शादी एक ऐसा बंधन है, जिसका इफेक्ट कई बार हमें समय निकलने के बाद महसूस होता है। जिंदगी में जीवनसाथी कितना अहम है, यह बात हम जितनी जल्दी समझ जाएंगे, उतना ही जीवन सुंदर होगा। दरअसल, पति और पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत होता है। दोनों के बीच का प्यार, अपनापन हर परेशानी का सामना करने की शक्ति देता है। अब इस बात को साइंस भी मानती है।
जानिए क्या है ‘विडोवुड इफेक्ट’

डेनमार्क में हुए एक शोध का दावा है कि अगर पति या पत्नी में से कोई एक साथ छोड़ देता है तो दूसरे पर इसका बहुत ही नकारात्मक असर पड़ता है। लाइफ पार्टनर के चले जाने से दूसरे की हेल्थ डाउन होने लगती है। मेडिकल साइंस की भाषा में स्थिति को ‘विडोवुड इफेक्ट’ नाम दिया गया है। विडोवुड इफेक्ट वो स्थिति है, जिसमें पार्टनर के दुनिया से चले जाने के बाद इंसान अंदर से टूट जाता है और उसे जीवन में कई सारी परेशानियों का अचानक से सामना करना पड़ता है। वह अकेलापन महसूस करता है, यहां तक कि अपनी सामान्य दिनचर्या के कामों को पूरा करने में भी उसे परेशानी होने लगती है।
इन फैक्टर्स का पड़ता है असर

शोधकर्ताओं ने पाया कि विडोवुड इफेक्ट से शख्स कितना प्रभावित है यह कई बातों पर निर्भर करता है और यह सभी के लिए अलग-अलग है। लेकिन सबसे अहम फैक्टर है लाइफ पार्टनर की मौत का कारण या उसकी परिस्थितियां। यह एक कॉमन फैक्टर है जो सभी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। यह बात उन्हें कहीं न कहीं इमोशनली हिट करती है। इसके साथ ही आप कितने बिजी रहते हैं इसका भी असर इस इफेक्ट पर पड़ता है।
लाखों लोगों ने कही यही बात

डेनमार्क में किया गया यह शोध इतना खास इसलिए है क्योंकि इसमें लाखों लोगों का अध्ययन किया गया है। शोधकर्ताओं ने छह साल तक 65 साल से अधिक उम्र के 10 लाख लोगों के डेटा के आधार पर इस शोध का रिजल्ट निकाला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि विडोवुड का इफेक्ट महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर अधिक पड़ता है। इतना ही नहीं कम उम्र के पुरुष विडोवुड इफेक्ट से ज्यादा प्रभावित होते हैं। शोध में सामने आया कि पार्टनर की मौत के एक साल के अंदर पुरुषों की मौत का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यानी अगर कोई पुरुष अपना लाइफ पार्टनर खो देता है तो अगले एक साल में उनकी मौत होने की आशंका अधिक होती है। वहीं महिलाओं में यह जोखिम 27 प्रतिशत तक ही होता है।
इसलिए तोड़ देती है जुदाई

शोध के अनुसार पार्टनर के चले जाने का गम कम उम्र के बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है। उनमें डिप्रेशन, खालीपन महसूस करने का जोखिम ज्यादा होता है। दरअसल, कपल्स अक्सर आपस में अपनी परेशानियां, खुशियां शेयर करते हैं। किसी एक के चले जाने पर वे अधूरापन महसूस करते हैं। जिससे उनकी सेहत खराब होने लगती है। हैरानी की बात तो ये है कि वे डाॅक्टर्स के पास जाने से भी बचते हैं, ऐसे में सेहत पर वे खर्च कम कर देते हैं।
छोटी-छोटी कोशिशें आएंगी आपके बड़े काम
जीवनसाथी का दुनिया से चले जाना बहुत बड़ी हानि है। लेकिन सभी को यह याद रखना होगा कि जिंदगी चलते रहने का नाम है। अगर आप भी विडोवुड की परेशानियों से जूझ रहे हैं तो छोटी-छोटी कोशिशें आपके बड़े काम आ सकती हैं। सबसे पहले आप बिजी रहने की कोशिश करें। अगर खाना बनाना नहीं जानते तो कुकिंग सीखें या फिर अपनी किसी भी हाॅबी के लिए समय निकालें। इससे आपका मन भी लगेगा और एक ग्रुप भी बन जाएगा। अगर हो सके तो घर में कोई पालतू जानवर पाल लें, जिससे आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा। पुराने दोस्तों से मिलना शुरू करें, उनसे अपने दुख दर्द बांटे।
