Freddy Review: 2 घंटे 13 मिनट की फिल्म “फ्रेड्डी” में कार्तिक आर्यन और अलाया की फ्रेश जोड़ी है। शशांक घोष निर्देशित एक डार्क और डीप थ्रिलर फिल्म “फ्रेड्डी” को क्यों देखा जा सकता है, आइए जानते हैं।
1. फिल्म है छोटी
जैसा कि ऊपर भी हमने बताया है कि फिल्म 2 घंटे 13 मिनट की है। इसके कम समय के होने का यह फायदा हुआ कि फिल्म कहीं से भी स्ट्रेच की हुई नहीं लगती है। ना ही ट्रैक से उतरी हुई लगती है, जो कि किसी भी फिल्म को देखते रहने के लिए जरूरी है। हालांकि, फिल्म सेकेंड हाफ में थोड़ी गेस की जा सकती है, लेकिन अपनी स्पीड के अनुकूल बढ़िया तरीके से चलती रहती है।
2. फिल्म की थीम
फिल्म डीप और टॉक्सिक है, और यही थीम इसे बाकी फिल्मों से अलग और हटके बनाती है। कार्तिक आर्यन और अलाया एफ की यह फिल्म कई बार डरा देती है। इसमें कार्तिक एकदम नए अवतार में नजर आ रहे हैं। हमेशा की तरह उनका यह कैरेक्टर मजेदार नहीं बल्कि डार्क है। कई बार यह फिल्म अंदर तक हिला भी देती है, लेकिन तभी आपको यह एहसास होता है कि आप फिल्म देख रहे हैं, यह सच नहीं है।
3. फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी 28 साल के इन्ट्रोवर्ट और अकेले डेन्टिस्ट डॉ फ्रेड्डी गिनवाला (कार्तिक आर्यन) के इर्द-गिर्द घूमती है। डॉ फ्रेड्डी पिछले पांच सालों से मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपने लिए पार्टनर की तलाश में हैं। अपने लिए एक सही पार्टनर तलाश ना कर पाने और कुछ प्रैन्क कॉल्स के बाद डॉ फ्रेड्डी हताश और निराश हो जाते हैं। तभी डॉ फ्रेड्डी को विवाहित महिला कैनाज ईरानी (अलाया एफ) से प्यार हो जाता है, जो एक फिजिकली एब्यूजिव शादी में फंसी हुई है। वह उसके डेंटल क्लिनिक आती है और दोनों को प्यार हो जाता है। लेकिन कहानी सिर्फ प्यार के बारे में नहीं है, बल्कि छिपकर मिलती हुई मीटिंग और कैरेक्टर्स के बारे में भी है।
4. लीड एक्टर्स का कमाल
यह पहली बार है कि कार्तिक आर्यन को अपनी एक्टिंग स्किल्स एक एक्सपेरिमेंटल रोल में दिखाने का मौका मिला है। और कार्तिक इस पर खरे उतरे भी हैं। कार्तिक ने इस रोल के लिए विशेष तौर पर 14 किलो वजन बढ़ाया था और डेन्टिस्ट के स्किल्स भी सीखे थे। इस कैरेक्टर में कार्तिक अपनी भाव भंगिमाओं से ज्यादा बात करते हैं। डेब्यू फिल्म “जवानी दीवानी” के बाद यह अलाया एफ की दूसरी फिल्म है। अलाया ने बढ़िया काम किया है।
5. फिल्म का लुक
इस फिल्म में ठेठ पारसी स्वाद नजर आ रहा है। यह घर की सजावट, प्रॉप और चरित्रों की भाषा में साफ झलक रहा है। फिल्म का क्लाइमैक्स निस्संदेह हटके है और दर्शकों को प्रभावित करता है।