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” सिंदूर की शाश्वत सजीवता “-गृ​हलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: कुछ ही दिनों में सब कुछ ख़त्म हो जाएगा , अभी कुछ ही समय पहले वह दोनों इस रिश्ते में आए थे , दोनों व्यक्तियों के साथ में दोनों परिवार भी बहुत अच्छे थे कुछ भी छुपा नहीं था उनमें। सभी आपस में एक अखंड रिश्ते के रूप में नजर आते थे कहते […]

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शारीरिक कामनाओं की पूर्ति-हिंदी कहानियां

Hindi Kahani: “विजय उठो विजय होश में आओ विजय , तुम्हें मालूम है विजय , आज पूरे दो दिन हो चुके हैं तुम्हें इस बेहोशी की हालत में तुम्हारे कपड़े कितने गंदे हैं और कमरे का सारा सामान देखो कैसे बिखरा पड़ा हुआ है , और यह इतनी सारी शराब की बोतलें , इतनी शराब […]

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 ” सावन की बारिश “-गृहलक्ष्मी की कहानियां “

Story in Hindi: “तुम्हें देखा है जब से मैंने , बस दिन – रात ख्याल तुम्हारा ही रहता है, तुम नहीं होते ओझल आँखों से , जहन मैं तुम कुछ ऐसे रहते हो “। अपने कमरे में खिड़की के पास बैठकर आयुष ” सावन की बारिश ” को देखकर अपने रेडियो पर प्रेम से भरे […]

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घर का आंगन-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: ” रूपाली जल्दी से सामान बांध लो तुम , अब हम इस घर में एक पल भी नहीं रह सकते , जिस घर में हमारी बात नहीं मानी जाए , जिस घर में हमारे सुझावों को अमल में नहीं लाया जाए , उन पर विचार – विमर्श नहीं किया जाए , जिस घर […]

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आनंद की अनुभूति “-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: ” ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग, ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग घर के बरामदे में रखा हुआ फोन लगातार बज रहा था , फोन बजने की आवाज़ रसोईघर में खाना बना रही स्वेता के कानों में पड़ रही थी , मगर काम में व्यस्त होने के कारण वह फोन नहीं उठा पाती है ” , एक […]

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” समाज की जननी “-गृहलक्ष्मी की कहानियां”

Story of Women: ” नीलिमा बेटा ज़रा जल्दी करना तुम्हें मालूम है ना आज तुम्हारी नौकरी का पहला दिन है , पहले ही दिन तुम देरी से नहीं जाना , और हां प्रेरणा को भी बोलना ज़रा जल्दी तैयार हो जाए आज उसका भी नौकरी के लिए साक्षात्कार है , मेरी तुलसी माता मेरी बेटियों […]

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” घर की इज्ज़त “-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Kahani in Hindi: “अरे ज़रा ऊपर लगाओ इसे और वो गुलाब के फूलों की दो मालाएं भी बना कर रख लो अभी , और मेहमानों वाले कमरे को भी साफ करना शुरु करो और सभी चीज़ें नई रखना उसमें पर्दे , बिस्तर , तस्वीरें और बिजली भी ठीक कर देना अरे भाई जरा जल्दी – […]

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अंतर्मन की आवाज-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: ” मैं कुछ लिखना चाहता हूं अपनी कलम से तुम्हारे लिए,  मैं बातें करना चाहता हूं तुमसे घंटों ऐसे ही संग बैठकर, मगर मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं तुम ही बताओ कैसे कहूं”।  इन पंक्तियों के द्वारा अपने दिल के किसी कोने में छुपी हुई अपनी भावनाओं को कलम की स्याही […]

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” कल्पनाओं की उड़ान “-गृहलक्ष्मी की कहानियां”

Story in Hindi: ” चिड़ियों की चहचहाने की आवाज़ें आने लगीं थीं , दोपहर का सूरज अब बादलों के पीछे छुपने लगा था दोपहर का शाम में परिवर्तित होने वाला यह समय था कुछ ऐसा ही परिवर्तन मनोज के मन में भी हो रहा था ” अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को किसी बंधन की तरह […]

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” वतन की मिट्टी “-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: “मेरे कपड़ों को मेरे ही बैग में रखना और अपने एवम बच्चों के कपड़ों को भी अलग – अलग बैग में ही रखना और हां हमें दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा तुम्हें मालूम है ना हवाई अड्डे पर समय लगता है इसलिए थोड़ा जल्दी करना और सभी सामान को एक […]

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