happiness
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Happiness Definition: नदी के दो किनारों की तरह है हमारा जीवन। एक किनारा सुख है तो दूसरा दुख है। जीवन में जो हमें प्रतिकूल लगता है वो दुख है और जो अनुकूल लगता है वो सुख है। हर एक के सोचने, समझने, महसूस करने का तरीका एकदम अलग होता है जो एक को सुख लग सकता है वही दूसरों को दुख लग सकता है। दुख, परेशानी कोई बुरी चीज नहीं है क्योंकि ये तो इंसान को जगाने के लिए आते हैं ताकि वह सावधान रहे। इसलिए विद्वान कभी भी दुख में घबराता नहीं है। वह आत्म विश्वास व साहस के साथ उसका डटकर सामना करता है और अन्त में विजयी होता है और दुख को सुख में बदल देता है। दुख का अन्त ही सुख की शुरुआत है। सुख सभी चाहते हैं परन्तु सुख है क्या? इसे जानना बहुत जरूरी है जब हम इसे जान जाएंगे तो सुख को जीवन में स्थायी रख पाएंगे। तो, जानें कि सुख क्या है?

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प्रथम सुख निरोगी काया- अगर हमारा शरीर स्वस्थ है तो आपके लिए हर वस्तु, हर वातावरण ठीक है और यदि हमारा शरीर रोगी है तो धन, यश, कीर्ति, महल सब बेकार है।

दूजा सुख घर में हो माया- अपना निजी धन कोष हो, पर्याप्त जीवन यापन करने हेतु पैसा हो तभी कार्य चलता है वरना बिना पैसे के मनुष्य व्यर्थ ही इधर-उधर ठोकरें खाता है।

तीजा सुख आज्ञाकारी सन्तान- यदि हमारी सन्तान आज्ञाकारी, परिश्रमी, सद्ïचरित्र, समझदार है तो घर में हमेशा सुख का वातावरण रहता है। हंसी-खुशी का माहौल रहता है।

चौथा सुख पारिवारिक एकता- ये सब हमें तब प्राप्त हो सकेगा जबकि हमारे घर का वातावरण अनुकूल होगा। घर के सभी बड़े-छोटे सदस्यों में पारस्परिक सौहार्द व प्रेम रहेगा। पति-पत्नी, पिता-पुत्र, माता-पुत्र, पुत्रियों, भाई-बहन में आपस में भाईचारे की भावना पनपती रहेगी और एक अच्छी सामंजस्य होगा।

पांचवां सुख देश व समाज की सुगठित न्यायिक व्यवस्था- अगर हमारे देश में प्रशासन व्यवस्था सुलभ, सुंदर व जन हितकारी होगी तो हम उसका प्रर्याप्त लाभ ले सकेंगे। देशभक्ति भावना से ओत-प्रोत होकर न केवल अपने राष्ट के प्रति पूर्ण समर्पित होंगे बल्कि अपने देश में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भरपूर उपयोग कर सकेंगे।

छठा सुख ‘स्थान- अर्थात् ‘सुस्थान वास जहां हमें निवास करना है वो जगह शुद्ध, सही व पारस्परिक प्रेम-सौहार्द वाली होनी चाहिए। जगह के चारों ओर हरियाली से भरा-भरा माहौल होने से न केवल स्वास्थ्य उत्तम होता है बल्कि हृदय व मन भी प्रसन्न रहता है।

सातवां सुख शैक्षिक होना- साक्षरता जीवन का सबसे बड़ा सुख है क्योंकि विद्या वो चाबी है जिससे आप मुसीबत आने पर कोई भी ताला खोल सकते हैं। जब भी अगर कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न होगी और ऐसे में अगर आपके पास ज्ञान होगा तो आप आसानी से अपनी व अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

सार रूप में यदि ये सातों चीजें आपके पास हैं तो निश्चय ही आप सुखी हैं, होंगे और हमेशा ही रहेंगे। इसके साथ ही हमेशा ये भी स्मृति पटल पर रखें और कभी भी न भूलें कि ये सातों चीजें हमें ईश्वर से ही प्राप्त हो सकेंगी। इसलिए प्रभु को कभी न भूलें। ईश्वर का स्मरण रखना सबसे बड़ा सुख है, जिसके बराबर मूल्यवान कोई नहीं। ईश्वर का हाथ अगर हमारे ऊपर है तभी ये सातों सुख हम प्राप्त कर सकते हैं अन्यथा नहीं। इसलिए ईश्वर भक्ति सबसे बड़ा सुख है।