Almond Milk Benefits: दूध एक संपूर्ण आहार माना जाता है। आज बाजार में दूध की भी कई वैरायटियां उपलब्ध हैं, जिनमें से अधिकतर गाय, भैंस, बकरी का डेयरी मिल्क होता है। इनके अलावा सोया मिल्क, बादाम मिल्क, कोकोनट मिल्क जैसे दूध भी काफी प्रचलन में हैं और स्वास्थ्य के प्रति सचेत लोगों द्वारा ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। इनमें डेयरी मिल्क की तरह पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व तो होते हैं, लेकिन संतृप्त वसा या सेचुरेटिड फैट और लैक्टोज शूगर न के बराबर होती हैै। इससे ये पचने में आसान होने के साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
घरों में आमतौर पर बादाम पीस या काटकर दूध में उबालें जाते हैं या बादाम शेक पिया जाता है। लेकिन बादाम को भिगोकर और पानी के साथ पीस कर नाॅन-डेयरी बादाम मिल्क बनाया जा सकता है। इसे डेयरी मिल्क का शानदार विकल्प भी माना जाता है। स्वाद और पौष्टिकता के लिहाज से इसने डेयरी मिल्क को पीछे छोड़ दिया है। यह बादाम मिल्क केवल पिया ही नहीं जाता, चाय-काॅफी, खीर या दूसरे मीठे व्यंजन बनाने के काम भी आता है। आप चाहे तो इसमें अपनी पसंद के फ्लेवर भी मिला सकते हैं। सबसे बड़ी बात है कि बादाम मिल्क को घर पर भी आसानी से तैयार किया जा सकता है। दूसरे डेयरी मिल्क की तरह फ्रिज में रखनेे के बजाय इसे रूम टेम्परेचर में भी स्टोर किया जा सकता है।
खूबियों के चलते बादाम मिल्क को सुपरफूड की श्रेणी में भी शामिल किया गया है। पौष्टिकता के लिहाज से इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन डेयरी मिल्क की तुलना में कैलोरी, कोलेस्ट्राॅल और सेचुरेटिड फैट न के बराबर होते है। नियमित रूप से इसका सेवन कई बीमारियों से बचाने में सहायक रखने के साथ हमें स्वस्थ और फिट भी रखता है।
बादाम मिल्क है फायदेमंद
- कैलोरी और सेचुरेटिड फैट कम होने के कारण बादाम मिल्क वजन कम करने वालेा के लिए लाभदायक है। 1 कप बादाम मिल्क में केवल 60-70 कैलोरी होती है।
- मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड ,फ्लेवोनाॅयड तत्व से भरपूर बादाम मिल्क का सेवन एलडीएल खराब कोलेस्ट्राॅल को कम करने में मदद करता है। इससे ब्लड प्रेशर का लेवल कंट्रोल में रहता है और कोरोनरी जैसे हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। बादाम मिल्क में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे हेल्दी फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो दिल की मजबूती में मददगार है।
- बादाम मिल्क में मौजूद विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं को बाधित करने में सहायक है।
- कैल्शियम रिच बादाम मिल्क (1 कप दूध में करीब 300 मिलीग्राम) हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करता है। इसमें मौजूद विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करके हड्डियों के स्वस्थ रखने में सहायक है।
- बादाम मिल्क डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें वैसे ही लैक्टोज शूगर और कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है। यह ब्लड शूगर को प्रभावित नहीं करते। इसमें कम मात्रा में ग्लाइसीमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज से बचाने में प्रभावी होता है। ग्लाइसेमिक प्रकृति हेाने के कारण यह आसानी से पच जाता है और शरीर को एनर्जी देने के काम आता हैै। इससे ब्लड शूगर को कंट्रोल में रखता है।
- मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट तत्व से युक्त बादाम मिल्क का नियमित सेवन फ्री रेडिकल्स से बचाव कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। भले ही बादाम मिल्क में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा न हो, लेकिन इसमें मैगनीशियम, कॉपर और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की एनर्जी बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इसमें मौजूद प्रोटीन, राइबोफ्लेविन और आयरन मसल्स के विकास और मजबूती में सहायक है। खासतौर पर एथलीटों के मसल्स टोन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- बादाम मिल्क में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में होता है जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। बादाम मिल्क छोटे बच्चों को जरूर पिलाना चाहिए ताकि भविष्य में नजर कमजोर होने की समस्या न हो।
- फैट न के बराबर होने के कारण बादाम मिल्क डायजेस्ट होने में आसान है। बादाम मिल्क एसिडिटी जैसी पेट संबंधी समस्याओं को कम करने में भी सहायक है।
- इसमें मौजूद विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट तत्व सूरज की अल्ट्रावाॅयलेट किरणों के प्रभाव से स्किन का बचाव करके मुलायम, कांतियुक्त और स्वस्थ बनाने में सहायक है।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और तनाव बढ़ने जैसे जोखिम बढ़ सकते है। इसके अलावा प्रीक्लेम्पसिया के जोखिम को देखते हुए गर्भावस्था के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बादाम मिल्क में पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही यह बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर बादाम मिल्क गर्भवती महिलाओं के शरीर पर ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करने में मदद करता है।
रखें सावधानियां
इतनी खूबियों के बावजूद बादाम मिल्क उन लोगों के लिए श्रेयस्कर नहीं है जिन्हें ड्राई फ्रूट्स से एलर्जी है या जो इन्हें डायजेस्ट नहीं कर पाते। बादाम में मौजूद गोइट्रोजन तत्व आहार में मौजूद आयोडीन के साथ मिलकर कई लोगों की थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है- ऐसे लोग डाॅक्टर से परामर्श लेकर ही बादाम मिल्क का सेवन करना चाहिए। बढ़ते बच्चों के लिए आवश्यक पर्याप्त पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है, इसलिए केवल बादाम मिल्क पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
बादाम मिल्क बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें कोई कड़वा बादाम न हो। कड़वा बादाम साइनाइड नामक जहरीला कैमिकल छोड़ता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा अगर आप तैयार बादाम मिल्क को 2-3 दिन के लिए स्टोर करना चाहते हैं तो इसे रूम टेम्परेचर में न रख कर एयर टाइट जार में डाल कर फ्रिज में रखना चाहिए।
( डाॅ चेतना बंसल, आहार विशेषज्ञ, अपोलोमेडिक्स अस्पताल, लखनऊ)