Maut ke Deewane by James Headley Chase hindi novel - Grehlakshmi
Maut ke Deewane by James Headley Chase

बिली होटल की भव्य इमारत एवं वहां की सुव्यवस्था से इस कदर प्रभावित हुआ था कि मुझे एक ओर ले जाकर कहने लगा, ‘मैं तुमसे बातचीत करना चाहता हूं।’

‘जल्दी क्या है? जरा आराम कर लो…बातचीत भी हो जायेगी।’ मैंने कहा।

‘आराम की बात छोड़ो….तुम मुझे यह बताओ कि कहां मिलोगे?’

मौत के दीवाने नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1

‘मैं बार में होऊंगा।’

‘तो मैं अभी थोड़ी देर में आया।’ कहकर बिली डेबी को साथ लेकर ऊपर अपने कमरे की ओर चला गया। कोई आधे घंटे पश्चात जब वह बार में पहुंचा तो अकेला था।

‘डेबी कहां है?’ मैंने पूछा।

‘अपने कमरे में सज-धत रही होगी।’

‘खैर, अब तुम यह बताओ कि तुम किस उद्देश्य से यहां आये हो?’

बिली ने उत्तर देते हुए कहा‒‘हमारे पास थोड़ा-बहुत पैसा है। मैं सोचता हूं कि क्यों न इस पैसे को किसी काम में लगा दिया जाए? यह बताओ कि बाहामा के भविष्य के बारे में तुम्हारा क्या विचार है?’

मैंने हल्के-फुल्के अन्दाज में उत्तर दिया, ‘तुम एक प्रतिस्पर्धी के रूप में यहां बिजनेस खोलना चाहते हो और मुझ ही से परामर्श मांग रहे हो।’

‘ऐसा नहीं है, टॉम। हमारे यहां बिजनेस खोलने से तुम्हें कोई अन्तर नहीं पड़ेगा। मैं यह सोच रहा हूं कि टेक्सास में तो हमारे होटल हैं ही, पर वे तुम्हारे होटलों से बिल्कुल भिन्न हैं। तुम्हारे होटलों की बात ही और है। क्यों न हम साझेदारी में यहां पर और होटल खोल लें। हमें भी फायदा होगा और तुम्हें भी।’

‘तुम्हारे कहने का आशय है कि हम एक प्रकार की कम्पनी बना लें?’

‘हां।’ बिली ने उत्तर दिया।

‘तुम यह कह रहे थे कि तुम्हारी कारपोरेशन के पास कुछ थोड़ा-सा पैसा है जिसे तुम बिजनेस में लगाना चाहते हो। मुझे यह बताओ कि वह कुछ थोड़ा-सा पैसा, कितना थोड़ा-सा पैसा है?’

‘यही कोई चार सौ लाख डॉलर के करीब।’

यह सुनकर मैं बिली को बार के एकान्त कोने में ले आया और उसके पहले प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा‒‘बिली, बाहामा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है, पर तुम यह बताओ कि तुम यहां की राजनीतिक घटनाओं से परिचित हो या नहीं?’

‘यदि तुम्हारा इशारा अपने प्रधानमंत्री की ओर है, तो उस बारे में मैं पूरी मालूमात प्राप्त कर चुका हूं।’

‘यही मैं तुमसे पूछना चाहता था।’ मैंने कहा‒‘यानी तुम्हें निश्चय है कि पिडलिग कोई क्रांतिकारी नहीं है और लोकतन्त्र में विश्वास रखता है।’

‘उस विषय में तो मैं निश्चिन्त हूं, टॉम…तुम मुझे यह समझाओ कि एक शहरी होटल और पर्यटक होटल में क्या अन्तर होता है?’

