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वामन अवतार – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, दैत्यराज बलि ने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया । इन्द्र आदि देवगण प्राण बचाकर वनों गुफाओं तथा पर्वतों में छिपकर रहने लगे । देवताओं की इस दुर्गति से देव-माता अदिति को बड़ा दुःख हुआ । उस समय कश्यप मुनि वन में कठोर तप […]

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नारद का विवाह – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: किसी समय की बात है – देवर्षि नारद और पर्वत मुनि के मन में एक साथ पृथ्वी लोक का भ्रमण करने का विचार उत्पन्न हुआ । स्वर्ग से चलते समय उन दोनों ने प्रतिज्ञा की कि पृथ्वी पर उनके मन में जो भी विचार पैदा होंगे, वे एक-दूसरे को बता देंगे । […]

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सर्प बने नहुष – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: पीछे आपने वृत्रासुर के वध की कहानी पढ़ी । वृत्रासुर का वध करने के कारण देवराज इन्द्र को ब्रह्म हत्या का पाप लगा । इससे उनका तेज क्षीण होता चला गया । देवगण इन्द्र को ब्रह्म हत्यारा कहकर उनकी निंदा करने लगे । उनकी कीर्ति नष्ट होती चली गई । सारी सिद्धियाँ […]

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भक्त प्रल्हाद – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: भगवान् विष्णु ने पृथ्वी का उद्धार करने के लिए वराह अवतार धारण कर दैत्य हिरण्याक्ष को मारा था । उसका एक भाई था हिरण्यकशिपु । भाई की मृत्यु से दु:खी हिरण्यकशिपु प्रतिशोध की अग्नि में जल रहा था । एक दिन सैनिकों को आज्ञा देते हुए बोला -“वीरो ! जो ऋषि-मुनि तप, […]

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वृत्रासुर – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: देवराज इन्द्र ने पहले विश्वरूप मुनि को अपना गुरु बनाया फिर उनका वध कर दिया । यह कहानी आपने पीछे के पृष्ठों पर पड़ी । पुत्र की मृत्यु के समाचार से त्वष्टा मुनि के क्रोध की कोई सीमा न रही । उन्होंने अथर्ववेद के मंत्रों का उच्चारण कर हवन करना आरम्भ कर […]

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वराह अवतार – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: सृष्टि रचना में सहायक बनने के लिए ब्रह्माजी ने स्वयंभू मनु और उनकी पत्नी शतरूपा को उत्पन्न किया । तब स्वयंभू मनु ब्रह्माजी की स्तुति करते हुए बोले -“ भगवन् ! हे जन्मदाता ! आपके चरणों में हमारा बारम्बार प्रणाम । पितामह ! हम क्या करें, जिससे कि हमें भगवान् विष्णु की […]

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सरस्वती, लक्ष्मी गंगा को शाप – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: सृष्टि के आरम्भ में लक्ष्मी सरस्वती और गंगा तीनों ही भगवान् विष्णु की पत्नियाँ थीं । एक बार सरस्वती को लगा कि भगवान् विष्णु गंगा को उनसे अधिक चाहते हैं । तब वे क्रुद्ध होकर गंगा को बुरा-भला कहने लगीं । लक्ष्मी ने बीच-बचाव किया । इस पर उन्हें गंगा की पक्षधर […]

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राजा अम्बरीष – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात हैं-राजा नाभाग के अम्बरीष नामक एक प्रतापी पुत्र थे । अम्बरीष बड़े वीर बुद्धिमान और तपस्वी राजा थे । उन्हें पृथ्वी के समस्त ऐश्वर्य और सुख प्राप्त थे । लेकिन विष्णु भक्त अम्बरीष जानते थे कि जिस धन-वैभव के लोभ में पड़कर प्राणी घोर नरक में जाते हैं, […]

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विश्वरूप – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-जब देवराज इन्द्र को स्वर्ग का ऐश्वर्य प्राप्त हुआ तो वे अहंकार में चूर हो गए । धर्म-मर्यादा और सदाचार का उल्लंघन करने लगे । एक दिन देवराज इन्द्र पत्नी शची के साथ स्वर्ग की सभा में अपने सिंहासन पर विराजमान थे । सूर्य, अग्नि, वरुण, कुबेर आदि […]

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प्रचेताओं को वरदान – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: राजा पृथु के वंश में बर्हिषद् नामक एक तपस्वी राजा हुए । बर्हिषद् बड़े वीर, धर्मात्मा और कर्मकाण्डी थे । उन्होंने प्रजापति का पद प्राप्त कर इतने यज्ञ करवाए कि सारी पृथ्वी उनके फैलाए हुए कुशों से पट गई । इसी कारण वे ‘प्राचीनबर्हि’ नाम से भी विख्यात हुए । उन्होंने समुद्र […]

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