Hindi Kahani: सोनू अपने दादाजी के साथ शाम की सैर कर रहा था।तभी कुछ पुलिस के जवान घोड़े पर बैठकर जाते हुए दिखाई दिये।दादाजी यह देखो घोड़ा। सात साल का सोनू जोर से बोला।सैर से वापस आकर उसने दादाजी को अपनी पाठ्य पुस्तक दिखाई। यह देखो इसमें कितना अच्छा घोड़े का चित्र है।” हां हां सोनू […]
Author Archives: हरीशचंद्र पांडे
जल संकट-गृहलक्ष्मी की कविता
Hindi Short Poem: जल संकट है बड़ी समस्या,सूख रही झीले और नदियाँ,जनसंख्या भी बढ रही,जल की मांग बढ़ रही ।जल जीवन है जल आधार,जल बिन जग है निराधार,चौमासे में बरखा आती ,भर भर कर पानी लाती ,सभी मगन हो जाते है,कढी पकौडे खाते है।बारिश का पानी बह जाता,कोई उसे संग्रह न करता ,पोखर, कुएँ सूखते […]
धोखा-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: अलका एक खेल शिक्षिका है।आज वह सुबह से दोपहर तक मैदान में ही है।आजकल जिला स्तरीय खेल की तैयारी चल रही है।सभी खिलाड़ी काफी उमंग से तैयारी कर रहे हैं।अलका भी उनके उत्साह को देखकर पूरे समर्पण से कोचिंग दे रही है। मनोज ने दो बार फोन करके पूछा भी है कि आज […]
खामोशी: गृहलक्ष्मी की कहानियां
Grehlakshmi ki Kahani: सोहन को इस समय किसी भी तरह अपने खेत पहुंचने की जल्दी थी। आज सोहन खेत से लगभग पचास मील दूर अपनी बहन के घर गया था। मगर बहन के घर आते ही उसका मोबाइल बजा। उसके खेत और बगीचे के मैनेजर साहब ने न जाने क्यों उसे इसी समय फटाफट खेत […]
इच्छा शक्ति- गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Story: “अरे राधिका, सुनो , दोपहर हो रही है।चलो चलकर कुछ राशन खरीद लाते हैं । पड़सन मानसी ने चहककर कहा तो राधिका ने मना कर दिया।”मेरा मन नही है।”‘अरे अरे तबियत तो ठीक है ना।” मानसी ने पूछा। राधिका बोली “ठीक तो है मगर मानसी आजकल ना कई बार ऐसा होता है कि […]
आज फिर नाराजगी-लघु कहानी
Hindi Kahani: अब रविवार को दोपहर के समय भी यह नालायक फोन नही उठा रहा है ?” इस तरह ,,रूठ कर मुंह बनाकर उमा एक कुर्सी मे बैठ गई। ,”सुनो उमा,,अभी अभी ,ये ,नई कंपनी में नौकरी लगी है। उसे, कुछ काम आ गया होगा ।”,” ओहो,,तो ,,कंपनी बदल दी है तो बिजी है ,पांच […]
खबरदार—गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Hindi Stories: उमा दीदी आपका फोन, लीजिये ना, कब से नहीं देखा आपने।”,”अरे,अब ये बुढ़ापा, अब क्या करना फोन का ?”,”अरे,, अरे,, ये कैसी बातें कर रही आप । अभी तो पचपन ही है आपकी उम्र, ”अच्छा, मुझे लगा अस्सी बरस की हो गई ।” उमा ने ऐसा कहकर अपनी सहायिका से मजाक— मजाक मे […]