‘देखो बिली, बात यह है कि टेक्सास में तुम्हारे अपने होटल हैं। अतः तुम जानते ही होगे कि होटल को किस भांति चलाया जाता है। जहां तक अन्तर का सम्बन्ध है, एक शहरी एवं टूरिस्ट होटल में सुविधाओं का अन्तर होता है। टेक्सास, डलास, न्यूयार्क आदि जैसे शहरों में जब कोई किसी होटल में आकर ठहरता है, तो अपने किसी काम के उद्देश्य से वहां आकर रुकता है। ज्यों ही उसका काम समाप्त होता है, वह वहां से चला जाता है। उसे शहर को देखने या वहां के नजारे देखने, या वहां के वातावरण में कोई दिलचस्पी नहीं होती, किन्तु जो लोग बाहामा द्वीप आकर हमारे होटलों में ठहरते हैं उनका उद्देश्य यहां के वातावरण से आनन्द प्राप्त करना होता है। और यह तभी सम्भव हो सकता है, यदि ऐसी सुविधायें उपलब्ध हों। उदाहरण के रूप में यदि कोई शहर घूमना चाहता है तो उसे कार की आवश्यकता पड़ती है‒जो हम मुहैया करते हैं। इसके अलावा हमारे होटल चूंकि समुद्र तट पर स्थित हैं इसलिए हमारे यहां ठहरे हुए पर्यटकों का समुद्री सैर करने को मन करता है‒उसके लिए याट की आवश्यकता होती है। हम अपने ग्राहकों के लिये यह सुविधा भी उपलब्ध करते हैं। हमारी अपनी कार एजेन्सी है, जो हमारे ग्राहकों के लिए कारें मुहैया करती है‒हमारे अपने मेरिना है जहां पर हमारे ग्राहक जब जी चाहे याट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा हमारे हर होटल में टेनिस कोर्ट है, गोल्फ कोर्स है और ऐसी कई सुविधायें हैं‒मेरे कहने का आशय यह है बिली कि शहरी होटल एक प्रकार की सराय होती है जहां पर लोग रात व्यतीत करने की गर्ज से ठहरते हैं। जबकि एक टूरिस्ट होटल में लोग कुछ दिन के लिए निश्चिन्त जीवन व्यतीत करने के उद्देश्य से आते हैं।

‘तुमने रेट्स क्या रखे हैं?’ बिली ने मुझसे पूछा।

‘वही जो साधारण होटलों के होते हैं। अलबत्ता अतिरिक्त सुविधाओं के लिए ग्राहक को अपने पल्ले से खर्च करना पड़ता है।’

‘अतिरिक्त सुविधाओं के लिये तो मान लिया कि ग्राहक अपनी जेब से खर्च करते हैं, किन्तु इन सुविधाओं के अनुरक्षण पर तो तुम्हें खर्च करना पड़ता होगा।’

‘उससे हमें कोई अन्तर नहीं पड़ता, बिली।’

‘वह कैसे?’

‘बिली, होटल बिजनेस में होने के नाते तुम जानते होगे कि अगर औसत ली जाये तो होटलों की बुकिंग ऐवरेज 90 प्रतिशत से कभी कम नहीं हुई, अधिक बुकिंग ऐवरेज होने के कारण इतने पैसे का लौट-फेर हो जाता है और हमें अनुरक्षण खर्चे का भार महसूस ही नही होता।’

‘मैं तुम्हारे होटलों के पक्के चिट्ठे का अध्ययन करना चाहता हूं।’ बिली ने कहा।

‘जब तुम्हारी ओर से कोई ठोस ऑफर होगा और मुझे उचित प्रतीत होगा, तो पक्का चिट्ठा भी देख लेना। इस दौरान मैं तुम्हें यहां के पर्यटन मंत्री से मिला देता हूं। तुम उससे भी बात कर लो, पर उसमें एक समस्या सामने आएगी।’

‘वह क्या?’

‘काले गोरे की।’

‘मेरे लिए काले गोरे का एकसमान हैं। अलबत्ता मैं अपने पिता बिली सीनियर एवं चाचा जेक चार्ल्स के बारे में कुछ नहीं कह सकता। उनमें चिट्टी चमड़ी की भावना कूट-कूटकर भरी है।

‘एक और बात भी है, बिली।’

‘वह क्या?’

