Summer Foods: गर्मियों के दिनों में भारतीय प्रदेशों में अलग-अलग तरह का भोजन ग्रहण किया जाता है। यह हमारे पेट को ठंडक प्रदान करने के अलावा उर्जावान रखता है। यदि आप भी अपनी आंतों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इस तरह के आहार को लेने का अभ्यास करें, सदैव स्वस्थ रहेंगे।
स्वस्थ रहने के लिए शरीर को नियमित रूप से डिटॉक्स करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे शरीर से सभी हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं और इससे बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। शरीर को डिटॉक्स केवल ड्रिंक्स से ही नहीं किया जा सकता है, बल्कि डिटॉक्स करने के लिए कुछ भारतीय व्यंजन भी मददगार हैं, जो वजन घटाने के साथ-साथ शरीर को डिटॉक्स भी करते हैं। आइए जानते हैं उन व्यंजनों के बारे में।
खिचड़ी
खिचड़ी एक ऐसी भारतीय व्यंजन है, जिसे किसी भी परिचय की आवश्यकता नहीं है। यह हर किसी के घर में बनती है और सभी को इसकी रेसिपी अच्छे से आती है। खिचड़ी में दाल, चावल और सब्जियों के साथ हल्के मसालों और घी व जीरे का तड़का लगाया जाता है जो पाचन के लिए काफी अच्छा
होता है और यह पेट के स्वास्थ्य में सुधार करके शरीर को डिटॉक्स करता है। यह सुपाच्य, हल्का और पेट को ठंडक देने वाला व्यंजन है। डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है, खासकर जब इसे बिना मसाले और घी के खाया जाए। इसमें फाइबर, आयरन और कार्बोहाइड्रेट एकसाथ होता है। इसमें डाली जाने वाली हरी सब्जियों से विटामिन ए और सी भी मिलता है।
पोस्तो भात
पोस्तो भात एक पारंपरिक बंगाली व्यंजन है। इसमें पके हुए चावल यानी भात को खसखस (पोस्त दाना) के साथ खाया जाता है। पोस्तो काफी पौष्टिक होता है और इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर मौजूद होता है, जिससे बॉडी डिटॉक्स होता है और पाचन सही रहता है।
पंता भात
पंता भात ओडिशा और बंगाल की एक पारंपरिक डिश है। इसमें फर्मंेटेड चावल का सेवन किया जाता है, जिसकी वजह से पाचन से संबंधित सभी तरह की दिक्कतें दूर होती हैं और पेट भी ठंडा रहता है। यह काफी सरल है, इसमें ज्यादा कुछ नहीं किया जाता है, बस इसमें पके हुए चावल यानी की भात को नमक के पानी में रात भर भिगोया जाता है और अगले दिन सुबह इस चावल को आलू
चोखा, कटा हुआ ह्रश्वयाज, नींबू के टुकड़े और हरी मिर्च के साथ खाया जाता है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें सरसों का तेल भी डाला जाता है। इस डिश को खाने के बाद अच्छी नींद आती है और पेट की सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसे गर्मी से राहत पाने के लिए खाया जाता है।
दही चिवड़ा
दही चिवड़ा एक भारतीय पारंपरिक खाना है, जिसे नॉर्थ इंडिया में दही-चूरा भी कहा जाता है।
यह मुख्य रूप से बिहार की परंपरा से जुड़ा हुआ है, जो काफी हेल्दी है। यह खाने में काफी स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना भी काफी आसान है। गर्मी के मौसम में दही-चूरा खाने से पेट ठंडा रहता है, साथ ही यह पेट साफ करने के लिए काफी अच्छा होता है। इसके लिए बस ठंडी दही में थोड़ी चीनी
मिलाई जाती है, फिर इसमें चूरा या चिवड़ा को पानी से धोकर अच्छे से मिलाया जाता है। इसमें दही की मात्रा ज्यादा होती है और चूरा की कम, तभी इसका स्वाद आता है। कुछ लोग इसे आलू की रसेदार तीखी सब्जी के साथ भी खाना पसंद करते हैं, क्योंकि इसके साथ मीठे व नमकीन का स्वाद
जबरदस्त लगता है।
दही चावल
दही चावल एक बहुत ही आसान व्यंजन है, जो मुख्य रूप से दक्षिण भारत में खाया जाता है, लेकिन इसके फायदे के कारण हर कोई इसे खाना पसंद करता है। यह डाईजेशन यानी पाचन को ठीक करने के लिए सबसे अच्छा है। इसमें पके हुए चावल में दही और नमक मिलाकर उसमें स्वाद लाने के लिए करी पत्ता, राई के दाने और साबुत लाल मिर्च का तड़का लगाया जाता है। यह एक साधारण
डिश है, लेकिन यह शरीर को डिटॉक्स करने के लिए काफी फायदेमंद है।
दलिया

