Home Remedies for Skin: सूर्य की किरणों से त्वचा झुलस जाती है, जिससे पिगमेंटेशन हो जाते हैं। ऐसे में घरेलू नुस्खों से आप अपने चेहरे की रंगत फिर से पा सकते हैं।
चेहरे पर दाग-धब्बे कई कारणों से हो सकते हैं। मुंहासों के कारण त्वचा पर काले धब्बे, निशान या छोटेछोटे
गड्ढे हो सकते हैं। इसके अलावा, सन सेंसेटिविटी के कारण त्वचा पर झाइयां या काले धब्बे भी हो सकते हैं। शहनाज हर्बल सैलून में ऐसे दाग-धब्बों का इलाज किया जाता है। यह इलाज आपकी त्वचा के प्रकार और समस्या पर निर्भर करता है। जैसा कि हम जानते हैं, मुंहासे न केवल काले निशान छोड़ते हैं, बल्कि त्वचा में छोटे गड्ढे भी बना देते हैं। यह गड्ढे स्किन टिश्यू खराब होने के कारण होते हैं और इन्हें हटाना मुश्किल होता है। इससे स्किन समय से पहले बूढ़ी नजर आने लगती है।
कभी-कभी स्कार टिश्यू पर ज्यादा ग्रोथ ‘कीलॉइड’ बना देती है, जिससे त्वचा असमान और खुरदुरी लगने लगती है। ऐसे में मुंहासों के गहरे निशानों के लिए लेजर थेरेपी, माइक्रोडर्माब्रेशन और केमिकल पीलिंग जैसे
ट्रीटमेंट किए जाते हैं। केमिकल पीलिंग के जोखिम को देखते हुए, मैंने ‘वेज पील ट्रीटमेंट’ तैयार किया है, जो मुंहासों के निशान हल्के करने में मदद करता है। यह एक क्लिनिकल ट्रीटमेंट है, जो डर्माब्रेशन पर आधारित है, यानी पौधे के अर्क से तैयार कुछ दानेदार पदार्थों से त्वचा को धीरे से रगड़ना। इसके साथ ही, हम घर पर इस्तेमाल करने के लिए कुछ प्रोडक्ट्स भी सलाह देते हैं। हालांकि, असर दिखने में थोड़ा समय लगता है, इसलिए कम से कम 4 से 6 हफ्ते इंतजार करना जरूरी है। अगर निशान ज्यादा गहरे हैं, तो ज्यादा समय और कई सेशन लग सकते हैं। पहले अगर चेहरे पर मुंहासे हैं, तो उनका इलाज जरूरी है।
इसमें कुछ घरेलू उपाय भी मदद कर सकते हैं। लेकिन इन्हें तभी आजमाना चाहिए जब मुंहासे और फुंसियां पूरी तरह ठीक हो चुकी हों। अगर चेहरे पर कोई मुंहासे या रैश नहीं हैं,
तो हल्का स्क्रब इस्तेमाल कर सकते हैं। चावल के आटे में दही मिलाकर चेहरे पर लगाएं। हल्के हाथों से गोलाकार घुमाते हुए रगड़ें, खासकर जहां मुंहासों के निशान हैं।
फिर इसे 5 मिनट तक छोड़ दें और सादे पानी से धो लें। सप्ताह में एक या दो बार फेस मास्क का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
3 चम्मच ओट्स को अंडे की सफेदी और एक-एक चम्मच दही और शहद के साथ मिलाएं। होंठों और आंखों के आस-पास के एरिया को छोड़कर इसे चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद इसे धो लें। सूखे और पाउडर किए
हुए नींबू और संतरे के छिलके या पिसे हुए बादाम भी पैक में मिलाए जा सकते हैं।
अगर इन उपायों को अपनाने के बाद भी रूखापन रहता है, तो दो चम्मच दही लें, उसमें एक चुटकी हल्दी मिलाएं और रोजाना चेहरे पर लगाएं, इसे करीबन 15 मिनट बाद धो लें। इससे न सिर्फ त्वचा मुलायम होती है,
बल्कि मुहांसे और निशान भी दूर होते हैं।

फलों से बनाए हुए मास्क हाइपरपिग्मेंटेशन में भी मदद कर सकते हैं। पके पपीते के गूदे को कद्दूकस किए हुए खीरे, टमाटर के गूदे और संतरे के साथ मिलाएं। पैक को रोजाना चेहरे पर लगाएं और आधे घंटे बाद धो लें। यह पैक न सिर्फ त्वचा का रंग हल्का करता है, बल्कि त्वचा को फिर से जीवंत करता है और डेड स्किन सेल्स को हटाता है। सावधान रहें! कभी भी पिंपल्स या ब्लैकहेड्स को नाखूनों से न दबाएं। इससे समस्या फैल सकती है और चेहरे पर दाग पड़ सकते हैं।
दाग-धब्बे क्यों होते हैं
दाग-धब्बे कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन। बढ़ती उम्र, गर्भावस्था या मेनोपॉज के दौरान भी त्वचा पर दाग- धब्बे आ सकते हैं। इसका पहला इलाज सूरज से बचाव है। हाई एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी है। अगर स्किन रूखी है तो सनस्क्रीन क्रीम अच्छी रहती है। वहीं रूखी से लेकर तैलीय या सामान्य त्वचा के लिए सनस्क्रीन जेल बेहतर होता है। ज्यादा एसपीएफ वाले सनब्लॉक क्रीम भी मार्केट में उपलब्ध हैं।
सनस्क्रीन को सूरज में निकलने से 20 मिनट पहले लगाएं ताकि यह त्वचा में अच्छी तरह समा जाए। अगर आप एक घंटे से ज्यादा धूप में रहते हैं, तो इसे दोबारा लगाना जरूरी है। पानी के पास या बर्फीले इलाकों में सूरज की किरणों का असर ज्यादा होता है, इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा जरूरी होती है। बाहरी देखभाल पिगमेंटेशन को हटाने में मदद कर सकती है, बशर्ते बाद में सही तरह से देखभाल की जाए। यहां तक कि जब दाग-धब्बे खत्म हो जाएं, तब भी सनस्क्रीन लगाना जारी रखना चाहिए।
आजकल त्वचा की देखभाल में सनस्क्रीन बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि यह त्वचा को परेशानियों और समय से पहले बूढ़ा होने से बचाता है। त्वचा की देखभाल तीन चीजों पर टिकी होती है- सुरक्षा, रोकथाम और सही इलाज। यही स्वस्थ और चमकदार त्वचा का असली राज है।
मुंह को ढक कर रखें
धूप में निकलते समय हमेशा चेहरे को सूती कपड़े से ढंककर रखें, साथ ही तरल पदार्थ का सेवन करते रहें।