‘बाहामा में जो कोई इमारत भी खड़ी की जाती है, उसके लिए बाहर से राज, मजदूर, बढ़ई आदि लाने की अनुमति नहीं मिलती। दूसरा यह कि होटल का समूचा स्टाफ बाहामियन होना चाहिए, अन्यथा होटल को लाइसेंस नहीं मिलता। सारांश में बाहामा द्वीप समूह निवासियों के लिए है‒और तुम जानते हो कि यहां के लोग काले हैं।’

‘पर तुम्हारे रायल पाम होटल का मैनेजर जेक फ्लेचर जिसने हमें कमरों और कारों की चाबियां दी थीं, वह तो गोरा है।’

‘उस तरह तो मैं भी गोरा हूं बिली, पर मैं बाहामियन हूं।

‘यह सब फिजूल की बातें हैं, टॉम। हम लोग बिजनेसमैन हैं‒हमें तो अपने बिजनेस में मुनाफा होना चाहिए‒चाहे कालों से हो चाहे गोरों से।’

उसी समय डेबी वहां पर पहुंच गई। मैंने बिली एवं डेबी को लंच के लिए अपने घर पर आमन्त्रित किया तथा उनसे अनुमति लेकर अपने ऑफिस चला आया।

जब बिली ने मुझे यह संकेत दिया था कि उनकी बिजनेस कारपोरेशन बाहामा में चार सौ लाख डॉलर तक का सरमाया लगा सकती है, तो मैं चौकस हो गया था। सो मैं ऑफिस में अपना हिसाब-किताब फैलाने लगा। बिली की कारपोरेशन के पास इतना सरमाया था कि मेरे मुकाबले पर होटल खोलकर मेरा बिजनेस डावांडोल कर सकते थे। सो मैंने यह योजना बनाई कि बिली का सरमाया अपनी नियन्त्रक कम्पनी में लगवाया जाए-नियंत्रक कम्पनी के विकास से एक पंथ दो काज होते‒एक तो यह कि बिली को अपनी लागत पर बहुत मुनाफा मिलता। दूसरा मेरे होटलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अतः मैं अपनी इस योजना की नोक-पलक संवारने लगा।

दोपहर को जब बिली एवं डेबी लंच के लिए मेरे घर पहुंचे, तो मेरे घर की शानो-शौकत देखकर चकित रह गए। फिर जब मैंने उन्हें अपना स्विमिंग पूल दिखाया, तो वे दोनों अश-अश करने लगे। तभी मेरी पत्नी जूली वहां पर पहुंच गई। मैंने बिली एवं डेबी से उसका परिचय करवाया और हम तीनों आपस में बातें करने लगे। उस समय हमारी बड़ी बेटी सूसन, जो ग्यारह वर्ष की थी, तालाब में तैराकी कर रही थी।

तनिक पश्चात जूली ने उसे आवाज लगाई और तालाब से बाहर आने को कहा। जब सूसन तालाब से बाहर आई, तो जूली ने मेहमानों से उसका परिचय करवाया। तब मैंने जूली से अपनी छोटी बेटी कैरीन के विषय में पूछा, तो उसने मुझे बताया कि उसे हल्का-हल्का बुखार आ रहा है और वह अपने कमरे में लेटी हुई है। डेबी और जूली कैरीन के कमरे की ओर चली गईं तथा मैं एवं बिली ड्राइंगरूम में चले आए और व्हिस्की पान करने लगे। थोड़ी देर बाद जूली और डेबी वहां पहुंच गईं। जूली एवं डेबी यों घुल-मिल कर बातें कर रही थीं, मानो वर्षों की परिचित हों।

तब जूली ने मुझे सम्बोधित करते हुए कहा था‒‘टॉम, मैं बातों में तुम्हें बताना न भूल जाऊं कि मम्मी-डैडी क्रिसमस के लिए यहां आ रहे हैं। मैंने उनसे कहा है कि वह मुझे मियामी में मिल लें। मैं मियामी में क्रिसमस की शॉपिंग भी कर लूंगी और फिर मैं उनको साथ लेकर यहां पहुंच जाऊंगी।’

