kitchen utensils also come with expiry dates know here when to replace them
kitchen utensils also come with expiry dates know here when to replace them

Overview:किचन में काम आने वाले बर्तनों की भी होती है एक उम्र, समय रहते बदलना है बेहद ज़रूरी

रसोई के बर्तन सिर्फ खाना बनाने के औज़ार नहीं होते, ये आपकी सेहत के भी रखवाले होते हैं। इसलिए इन्हें समय-समय पर बदलना और साफ रखना बेहद जरूरी है। अगली बार जब आप किचन की सफाई करें, तो यह जरूर देखें कि कोई बर्तन एक्सपायरी की कगार पर तो नहीं!

Utensils Shelf Life: हम अक्सर खाने की चीज़ों की एक्सपायरी डेट पर ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके किचन में इस्तेमाल हो रहे बर्तनों की भी एक ‘एक्सपायरी डेट‘ होती है? जी हां, चाहे स्टील का तवा हो या नॉन-स्टिक पैन, चाहे लकड़ी का चम्मच हो या प्लास्टिक की चलनी – ये सभी एक समय के बाद सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इस लेख में जानिए कौन-से बर्तन कितने समय तक सुरक्षित हैं और इन्हें कब बदल देना चाहिए।

नॉन-स्टिक बर्तन

नॉन-स्टिक तवा या कढ़ाई जब तक चिकनी सतह के साथ इस्तेमाल में हो, तब तक ठीक है। लेकिन जैसे ही उस पर खरोंचें आने लगें या कोटिंग उखड़ने लगे, समझिए अब इसे बदलने का समय आ गया है। उखड़ी कोटिंग से जहरीले रसायन खाने में मिल सकते हैं।

प्लास्टिक के बर्तन

प्लास्टिक के डिब्बे या चम्मच अगर गर्म खाने के संपर्क में बार-बार आते हैं तो उनमें हानिकारक केमिकल्स निकल सकते हैं। ऐसे बर्तनों को हर 6-12 महीने में बदल देना बेहतर होता है, खासकर जब उन पर दरारें दिखने लगें।

लकड़ी के चम्मच और चॉपिंग बोर्ड

लकड़ी के बर्तनों में नमी जल्दी समा जाती है और यह बैक्टीरिया के पनपने की जगह बन जाती है। यदि इनमें से दुर्गंध आने लगे, रंग बदल जाए या दरारें दिखें – तो इन्हें फौरन बदलें। आमतौर पर 6 महीने में इन्हें बदलना अच्छा रहता है।

स्टील और एलुमिनियम के बर्तन

स्टेनलेस स्टील और एलुमिनियम के बर्तन लंबे समय तक चलते हैं, लेकिन अगर इनमें जंग लग जाए या डेंट्स बहुत ज़्यादा हो जाएं तो यह नुकसानदायक हो सकते हैं। इन्हें सालों तक रखा जा सकता है, पर नियमित सफाई और जांच ज़रूरी है।

सिलिकॉन बेकिंग वेयर

सिलिकॉन मोल्ड्स और बेकिंग मैट्स धीरे-धीरे अपनी लोच खो देते हैं और इनके किनारों पर दरारें आने लगती हैं। इन्हें आमतौर पर 1 से 2 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन लचीलापन खत्म होते ही बदल देना चाहिए।

तेल छानने की छलनी या स्टेनर

छलनी की जाली अगर कमजोर हो गई हो या उसमें जंग लगने लगे, तो वह तेल को अच्छी तरह से छान नहीं पाती और यह सेहत पर असर डाल सकता है। हर 1-2 साल में नई छलनी का इस्तेमाल करें।

तांबे और पीतल के बर्तन

ये पारंपरिक बर्तन कई साल चलते हैं, लेकिन इनमें अगर अंदरूनी सतह हरे या काले रंग की हो जाए तो इन्हें दोबारा टिन चढ़वाना ज़रूरी हो जाता है। इनका सही देखभाल से वर्षों तक सुरक्षित इस्तेमाल संभव है।

कांच और सिरेमिक के बर्तन

कांच या सिरेमिक की प्लेटें और कटोरियां अगर बाल-बाल टूटी हों या किनारे से चिपक गई हों, तो ये मुंह काटने या संक्रमण फैलाने का कारण बन सकती हैं। ऐसी चीज़ों को खूबसूरत दिखने के बावजूद तुरंत हटाना बेहतर होता है।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...