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जादू का नगाड़ा – पंचतंत्र के अनोखे नाटक

पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की और मोहल्ले के अन्य बच्चे गोमायु सियार, गज्जू दादा, जंगल के अन्य जानवर पहला दृश्य (स्थान–गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती है और बच्चों को मजे से बातें करते और खेलते […]

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दमनक की चालाकी – पंचतंत्र के अनोखे नाटक

पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की तथा कुछ और बच्चे व्यापारी वर्द्धमान, उसकी पत्नी, व्यापारी के दो बैल संजीवक और नंदक पिंगलक शेर, दमनक तथा जंगल के अन्य जानवर पहला दृश्य (स्थान–गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-24

सुधा का संसार पहले ही अंधकारमय था। आनन्द ने जीवन की जो ज्योति प्रदान की थी वह भी चली गई तो उसकी जीवित रहने की अभिलाषा समाप्त हो गई। परन्तु किरण के समझाने-बुझाने पर उसने अपने लाड़ले के भविष्य के लिए अपनी आंखों का आपरेशन करा लिया। डाक्टर ने उसकी आंखें बदल दीं। आंखों पर […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-23

अस्पताल का भयानक वातावरण। सुबह के लगभग आठ बजे थे। आनन्द को अब तक होश नहीं आया था। डाक्टरों ने उसके शरीर से गोलियां निकाल दी थीं। उसे रक्त दिया जा चुका था। आवश्यक इंजेक्शन लग चुके थे। फिर भी उसकी स्थिति निराशाजनक थी। उसका बयान लेने के लिए समीप ही पुलिस इंस्पेक्टर बैठा हुआ […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-22

उस शाम आनन्द का कोई भी मेहमान नहीं आया तो सुधा को बहुत आश्चर्य हुआ। आनन्द बाबू ने ऐसा किया क्या ? क्या वह उसकी सुन्दरता को बना-संवारकर निहारना चाहते हैं ? क्या इस प्रकार छिप-छिपकर देखने से उनका मन नहीं भरा ? कहीं वह अब भी उसे छिप-छिपकर तो नहीं देखते हैं ? उस […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-21

उस रात जब सुधा अपने नन्हे राजा के साथ पलंग पर लेटी तो हवाएं भीगी-भीगी थीं। कुछ देर बाद बादल गरजा तो उसने ज्ञात किया कि बाहर बदली छाई है। और जब कुछ देर बाद वर्षा भी आरम्भ हो गई तो जाने क्यों उसका दिल कांप उठा। फिर वही अज्ञात भय !! कुछ ऐसी रात […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-20

सुबह के लगभग नौ बजे होंगे। धूप चटक आई थी, परन्तु वातावरण में नमी के साथ ठण्डक भी थी। आनन्द अपने कमरे में पलंग पर बिलकुल खामोश पड़ा हुआ था। उस पर हल्की-हल्की बेहोशी छा रही थी। उसे ज्वर था। पूरा शरीर आग के समान तप रहा था। यह तपिश उस दिन से बढ़ती जा […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-19

सुधा की आंखों का आपरेशन हो गया। डाक्टर ने आंखों पर पट्टी बांध दी और बताया कि अब यह पट्टी पन्द्रह दिन बाद खुलेगी। तब तक सुधा को अस्पताल में ही रहना पड़ेगा। आनन्द ने सुधा के लिए एक ‘प्राइवेट वार्ड’ का प्रबन्ध पहले ही कर दिया था जहां बाबा भगतराम नन्हे राजा को लेकर […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-18

आखिर उसे यहां इस प्रकार रहने में कष्ट ही क्या है ? इतनी सुविधाएं तो कोई अपना होता, तब भी नहीं देता, आदि-आदि। परन्तु सुधा अपनी जिद्द पर अड़ी रही-यदि उसकी आंखों का आपरेशन नहीं होना है तो वह यहां से चली जायेगी। जबसे पिछली रात नन्हे राजा ने अपने भोलेपन में आनन्द को उसका […]

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पापी देवता : रानू शरण भाग-17

सुबह जब वह भगतराम के साथ नाश्ते पर बैठा तो सुधा नहीं आई। भगतराम को यह बात अच्छी नहीं लगी। इस घर में वे लोग मेहमान हैं। इधर घर के मालिक से नाराज होने का अधिकार उनमें से किसी को नहीं। इसीलिए वह सुधा को स्वयं बुलाने चले गये। परन्तु सुधा तब भी नहीं आई। […]

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