Healthy Boundary: अपने माता-पिता और भाई-बहनों, या दोस्तों, बॉस, साथ में काम करने वाले सभी के साथ, स्वस्थ सीमा बनाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह खुद की देखभाल का ही एक हिस्सा है। बाउंड्री आपको अपने रूल और लिमिटस को कम्युनिकेट करने में मदद करती हैं कि आप कैसे दूसरे लोगो के साथ बरताव करना चाहते हैं और दुसरे लोगो को बताएं कि क्या स्वीकार करने के लिए है या क्या नहीं। अर्थात् इससे आप दूसरों को अपनी टोलरेंस लेवल बताने में समर्थ हो सकेंगे।
लेकिन सीमायें तय करना इतना आसान नहीं है, खासकर अपनो के साथ। लेकिन एक बार जब खुद अपने आपको पहले रखना शुरू कर देते हैं, तो यह ज्यादा आसान हो जाएगा। यहां बताया गया है कि आप कैसे शुरुआत कर सकते हैं।
आप यह पहचानें कि आपको क्या परेशान करता है

ऑफिस में, घर पर, या अन्य लोगों के साथ, वह कौन सी टोन है जो आपके साथ इस्तेमाल की जा रही है, यह जानें कि क्या यह टोन आपके परेशान होने का कारण है। आपसे क्या मांग या अनुरोध किया जा रहा है, या फिर अन्य व्यवहार जो आपको पसंद नहीं आ रहा है उससे दूरी बनाना शुरू कर दें।
सीमा को निर्धारित करें

अपने मन में अपनी बाउंड्री सेट करें और जानें कि ऐसा क्या है जिसे करके आप अच्छा महसूस करेंगे। हो सकता है आप चाहते हैं कि आपका बॉस या फिर आपके साथ काम करने वाले लोग आपके साथ अधिक सम्मान के साथ पेश आए, या आप चाहते हों की आपका दोस्त उसके बेसिक कामों को अपने दम पर संभाल सकता है। ऐसे दोस्त के साथ आप और ज्यादा क्लोज हो सकते हैं।
अपनी डायरी बनाएं
अपनी किसी डायरी या जर्नल में अपनी बॉउंड्री को लिखें। अपनी इन सीमाओं के माध्यम से आगे जाएं और अपने आप से वादा करो कि ये ऐसी चीजें हैं जिनमें आपको खुद के साथ आसानी बरतने की आवश्यकता है, और आपको अपनी फीलिंग के लिए गुनेहगार महसूस नहीं करना चाहिए।
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खुल कर बात करें

अपने से संबंध रखने वाले लोगों के साथ खुलकर अपनी बाउंड्री के बारे में बात करें। अच्छी भाषा, शांत आवाज का प्रयोग करें और मजबूत बने रहें। दूसरे व्यक्ति को हर्ट करने से न डरें या रिज़ल्ट के बारे में चिंतित न हों। इस बात का ध्यान रखे कि आपको वही करना है जो आपको करना है!
दूसरों की निंदा सहने के लिए तैयार रहें
बुराई भरे शब्द या फिर सेल्फ डिफेंस भरे शब्दों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहें। अपने मामले को अच्छी तरह से तैयार करें, शांत रहने की कोशिश करें और इसी तरह से अपने तरीके से काम करें।
फ्लेक्सिबल बनें
जब रिश्तों की बात हो तो ज्यादा सख्त मत बनो; यदि दूसरा व्यक्ति आपसे आधी तरह से मिलने के लिए तैयार है, तो देखें कि क्या आप अपनी बॉउंड्री पर फिर से काम कर सकते हैं? लेकिन किसी ऐसी चीज़ करने के लिए मजबूर न हों जिसके बारे में आप सहमत ना हों।
पीछे जाने से खुद को रोकें

समय के अनुसार पुराने तरीकों और आदतों में जाना संभव है, इसलिए ध्यान करें कि ऐसा न हो। अपनी बाउंड्री को दोहराने और कायम रखने में कोई सोच विचार ना करें।
आपको बाउंड्री बनाते समय ध्यान रखना होगा कि कुछ स्थितियों में आपको इन बाउंड्री को तोड़ना भी पड़ सकता है लेकिन हर समय ऐसा करने से बचें।
