त्योहार बड़ों के लिए ही नहीं बच्चों के लिए भी होंगे ख़ास, इन 5 ट्रिक्स पर करें गौर
माता-पिता के लिए त्योहारों का वास्तविक महत्त्व बच्चों को समझाना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो जाता है
Festival and Kids: त्योहार मात्र एक शब्द नहीं, बल्कि एहसास है। हमारी भारतीय संस्कृति में हर छोटे बड़े त्योहार को विशेष तरीके से मनाया जाता है। ये न केवल धार्मिक उत्सव होते हैं, बल्कि समाज के कई वर्गों को आपस में जोड़ने, खुशियां मनाने और हमारी अनमोल सांस्कृतिक धरोहर को संभाल कर रखने का अवसर भी देते हैं। इन सबके बावजूद त्योहारों को लेकर कभी-कभी बच्चों का व्यवहार थोड़ा अजीब हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि त्योहार पर जो चीजें बच्चों को आकर्षित करती हैं बस बच्चे वहीं तक हर त्यौहार का मतलब समझते हैं। इसलिए त्यौहार के धार्मिक पहलूओं को बच्चे बिलकुल नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
माता-पिता के लिए त्योहारों का वास्तविक महत्त्व बच्चों को समझाना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि उन्हें इनका ख़ास कारण और संदेश समझने में परेशानी होती है। हर त्योहार बच्चों के जीवन में खुशिया और उत्साह लाता है,लेकिन बच्चों को इनका असली महत्त्व तभी समझ आता है,
जब माता-पिता बच्चे को इन त्योहारों के सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को समझाने की कोशिश करते हैं।
भागीदारी बढ़ाएं

बेहतर तरीके से बच्चों को त्योहारों का महत्त्व समझाने के लिए उन्हें त्योहारों में किसी न किसी रूप से शामिल करें। जैसे दीवाली पर दिए खरीदने से लेकर उन्हें पानी में भिगोने,सुखाने और शाम में दिए जलने की पूरी जिम्मेदारी बच्चों को दें, होली में होलिका दहन के लिए उनको साथ में ले जाएं, रक्षाबंधन पर राखी की खरीददारी आदि भी बच्चों से ही करवाएं। जब बच्चे इन सब में भागीदार बनने तो उनके मन में सभी रीति-रिवाजों और खरीददारी से जुड़े कई सवाल आएंगे और वे त्योहारों के वास्तविक अर्थ अपने अनुभव के आधार पर समझ पाएंगे।
कहानियों से बनेगी बात
बच्चों को त्योहारों का महत्त्व समझाने का सबसे असरदार उपाय है, उन्हें त्योहारों से जुड़ी कहानियाँ सुनाना। जैसे दीपावली के लिए श्रीराम जी की अयोध्या वापसी , होली में रंगों के उत्सव का संदेश या रक्षाबंधन में भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत। इन कहानियों के जरिए बच्चे न केवल त्योहारों के धार्मिक महत्त्व को समझते हैं।
सामाजिक दायित्व समझाएं
त्योहारों के दौरान हम अक्सर समाज के कमजोर वर्गों के लिए कुछ करते हैं, जैसे गरीबों को खाना, कपडे या जरुरत की चीजें देना या किसी भी तरह उनकी मदद करना। बच्चों को यह समझाना कि त्योहारों का असल उद्देश्य केवल खुद की ख़ुशी नहीं होनी चाहिए। बल्कि दूसरों की मदद करना और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना भी है। इस तरह से बच्चों को त्यौहारों के सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़ने का मौका मिलेगा।
संस्कारों का महत्व समझाएं

त्योहारों का महत्त्व केवल धार्मिक नहीं होता, बल्कि ये परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का सुनहरा अवसर होते हैं। बच्चों को समझाएं त्योहारों के दौरान परिवार के साथ बिताना खुशनुमा होता हैं,इस तरह बच्चे के मन में परिवार और त्योहार को लेकर सम्मान बढ़ने लगेगा, यही एहसास रिश्तों को मजबूत बनाते हैं।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलू भी समझाएं
बच्चों को यह समझाना कि त्योहारों का इतिहास क्या है और वे किस तरह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए सबसे आसान तरीका है, बच्चों को वीडियो के माध्यम से समझाना, बच्चे ये समझने में दिलचस्पी भी लेंगे और अपने त्योहारों के प्रति उनके मन में अपनापन और प्रेम की भावना आएगी।
