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Hindi Story: अनोखेलाल का बटुआ

Hindi Story: अनोखेलाल कभी कोई काम नहीं करता था, पर उसका बटुआ तंबाकू की सप्लाई का काम करता था। बटुए की सी.आर. में लिखते, प्लस। रिटायर होने के बाद उसने कहा था, ‘मेरे बिना काम नहीं चल पाएगा।’  वह कहना चाह रहा होगा, ‘मेरे बटुए की तंबाकू के बिना ऑफिस के स्टॉफ को कैंसर हो […]

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संकल्प – गृहलक्ष्मी की कहानियां

मनवर को पुलिस पकड़ कर ले गई तो गांव में हड़कम्प मच गया। हर सांय कच्ची शराब को हलक में उतारने वालों के लिए यह बुरी खबर थी। देखते ही देखते यह खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई। करछूना गांव की महिला पंचायत की यह हाल के दिनों में सबसे […]

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प्रतीक्षित लम्हा- भाग 1

मेरी बातों को सुन आलोक ने मेरी आंखों में झांका, धीरे से मुस्कुराया… कुछ देर यूं ही मुस्कुराता रहा। फिर बोल उठा- ‘ऐसी बात तो नहीं भावी। तुम तो… मेरी मूकता में… शब्द हो…! और सच पूछो तो मैं तुममें ही जीवन का सार ढूंढा करता हूं, जहां मेरे मन में भावनाओं के न जाने […]

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एकांतवास—गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां-अमन को यह एकांतवास अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। उसे यह समझते देर नहीं लगी कि यह उसके किए का ही फल है। अब वह जान चुका था कि अकेले रहने का दर्द क्या होता है।अमन ने पूरे अस्पताल को एक बार फिर गौर से देखा। जगह-जगह फूलों की महक, लोगों […]

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कहानी का सफ़र-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां

दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे पर कार सरपट दौड़ी जा रही थी। एक बेहतरीन चार लेन का हाईवे। दिल्ली की भीड़-भाड़ और कभी समाप्त न होने वाला ट्रैफिक भी बहुत पीछे छूट गए थे और कार रफ्तार से दौड़ रही थी। बेटी के पास चन्द दिन बिता कर लौट रहे थे आकाश और रेवा। हर बार इकलौती […]

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अरमानों की आहुति

शाम हो चुकीथी। ठंडी हवा चल रही थी। घर की खिड़कियों में पर लगे वो हल्के पीले रंग के पर्दे उड़ने लगे थे। बाहर बालकनी में लगे मनीप्लांट की बेल भी मानो हवा का आनंद ले रही हो। तुलसी का कोमल पौधा तेज़ हवा को सहन नहीं कर पा रहा था। तभी सुधाजी तेज क़दमों से आई और तुलसी के पौधे को भीतर ले गई।

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प्रारंभ का अंत – गृहलक्ष्मी कहानियां

वीरेंद्र शान्त खड़ा था, अचला कह रही थी – – मैंने तुम्हे कभी प्यार नहीं किया था, तुम्हारी तरफ देख क्या लिया ,तुम-से बात क्या कर ली- – तुमने उसे प्यार समझ लिया? और मुझे बदनाम कर बैठे।

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