनी, लौंग डालकर उबालें। गैस से उतार कर एक नींबू मिलाएं।
5)दर्द ज्यादा होने पर एक चुटकी सेंधा नमक अपनी जीभ पर एक मिनट के लिए रखें। ऊपर से ठंडा पानी पिएं।
6)100 ग्राम सूखा नारियल या खोपरा और 25 ग्राम रस्सी वाली मिश्री को मामजिस्ते पर कूट कर बारीक पाउडर बना लें। इस मिश्रण को सुबह या शाम को 2 चम्मच खाएं।
7)एक कप पानी में एक-एक चम्मच पिसा अदरक और सौंफ डालकर उबालें। ठंडा होने पर गिलास में छान लें। एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।

8)एक पैन में घी और गुड़ डालें। धीमी आंच पर गुड़ के पिघलने तक पकाएं । पैन को गैस से उतार लें। बराबर हिलाते हुए मिश्रण को ठंडा करें। हल्का सा गर्म रहने पर छोटी-छोटी 4-5 पेड़े बना लें। सुबह-शाम खाली पेट एक-एक पेड़ा खाएं। चाहे तो साथ में हल्का गर्म दूध या पानी ले सकते हैं।
9)एक कप गर्म पानी लेें। इसमें 4-5 तुलसी के पत्ते डालें। एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। अगर डायबिटीज न हो तो एक चम्मच शहद मिलाएं। इसका सेवन करें।
10)दालचीनी या लौंग को बारीक पीस लें। थोड़ा-सा पानी मिलाकर लेप बना लेें। माथे पर लगाएं, सूखने पर धो लें।
