Hindi Short Poem: जल संकट है बड़ी समस्या,
सूख रही झीले और नदियाँ,
जनसंख्या भी बढ रही,
जल की मांग बढ़ रही ।
जल जीवन है जल आधार,
जल बिन जग है निराधार,
चौमासे में बरखा आती ,
भर भर कर पानी लाती ,
सभी मगन हो जाते है,
कढी पकौडे खाते है।
बारिश का पानी बह जाता,
कोई उसे संग्रह न करता ,
पोखर, कुएँ सूखते रहते ।
फिर पानी को सभी तरसते ।
जल की बूँद बूँद अनमोल,
समझो प्यारे इसका मोल,
जल संचय की अर्ज करेंगे।
पानी व्यर्थ न खर्च करेंगे
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