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धनतेरस में राशि के अनुसार कैसे करें खरीदारी?

इस बार धनतेरस का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की रात से 13 नवंबर की शाम तक रहेगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनायी जाने वाली धन्वंतरी जयंती यानि कि धनतेरस पर धातु की वस्तु की खरीदारी करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे धन-वैभव, सुख-समृद्धि का वास होता है।

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वास्तु के अनुसार ऐसे करें दीवाली की तैयारी और पूजन

  यूं तो हम सभी दीवाली पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, क्योंकि यह त्योहार जितनी पवित्रता के साथ मनाया जाएगा मां लक्ष्मी हम पर अपनी उतनी ही अधिक कृपा बरसाएंगी। दीपावली पर्व केवल पर्व ही नहीं इसके साथ ज्योतिष एवं वास्तु का समावेश भी है। वास्तुशास्त्र में चार दिशाएं होती है। तथा स्वास्तिक चारों […]

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क्या आप जानते हैं दुर्गा पूजा से जुड़ी बंगालियों की ये 10 खास बातें ?

‘दुर्गा पूजा’ नाम लेते ही आंखों के सामने मां दुर्गा की विशाल आकर्षक प्रतिमाएं, भव्य पंडाल, चहल-पहल से भरा माहौल सब घूमने लगता है। क्लासिक प्रवृत्ति के माने जाने वाले बंगाली समुदाय के लिए दुर्गा पूजा की अत्यंत महत्ता है। पश्चिम बंगाल में इस दिन त्याहोर के समय दस दिनों की छुट्टियों होती है। समूचा […]

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जानिए कैसे करें हरतालिका तीज का व्रत Hartalika teej vrat katha

  संकल्प शक्ति का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का परम पावन व्रत हरतालिका तीज हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। हरतालिका तीज को तीजा भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं विधि-विधानपूर्वक और पूर्ण निष्ठा से इस व्रत को करती […]

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DIY: ऐसे बनाएं घर पर ही राखी

राखी का त्योहार ढेरों खुशियां लेकर आता है एक वादें के साथ। जो एक बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उससे मांगती है। ये वादा प्यार और विश्वास का होता है। यूं तो बाजार में तरह-तरह की ढेरों राखियां मिलती हैं। लेकिन अगर बहन खुद से अपने भाई के लिए राखी सजाएं तो उसकी बात ही कुछ और होगी। इसलिए इस खास मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप घर पर ही अपने भाई के लिए उसके मनपसंद रंग की राखी तैयार कर सकतीं हैं। यकीन मानिए आपका ये सरप्राइज सबसे अलग होगा। तस्वीरों में स्टेप बाय स्टेप राखी बनाने के डिजाइन दिए गए हैं जिसकी मदद से आप भी एक खूबसूरत राखी तैयार कर सकती हैं।

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राखी के साथ-साथ बांधें ये 5 वादे भी

बचपन में भी भाई-बहन के बीच झगड़े होते थे, तब अधिक देर
तक टिक नहीं पाते थे। बड़े होकर तो समझदारी होनी चाहिए, बात को ज्यादा तूल ना देते हुए बढ़ने से रोकना चाहिए।

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नागपंचमी: इस दिन नागों को मिली थी श्राप से मुक्ति

भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहां केवल नर से बने ‘नारायण’ की ही उपासना नहीं होती अपितु उनके जो अन्य सृजन हैं उनकी भी श्रद्धा एवं धार्मिक दृष्टिकोण से पूजा-अर्चना की जाती है। इस देश में जहां गाय की पूजा कृष्ण प्रिय होने पर होती है तो बैल की शंकर वाहन होने के रूप में। इसी तरह नाग को भी शंकर जी का परम श्रृंगार होने के नाते पूजा जाता है। विशेषकर श्रावण मास में जो कि शंकर जी की अराधना का मास है और इसकी धार्मिक, आध्यात्मिक दृष्टि से भी अति महत्ता है। श्रावण मास की ‘शुक्ल पंचमी’ को ‘नाग पंचमी’ कहते हैं इस दिन नागों की पूजा की जाती है।

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अखंड सौभाग्य चाहिए तो करें ‘वट सावित्री’ की पूजा

  हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत को भी करवा चौथ की तरह ही माना जाता है। अपने अचल सुहाग की कामना के लिए महिलाएँ बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर सावित्री के पतिव्रत धर्म को स्मरण करती हैं। कहते हैं कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु व डालियों में […]

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रंग जो छूटे नाहि – गृहलक्ष्मी कहानियां

अरे भाई, जरा ठीक से रिक्शा चलाओ न। क्या सामान समेत नीचे ही गिरा दोगे। रिक्शा वाला बोला, हम क्या करें, रास्ते में इतने गड्ढे हैं कि झटके तो लगेंगे ही। वो बड़ी मुश्किल से बैठ पा रही थी, कभी अपना बैग तो कभी अपनी अटैची सम्भालती। इतना तो विदेश से कानपुर आने में नही परेशान हुई जितना कि अपनी गली में आने से थक गयी और झुंझलाते हुए बोली कि हद हो गयी, इतने सालों बाद कुछ भी नहीं बदला।