Festival Importance: आज की आधुनिक जीवनशैली में त्यौहार महज खानापूॢत करने वाले रीति-रिवाज बनते जा रहे हैं और त्यौहारों पर एक-दूसरे से मेल-मिलाप का रिवाज भी नहीं रहा है, जिससे जीवन में नीरसता भी आ गई हैं।
त्यौहार हमारे जीवन को नई ताजगी देते हैं
और जीवन को उत्साह और जोश से भरते हैं,
जिससे जीने का हौसला दोगुना हो जाता है।
पर आज की बदलती जीवनशैली में त्यौहार
खत्म होते जा रहे हैं और यही वजह है कि
समाज में त्यौहारों की अहमियत धीरे-धीरे
कम हो रही है। ऐसा होने के पीछे क्या वजह है,
आइए जानें-
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एकल परिवार
पहले के परिवार में दादा-दादी, चाचा-चाची
सब एक साथ होते थे तो त्यौहारों से जुड़े
सभी संस्कार और पूजा-पाठ करना आसान था,
पर आजकल के एकल परिवारों के लिए
उन सभी संस्कारों का पालन करना कठिन
होता जा रहा है।
बढ़ती मंहगाई
दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए आजकल हर बात की अहमियत पैसे से जुड़ी हुई है। जितना पैसा, उतना ही खुशहाल जीवन। आज इंसान ज्यादा पैसा कमाने के लिए ज्यादा काम तो कर रहा है, पर रिश्तों से दूर होता जा रहा है।
तनावपूर्ण जीवन
बढ़ती व्यस्तता के चलते आज काम के बोझ ने इंसान के जीवन को तनावपूर्ण बना दिया है। आज लोागें के पास तनाव इतना है कि घर पर बैठ कर आपस में बात करने के बजाए वो अकेला रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
इंटरनेट और सोशल मीडिया का चलन
आज त्यौहार मनाने की उमंग को फीका करने की सबसे बड़ी वजहों में इंटरनेट और सोशल मीडिया है। यह इंटरनेट का ही असर है कि वह लोगों को सामाजिक जीवन के रीति-रिवाजों से दूर कर रहा है।
