Summary: 5 डेज़, 5 फ्लेवर्स: दिवाली वीक मेन्यू प्लान
दिवाली का त्योहार सिर्फ रोशनी और सजावट का नहीं, बल्कि स्वाद, यादें और परंपराओं का भी उत्सव है। इस “5 डेज़, 5 फ्लेवर्स” मेन्यू प्लान में हर दिन के लिए खास व्यंजन बताए गए हैं, जो परिवार और रिश्तों के साथ त्योहार का आनंद बढ़ाते हैं।
Diwali Week Menu: दिवाली का त्योहार सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं होता, बल्कि पांच दिनों तक चलने वाला उत्सव है। हर दिन का अपना महत्व, अपनी परंपरा और अपने खास पकवान होते हैं। अगर आप चाहें तो इस बार दिवाली के हफ्ते को और भी यादगार बना सकती हैं, बस हर दिन की रसोई में एक अलग फ्लेवर जोड़कर। आइए जानते हैं 5 डेज़, 5 फ्लेवर्स मेन्यू प्लान के बारे में।
मिठास की शुरुआत धनतेरस से
दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए घरों में शुभ वस्तुएँ खरीदी जाती हैं। भोजन की परंपरा भी इसी सोच से जुड़ी है। इस दिन मीठे से शुरुआत करना शुभ माना जाता है और सबसे प्रिय डिश होती है खीर। दूध, चावल और चीनी से बनी खीर को जब मेवों और केसर की खुशबू मिलती है, तो उसका स्वाद त्योहार का माहौल और भी मीठा बना देता है। घर के बुजुर्गों के अनुसार खीर चांदी के बर्तन में परोसी जाए तो यह सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक बनती है।
छोटी दिवाली पर नमकीन का तड़का

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली का दिन होता है घर की पूरी सफाई और सजावट का। शाम होते-होते जब दीयों की रोशनी से घर जगमगा उठता है, तो रसोई से भी नमकीन व्यंजनों की खुशबू फैलने लगती है। इस दिन स्नैक्स का मज़ा सबसे खास होता है। मठरी की कुरकुराहट, चकली का मसालेदार स्वाद, चिवड़े की हल्की-फुल्की खुशबू और शंकरपाले की मिठास परिवार को एक साथ बैठने और बातचीत करने का बहाना देती है। छोटी दिवाली का स्वाद नमकीन पकवानों के बिना अधूरा माना जाता है और यही स्नैक्स मेहमानों को परोसने के लिए भी सबसे लोकप्रिय रहते हैं।
दिवाली है रॉयल थाली का दिन
दिवाली का मुख्य दिन उत्साह और रौनक का चरम होता है। लक्ष्मी पूजन के बाद पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन करता है और इस दिन की थाली हमेशा रॉयल होती है। मिठाइयों में गुजिया की मिठास, बेसन लड्डू का स्वाद, बर्फी की नजाकत और जलेबी की सुगंध हर किसी को लुभाती है। वहीं मुख्य भोजन में पूरी, कचौरी, आलू की सब्ज़ी और पनीर की डिशेज़ इस थाली को संपूर्ण बनाती हैं। दीयों और सजावट के बीच जब परिवार एक साथ बैठकर इस रॉयल थाली का आनंद लेता है, तो त्योहार का जश्न सचमुच पूर्ण हो जाता है।
गोवर्धन पूजा/अन्नकूट में वैराइटी

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह भगवान को समर्पित होता है और इसलिए इसका मेन्यू भी सबसे ज्यादा विविधतापूर्ण होता है। कई घरों में 56 भोग यानी छप्पन भोग चढ़ाने की परंपरा है। मिश्रित सब्ज़ियों की थाली, दाल और कढ़ी का स्वाद, ताज़ा पूड़ियों की खुशबू और हलवे की मिठास मिलकर इस दिन को विशेष बना देती हैं। अन्नकूट का महत्व केवल भोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह साझा करने और भगवान को समर्पित करने की परंपरा को भी जीवंत करता है।
भाई दूज पर रिश्तों की मिठास
दिवाली वीक का अंतिम दिन भाई दूज होता है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें भाइयों को तिलक करती हैं और उनके लिए पसंदीदा व्यंजन बनाती हैं। भोजन की थाली में अक्सर पुलाव, दाल और पूड़ी परोसी जाती है, जबकि मिठाई में रसगुल्ले, गुलाब जामुन, मालपुआ और खीर सबसे लोकप्रिय रहते हैं। भाई-बहन जब साथ बैठकर इस भोजन का आनंद लेते हैं, तो यह सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं होता बल्कि रिश्तों की मिठास भी उसमें घुल जाती है। यही कारण है कि भाई दूज दिवाली वीक का सबसे भावनात्मक और पारिवारिक दिन माना जाता है।

दिवाली का हफ्ता सिर्फ दीयों, सजावट और रोशनी का नहीं, बल्कि स्वाद और परंपराओं का भी उत्सव है। हर दिन का अपना महत्व है और हर दिन के पकवान उस महत्व को और भी खास बना देते हैं। अगर आप इस दिवाली हर दिन के लिए एक अलग फ्लेवर चुनें, तो त्योहार का आनंद दोगुना हो जाएगा। “5 डेज़, 5 फ्लेवर्स” मेन्यू प्लान आपके घर में न केवल स्वाद लेकर आएगा, बल्कि रिश्तों में मिठास और यादों में नया रंग भी भर देगा।
