Spiritual Thoughts: मनुष्य अपनी परिस्थितियों को बदलता है और वातावरण को भी बदलता है। वातावरण को ऐसे ही नहीं छोड़ देता। परिस्थिति को, जो जैसे है, वैसे ही नहीं छोड़ देता, उसे बदलने का प्रयत्न करता है। मनुष्य का पूरा पुरुषार्थ और पूरा प्रयत्न बदलने में लगा है और वह आगे बढ़ा है। विश्व का […]
Author Archives: आचार्य महाप्रज्ञ
तुम्हारा सुन्दर भविष्य तुम्हारे हाथों में है: Spiritual Thoughts
Spiritual Thoughts: मैंने बड़े सहज भाव से कह दिया कि मन को खाली कर डालो। पर उसे खाली करना क्या इतना सरल है, जितना शब्दों में दिखता है? तुम जब-जब उसे खाली करने का प्रयत्न करोगे, तब-तब विकल्पों का तूफान आएगा। तुम उससे नहीं निपट पाओगे। मन भरा रह जाएगा। तुम मानते हो कि स्मृति […]
हमारे भय: Life Lessons
Life Lessons Tips: आध्यात्मिक दृष्टिï वह होती है जहां यह प्रश्न नहीं होता कि कोई देखे या न देखे। चाहे देखे, चाहे न देखे, आध्यात्मिक दृष्टि वाला व्यक्ति वैसा आचरण नहीं करता। दिन और रात, रात और दिन-दोनों के बीच में संध्या। रात होती है, दिन होता है, बीच में संध्या होती है। भय और […]
ध्यान एक प्रक्रिया है – आचार्य महाप्रज्ञ
ध्यान का एक काम होता है प्रियता और अप्रियता के संवेदन से परे हटकर समता के अनुभव को जगा देना। जिस ध्यान के द्वारा समता का अनुभव नहीं जागता वह वास्तव में ध्यान नहीं हो सकता।
ध्यान की साधना, समता की साधना है – आचार्य महाप्रज्ञ
जब तक इस मिथ्या दृष्टिकोण का निरसन नहीं होगा तब तक समाज की समस्या का समाधान नहीं होगा। हमें सत्य को खोजना होगा। सत्य को खोजे बिना, सत्य को उपलब्ध किए बिना हमारी समस्याएं नहीं सुलझ पाएंगी।
काम का आचरण – आचार्य महाप्रज्ञ
ध्यान यदि विफलता का सूत्र होता तो यहां बड़ी भीड़ लग जाती। सब के सब लोग ध्यानी बन जाते। स्वर्ग में अपार भीड़ हो जाती। ध्यान सफलता का सूत्र है इसीलिए उसे सभी लोग अपनाने में झिझकते हैं। उन्हें संदेह होता है कहीं सफल हो न जाऊं।
मन का स्वभाव – आचार्य महाप्रज्ञ
योग की भाषा में मन की तीन अवस्थाएं हैं-अवधान, एकाग्रता, केन्द्रीकरण या धारणा और ध्यान।