बर्फ पिघलने पर दिखते हैं मानव कंकाल
इस झील को पहली बार 1942 में खोजा गया था। एक ब्रिटिश गार्ड को पहली बार ये कंकाल दिखे थे।
Roopkund Skeleton Lake: झीलों की बात आती है, तो मन में एक अलग ही सुकून वाला नज़ारा होता है, लेकिन एक झील ऐसी है जहां का नज़ारा ज़रा अजीब है। यहां मछलियां नहीं, कंकाल तैरते हुए दिखते हैं। ये है रूपकुंड झील जो कि उत्तराखंड में पांच हज़ार मीटर से भी ज़्यादा की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियल झील है। जब भी बर्फ पिघलती है, तो यहां पानी में या सतह पर मानव कंकाल नज़र आते हैं। इस झील के रहस्य को सुलझाने में वैज्ञानिक अभी भी जुटे हुए है। इसके रहस्य को लेकर एक मत अभी नहीं हुआ है। अध्ययन के मुताबिक ये कंकाल 12वीं से 15वीं सदी के बीच के थे। इस झील को पहली बार 1942 में खोजा गया था। एक ब्रिटिश गार्ड को पहली बार ये कंकाल दिखे थे।
