मास्टरशेफ के टॉप 6 में पहुंचने वाले 3 मेल प्रतियोगी अपने साथ लेकर आए हैं खास कहानी: Masterchef India Top 6
Masterchef India Top 6

Masterchef India Top 6: आज देश में रियलिटी शोज की बहार है। जिसमें जो हुनर है वो इन शोज के जरिए उसे एक मंच देना चाहते हैं। कुकिंग के हुनर को उजगार करने वाला ऐसा ही एक शो है मास्टरशेफ ऑफ इंडिया। यह वो शो है जहां खाने बनाने को पसंद करने वाले लोगों को न केवल खाना बनाने का मौका मिलता है बल्कि टॉप शेफ से मिलकर वह अपने हुनर को भी बेहतर तलाश कर पाते हैं। इस बार इस शो में तीन महिला और तीन पुरुष टॉप 6 में पहुंच चुके हैं। पुरुषों की बात करें तो इनमें हैरी, सूरज और आशिक हैं। तीनों ही एक इंडिविजुअल परफॉर्मर और टीम के तौर पर बेहतरन नजर आए है। इस आर्टीकल में हम जानते हैं इनके होमशेफ बनने की कहानी

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लेकिन दिल जीत गए हैरी

57 साल के होमकुक हरीषक्लोजपिट इस सीजन में पाककला का हुनर तो लेकर आए ही है। लेकिन इसके साथ लेकर आए अपने मास्टरशेफ बनने की खूबसूरत कहानी। वो अपनी बेटी के लिए लंच बॉक्स तैयार करते थे। एक दिन जब बेटी का कॉलेज खत्म होने वाला था तब बेटी ईशा ने कहा कि डैडी मेरा कॉलेज खत्म होने वाला है अब आप क्या करेंगे इस सवाल के जवाब ने हरीष को वो बनाया जो आज वो हैं। उनकी बेटी ने उनकी रेसिपी का विडियो बनाया और उसे इंसटाग्राम पर अपलोड किया। उस रेसिपी के लिए उन्हें 10 हजार व्यू मिले। इसके बाद यह सिलसिला आज भी जारी है। वो एक फूड इंफ्ल्यूएंसर हैं। इसके अलावा वो एक बिजनेसमैन हैं।उनकी टीम में 3000 लोग काम करते हैं। हालांकि टॉप 6 में आने के बाद हरीष अब एलिमिनेट हो चुके हैं। लेकिन जाते- जाते भी वो समाज को एक सबक देकर गए कि अपने बच्चे के लिए टिफिन बनाना सिर्फ मां का काम नहीं है। यह काम तो पिता भी कर सकता हैं। वो कहते हैं कि कौन कहता है कि घर का पुरुष इंजन होता है। मेरी फैमिली में उल्टा है मेरी बेटी और पत्नी इंजन हैं और मैं पीछे वाला डिब्बा।

जूस की दुकान से मास्टरशेफ तक का सफर

हम लोगों को अपने जीवन से बहुत शिकायतें रहती हैं कि हमारे साथ यह नहीं हुआ, हमारे साथ वो नहीं हुआ। लेकिन अगर हम और आप मैंग्लोर के मोहम्मद आशिक की कहानी को सुनेंगे तो पता चलेगा कि अगर पैशन हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। आशिक अपने घर में इकलौते कमाने वाले हैं। उन्हें खाना बनाना अचछा लगता था ऐसे में उन्होंने सोच रखा था कि वो बड़े होकर होटल मैनेजमेंट का कोर्स करेंगे लेकिन स्थिति उनकी पक्ष में नहीं थी। उन्हें घर चलाने के लिए जूस की दुकान खोलनी पड़ी लेकिन यहां पर भी अपनी क्रिएटिवटी का फ्लेवर डालते थे। आज वह मैंग्लोर में एक रेस्त्रां में शेफ हैं। वहीं मास्टरशेफ में वो एक कड़े प्रतियोगी के तौर पर नजर आते हैं। आशिक की सबसे बड़ी क्वालिटी है कि वो अपनी हार से घबराते नहीं हैं। मास्टरशेफ के पिछले सीजन में वो क्वालिफाई नहीं कर पाए थे, लेकिन उस अंत पर अपने उत्साह की एक नई ईबरात लिख दी है। सबसे बड़ी बात वो इस शो से वो दुनिया को यह बताने में सफल रहे कि अगर आप कोई चीज बहुत मन से चाहतो हो तो चाहे कुछ क्यों न हो जाए आपको वो मिलती है। आशिक के शब्दों में कहा जाए तो वो आशिक है खाना बनाने के। ऐसे में इस इश्क में उन्हें बहुत मजा आता है। वो कहते हैं यह शो मेरे लिए कंपटीशन भर नहीं हैं यह वो सोर्स है जिसके जरिए मैं अपने पैशन और सपनों को दुनिया के सामने रख पा रहा हूं।

अपने साथ सपनों को लेकर आए सूरज

पिछले दिनों आलू के छिलकों से बने चिपस इंटरनेट पर काफी वायरल हुए थे। क्या आपको मालूम है कि यह मास्टरशेफ के प्रतियोगी सूरज थापा की रेसिपी थी। अपनी तरह की इस यूनीक रेसिपी को जजेज ने भी बहुत एप्रिशिएट किया था। खासतौर से शेफ रणवीर बरार ने। इनसे प्रभावित होकर ही सूरज ने शेफ बनने का सपना देखा। सिलीगुड़ी से आने वाले सूरज की रेसिपीज में इनोवेशन बहुत नजर आता है। उन्होंने यू ट्यूब पर शेफ रणवीर की रेसिपीज से बहुत कुछ सीखा है। वो कहते हैं कि अगर मैं मास्टशेफ बन गया तो अपने पापा के सपनों को पूरा कर पाउंगा। उन्हें भी इस बात कि खुशी होगी कि गांव का लड़का कुछ कर सकता है। सूरज के सपनों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। वो अगर इस शो को जीतते हैं तो इससे मिलने वाली रकम से एक घर खरीदेंगे और एक रेस्त्रां खोलेंगे जो उनकी नजर में मसालों का एक स्वर्ग होगा। बीएससी ग्रेजूएट सूरज को खाने बनाने का शौक लॉकडाउन के दौरान हुआ, आज यह शौक उन्हें इतने बड़े मंच पर ला चुका है।