यह गर्मियों में बहुत लाभकारी है। यह बहुत हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन है। पानी या दूध के साथ बनाया जाता है, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। मसाले रहित दलिया गर्मियों में एक प्राकृतिक डिटॉक्स डाइट की तरह काम करता है। यह वजन घटाने में सहायक है। ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है। लंबे समय तक एनर्जी देता है। फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी1, बी6 हाई और फाइबर युक्त भोजन होने के कारण पाचन तंत्र स्वस्थ रहता
है। ये तीनों ही कम तेल, कम मसाले और अधिक फाइबर वाले होते हैं, जिससे पेट साफ और हल्का रहता है। इनका तापीय प्रभाव ठंडा होता है। यानी यह शरीर में गर्मी पैदा नहीं करते है। इनमें छिपी प्राकृतिक ठंडक और सुपाच्य गुण शरीर को गर्मियों में डिटॉक्स करने और तरोताजा रखने में मदद
करते हैं।
शाकाहारी भोजन की विशेषता
सात्विकता और संतुलन
भारतीय शाकाहारी भोजन में सात्विक तत्व होते हैं। जैसे- ताजे फल, सब्जियां, दालें और अनाज, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ मानसिक शांति भी देते हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक
बिना तले, बिना भारी मसालों वाले भारतीय व्यंजन लीवर और पाचन तंत्र को साफ करते हैं। जैसे
खिचड़ी, रायता, नींबू पानी, फल आदि।
पाचन में सहज
हल्के मसाले जैसे- अजवाइन, जीरा, धनिया, हींग- यह सभी भारतीय रसोई के हिस्से होते
हैं जो डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं। प्राकृतिक और मौसमी चीजों का उपयोग भारतीय शाकाहारी थाली मौसम के अनुसार ढली होती है- गर्मियो में तरबूज, खीरा, दही, आम, सर्दियों में तिल, गोंद, मेथी, गुड़।
ओट्स

ओट्स जौ से बनता है जो कि गर्मियो में पेट को हल्का रखता है। वजन घटाने के लिए यह सर्वोत्तम आहार है। इसे बनाने में भी ज्यादा टाइम नहीं लगता है। ओट्स हल्के होते हैं और जल्दी पच जाते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इनका सेवन दूध या दही के साथ किया जाए तो यह शरीर को ठंडा रखता है। लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है।
यह हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। यह कब्ज से राहत दिलाते हैं। इसमें हाई फाइबर, प्रोटीन,
आयरन, मैग्नीशियम और जिंक होता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण होते हैं।
इडली

इडली भाप में पकाई जाती है, इसमें तेल या मसालों का प्रयोग नहीं होता है। यह फर्मंेटेड होती है, जो पाचन के लिए बेहद फायदेमंद है। दही या नारियल की चटनी के साथ खाने से शरीर को ठंडक
मिलती है। इसे खाने के बाद पेट में भारीपन नहीं होता है और आपको गैस और एसिडिटी से राहत दिलाता है। इसे खाने के बाद शरीर को ऊर्जा मिलती है लेकिन वजन नहीं बढता है। फर्मंेटेड के कारण इसमें प्रोबायोटिक गुण पाए जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, थोड़ा-सा फैट और विटामिन बी। राइस और उड़द दाल के मेल से अमीनो एसिड का अच्छा स्रोत है।
