Bipasha Post Pregnancy Workout: बिपाशा बसु ने 12 नवंबर 2022 को बेटी को जन्म दिया जिसका नाम देवी रखा गया. अब बिपाशा अपने पहले के बॉडी शेप में वापस आने को वर्कआउट करती दिख रही है।
गर्भावस्था के बाद शरीर में बहुत सारे शारीरिक बदलाव होते हैं और इसलिए ऐसे में हर औरत वर्कआउट के साथ अपने पुराने शेप में आने के लिए उत्साहित रहती हैं। लेकिन अक्सर नई-नई मां बनी औरतों को डिलीवरी के बाद के वक्त में किए जा सकने वाले वर्कआउट को लेकर कंफ्यूजन रहता है । वह समझ नहीं पातीं कि उनके लिए कौन सा वर्कआउट स्टाइल या एक्सरसाइज सबसे बेहतर रहेगी । देखा जाए तो वह किसी भी तरह का वर्कआउट कर सकती हैं बशर्ते की वो उसमें आराम,आसानी और सहजता महसूस करें। प्रेग्नेंसी के बाद यह उनके पूरे फिटनेस रूटीन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
Post Pregnancy Workout: कोर स्ट्रेंथ पर ध्यान दें
पहले यह समझना अहम है कि गर्भावस्था मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर कैसे असर डालती है। जैसे ही पेट फैलता है, एब्डोमिनल खिंचाव और पीठ की मांसपेशियां छोटी हो जाती हैं। लिनिया अल्बा का संयोजी ऊतक पतला और अलग हो जाता है, लिंगामेंट पेल्विस के जोड़ बहुत अस्थिर हो जाते हैं। पेल्विक फ्लोर अक्सर भ्रूण (Fetus) के भार से कमजोर होता है। इस हिस्से के अधिक खिंचने की वजह से गर्भावस्था के बाद औरतों पेट में एक अलग एहसास होता है । पोस्टपार्टम के दौरान वर्कआउट करने से पहले हमें इसी कोर स्ट्रेंथ का ध्यान रखना होता है.यह महिलाओं की पूरी सेहत और बेसिक फिटनेस का सबसे अहम हिस्सा है, इसलिए अधिकांश मां बनने वाली औरतों को अपने कोर में बदलाव होने की शिकायत रहती है। महिलाएं कमजोर, असंतुष्ट और अब्सेंट- माइंडेड महसूस करती हैं। तो उन्हें शुरू में पहले अपने कोर को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
हीलिंग प्रोसेस का अलग-अलग होना
लेबर यानी बच्चा पैदा होने के बाद हर औरत में हीलिंग प्रोसेस का अपना अलग- अलग वक्त होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, आपकी गर्भावस्था के बाद की सेहतमंदी और तंदुरुस्ती काफी हद तक आपके गर्भावस्था से पहले की फिटनेस पर निर्भर करती है। इसलिए, यदि आपकी गर्भावस्था के दौरान अच्छी फिटनेस रही है, तो आपको जल्द ही ठीक होने की संभावना है। हालांकि अधिकतर औरतें प्रसव के 6 सप्ताह के अंदर सभी सामान्य कामों को फिर से शुरू कर सकती हैं।
नया दर्द और कष्ट होना
गर्भावस्था के दौरान आपको बहुत आराम मिलता है, इसलिए, जब आप अपना वर्कआउट रूटीन शुरू करेंगे,तो आपको नया दर्द और कष्ट झेलना पड़ सकता है। तो, इस दौरान आपको एक्सरसाइज और डेली लाइफ को बैलेंस रखने पर ध्यान देना होगा। रोज 20 से 30 मिनट एक्टिव रहने की आदत डालें।
डिलीवरी डिप्रेशन के लिए एक्सरसाइज
पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन मौजूदा वक्त में नई मांओं के बीच एक बहुत ही आम मुद्दा है। इस तरह के अवसाद के लक्षण किसी भी समय दिखाई दे सकते हैं। एक हेल्दी एक्सरसाइज रूटीन बनाए रखने से आपको अपना मूड ठीक करने के साथ ही,पोस्टपार्टम के अवसाद के लक्षणों को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। बच्चे के जन्म के बाद साधारण एक्सरसाइज से शुरुआत करें.फिट रहने के लिए केवल 10 मिनट की वर्कआउट भी काफी होता है। अगर किसी भी तरह का दर्द महसूस हो तो एक्सरसाइज तुरंत बंद कर दें।