बच्चा गोद लेना सामाजिकतौर पर अभी भी बहुत आम नहीं है। इसलिए अगर बच्चा गोद लेने की योजना है या हाल ही में आपने ऐसा किया है तो कुछ खास बातें आपको ध्यान रखनी होंगी।
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मां की ममता – गृहलक्ष्मी कहानियां
मां इतनी सुन्दर, इतनी गोरी चिट्टी, उसे खुद पर गर्व हो आया था कि उसकी मां सबसे सुन्दर और सबसे प्यारी है…। सुबह हो या शाम, उसने खुद को मां की ही गोद में पाया, फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि मां उसे बिना बताए ही चली गई।
महिलाओं के प्रति सोच तो बदली लेकिन ताने नहीं, बताती हैं ये तस्वीरें
महिलाओं के प्रति समय के साथ-साथ समाज का भी नजरिया बदला लेकिन वो आदत नहीं बन पाया। उसे घर से बाहर जाने की छूट तो मिली लेकिन एक सवाल के साथ… “वहां क्या कर रही थी तुम ?” उसे सपनों को पूरा करने की हामी तो मिली लेकिन एक सीमा तय कर दी गई… “बिटिया पहले शादी कर लो बाद में पढ़ लेना”। वजह कुछ भी हो लेकिन महिलओं को हमेशा सवालों के घेरे में ही रहना पड़ता है। उसकी मानसिक पीड़ा को शायद उससे बेहतर कोई नहीं समझ पाता। हर वक्त हर घड़ी उसे समाज के इन तानों का सामना करना पड़ता है –
हट्टे-कट्टे ये तिलचिट्टे
मानव तिलचिट्टे भी तीन प्रकार के होते हैं- 1. सामाजिक, 2. राजनैतिक, 3 साहित्यिक। ये तिलचिट्टे अपने-अपने क्षेत्र को अपवित्र और भ्रष्ट करते हुए एक-दूसरे के इलाके में दखल देते हैं।
बिंदास लेखन – गृहलक्ष्मी कहानियां
अभी पढ़ते-पढ़ते एक विचार मन में आया कि क्यों न मैं भी टॉप-जींस पहनकर लिखूं। शायद लिखने की गति बदल जाए और लेखन में कुछ कड़कपन आ जाए। मतलब थोड़ी फास्ट, समयानुसार रचा-सजा, हाई हील पहने, कंधे पर बैग लटकाए, कान से मोबाइल चिपकाए, आंखों पर गोगल चढ़ाए एकदम बिंदास।
