देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस प्राचीन मंदिर में चढ़ाते हैं खून: Gorakhpur Maa Durga Mandir
देश भर में मां दुर्गा के बहुत सारे मंदिर हैं, जिनमें नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
Gorakhpur Maa Durga Mandir: सनातन धर्म से जुड़े लोगों के लिए नवरात्रि का त्यौहार बेहद खास होता है। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। देश भर में मां दुर्गा के बहुत सारे मंदिर हैं, जिनमें नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ लगी रहती है। मां दुर्गा के हर मंदिर के विषय में कोई न कोई कथा और चमत्कार जुड़ा हुआ है। आज हम आपको मां दुर्गा को समर्पित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए लड्डू के बजाय अपना खून चढ़ाते हैं। इस मंदिर को लेकर भक्तों के मन में काफी आस्था है और यहां पर नवरात्रि से लेकर आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
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इस मंदिर में प्रतिदिन चढ़ता है देवी दुर्गा को खून

हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बांसगांव में स्थित है। यहां भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए खून चढ़ाते हैं। इस मंदिर में खून चढ़ाने की परंपरा लगभग 300 साल से चलती आ रही है। कहा जाता है कि न सिर्फ भारत बल्कि विदेश से भी माता के भक्त यहां पर खून चढ़ाने के लिए आते हैं।
कैसे निकाला जाता है खून

एक रिपोर्ट के अनुसार, मां दुर्गा के चरणों में रक्त चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बच्चों के अलावा इस मंदिर में युवाओं के शरीर के 9 जगह से खून निकालकर चढ़ाया जाता है। लोगों की माने तो सबसे पहले खून निकालने के लिए शरीर में चीरा लगाया जाता है। इसके बाद खून को बेलपत्र में इकट्ठा कर माता के चरणों में अर्पित किया जाता है।
क्यों चढ़ाते हैं खून
इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर में पहले मां देवी को प्रसन्न करने के लिए पशुओं की बलि दी जाती थी, लेकिन बाद में पशु बलि को रोकने के लिए भक्तों ने स्वयं इस बात का निर्णय लिया कि वह अपना रक्त मां के चरणों में अर्पित करेंगे। श्रद्धालुओं की माने तो जिन भी व्यक्तियों ने माता रानी के चरणों में आज तक रक्त अर्पित किया है, उन्हें किसी तरह की शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है और ना ही उसे कोई भी इंजेक्शन लगाने की नौबत आई है। भक्तों के बीच इस मंदिर को लेकर ऐसी आस्था बनी है कि यहां प्रतिदिन मां के चरणों में रक्त अर्पित किया जाता है। इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