‘तो तुम ऐसा क्यों नहीं करतीं जूली कि अपने याट ‘ल्यूकी’ से मियामी चली जाओ‒और वहां पर शॉपिंग करके अपने मम्मी-डैडी को याट में अपने साथ ले आओ।’

जूली यह सुनकर प्रसन्न हो गयी। बोली‒‘तुम भी साथ क्यों नहीं चले चलते।’

‘नहीं जूली, यहां काम अटक जायेगा। बहरहाल मैं आज पीटर एलबरी से कह दूंगा कि याट को तैयार कर लें।’

‘तो ठीक है।’ जूली ने कहा‒‘मैं सूसन को साथ ले जाऊंगी….और यदि कैरीन की तबियत ठीक हो गई, तो उसे भी साथ लेती जाऊंगी। वह भी घूम-फिर आएगी।’

लंच के पश्चात जूली डेबी को इतवार बाजार घुमाने ले गई।

उनके जाने के बाद बिली ने मुझसे पूछा‒‘तुम्हारा याट कितना बड़ा है?’

‘यही कोई बावन फुट-।’ मैंने उत्तर देते हुए कहा‒‘चलो तुम्हें दिखा लाऊं।’

बिली ने आश्चर्य से पूछा‒‘तो तुम्हारा मतलब है कि तुम्हारा याट यहां पर है?

‘हां’ कहकर मैं बिली को अपने घर के पिछवाड़े में लैगून के पास ले आया। वहां पर मेरा याट ‘ल्यूकी’ खड़ा हुआ था। याट का कप्तान पीटर एलबरी, याट के अन्दर घूम रहा था। उसे मेरी आवाज सुनाई दी, तो बाहर डेक पर चला आया। मैं बिली को लेकर याट पर पहुंचा। बिली एवं पीटर एलबरी का परिचय कराते हुए…मैं बिली के चेहरे की ओर देखने लगा कि एक हब्शी के साथ किस भांति पेश आता है‒क्योंकि हब्शियों से घृणा करने वाला बाहामा में बिल्कुल सफल नहीं हो सकता था, किन्तु बिली बड़े तपाक से पीटर से मिला था। तब मैंने पीटर से कहा था कि जूली याट से मियामी जाना चाहती है और वह याट को ठीक-ठाक कर ले। इस पर पीटर ने मुझसे कहा था‒‘तुम भी साथ चलो टॉम।’

‘खेद है पीटर मैं नहीं जा सकता।’

‘तो फिर मुझे एक सहायक का इन्तजाम करना पड़ेगा। खैर तुम चिन्ता मत करो। मैं कोई न कोई प्रबन्ध कर लूंगा।’

बिली लगातार लैगून की ओर देखे जा रहा था। ‘टॉम, यह लैगून प्राकृतिक तो नहीं है।’

‘तुमने सही अनुमान लगाया है बिली। यह बनावटी है तथा एक जलमार्ग द्वारा समुद्र के उस तट पर जा खुलता है जहां पर हमारा ल्यूकी बीच होटल स्थित है। वहीं पर बासरा संस्था है।’

‘यह बासरा क्या बला है?’

‘बासरा एक संस्था का नाम है। जब कभी किसी याट या नाव के साथ समुद्र में कोई दुर्घटना घट जाती है, तो बासरा के विमान राहत कार्यों में लग जाते हैं।’

बिली ने आश्चर्य से कहा‒‘इतना छोटा-सा द्वीप और इतना आत्मनिर्भर! ऐसा तो मैंने कहीं नहीं देखा। तुम मुझे यह बताओ कि बाहामा द्वीप समूह के बाकी द्वीप कैसे हैं?

मैंने बिली को उत्तर देते हुये कहा‒‘मैं अपने चीफ पायलट बॉबी बोवन से कहे देता हूं कि तुम्हें विमान से अबाको, मार्श हार्बर, एल्यूथरा ले जाये। तुम उन द्वीपों को देखकर अपनी राय खुद कायम कर लेना।’

‘बिल्कुल ठीक।’ बिली ने हर्षित स्वर में कहा।

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