Summary :घर बैठे बनाएं असली राजस्थानी लाल मांस, सबसे आसान रेसिपी
राजस्थान की शान लाल मांस अपने तीखे और मसालेदार स्वाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसे खास लाल मिर्च और देसी मसालों से बनाया जाता है, जो इसे एक अलग ही टेस्ट देते हैं। अगर आपको लगता है कि इसे बनाना मुश्किल है, तो अब चिंता की कोई बात नहीं।
Rajasthani Laal Maas: राजस्थानी लाल मांस राजस्थान की शान और पहचान मानी जाने वाली पारंपरिक डिश है। इसका असली स्वाद तीखे लाल मसालों और खासकर कश्मीरी लाल मिर्च से आता है, जो इसे गाढ़ा लाल रंग और ज़बरदस्त फ्लेवर देती है। राजस्थान के शाही खाने में इसका अलग ही स्थान है। यह व्यंजन खासतौर पर शिकार के मांस से शुरू हुआ था, लेकिन आजकल इसे घरों और होटलों में मटन के साथ बनाया जाता है। गरमागरम लाल मांस को बाजरे की रोटी, तंदूरी रोटी या चावल के साथ खाया जाता है।

Rajasthani Laal Maas
Ingredients
Method
- सबसे पहले मटन को अच्छे से धोकर साफ़ करें। इसमें से अतिरिक्त चर्बी और खून को हटा दें। साफ़ मटन को छलनी में रख दें ताकि उसका पानी निथर जाए।

- एक बड़े बर्तन में दही, अदरक-लहसुन का पेस्ट, हल्दी और नमक डालें। इसमें मटन डालकर अच्छे से मिक्स करें। इसे कम से कम 1 घंटे के लिए ढककर रख दें। ज़्यादा समय तक मैरिनेट करने से मटन और भी नरम और स्वादिष्ट बनेगा।

- सूखी लाल मिर्च को 20 मिनट तक गुनगुने पानी में भिगो दें। फिर इन्हें मिक्सर में पीसकर चिकना पेस्ट बना लें। यह पेस्ट लाल माँस का असली रंग और तीखापन लाता है।

- एक भारी तले की कड़ाही या प्रेशर कुकर में घी या सरसों का तेल गरम करें। इसमें तेजपत्ता, दालचीनी, इलायची, लौंग और जीरा डालें। जैसे ही मसाले चटकने लगें, उनकी खुशबू पूरे तेल में भर जाएगी।

- अब इसमें बारीक कटा प्याज़ डालें और सुनहरा भूरा होने तक भूनें। फिर अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर चलाएँ और खुशबू आने तक पकाएँ। इस स्टेप से ग्रेवी का स्वाद गाढ़ा और रिच बनता है।

- अब मैरिनेट किया हुआ मटन के साथ लाल मिर्च पाउडर डाले और तेज़ आँच पर 8-10 मिनट तक अच्छे से भूनें। फिर इसमें पानी डालें। अगर कुकर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 4-5 सीटी आने तक पकाएँ। अगर कड़ाही में बना रहे हैं तो धीमी आँच पर लगभग 45-50 मिनट पकाएँ, जब तक मटन नरम न हो जाए।

- जब ग्रेवी गाढ़ी हो जाए और ऊपर तेल तैरने लगे, तब गैस बंद कर दें। ऊपर से हरा धनिया डालकर सजाएँ। गरमागरम राजस्थानी लाल माँस को बाजरे की रोटी, तंदूरी रोटी या चावल के साथ परोसें।

Notes
कुछ अतिरिक्त टिप्स
- राजस्थानी लाल माँस का असली रंग और स्वाद सही मिर्च के चुनाव से आता है। कश्मीरी लाल मिर्च रंग देती है और सूखी लाल मिर्च तीखापन लाती है, इसलिए दोनों को मिलाकर इस्तेमाल करना सबसे अच्छा रहता है।
- इस डिश को हमेशा सरसों के तेल या देसी घी में पकाने की सलाह दी जाती है। इनसे ग्रेवी का स्वाद गहरा और असली राजस्थानी अंदाज़ वाला बनता है।
- मटन को धीमी आँच पर धीरे-धीरे पकाना बहुत ज़रूरी है। इससे मटन अंदर तक नरम और रसीला हो जाता है। अगर समय हो तो प्रेशर कुकर की जगह देगची या कड़ाही का इस्तेमाल करें।
- राजस्थानी लाल माँस में लहसुन का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। यह डिश को तीखा और खुशबूदार बनाता है, इसलिए लहसुन कम न करें।
- मसाले को भूनते समय तब तक पकाएँ जब तक तेल अलग न हो जाए। यह स्टेप सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी से ग्रेवी का स्वाद और गाढ़ापन आता है।
- अगर पानी की जगह मटन का स्टॉक यानी यख़नी डालें तो लाल माँस का स्वाद और भी गहरा हो जाएगा। यह ग्रेवी को रिच और पौष्टिक भी बनाता है।
- लाल माँस बनने के बाद इसे तुरंत न परोसें। 15-20 मिनट ढककर छोड़ दें। इससे मसाले अच्छे से सेट हो जाते हैं और स्वाद और भी बढ़िया लगता है।







