हिन्दू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है और हर महीने ही कोई न कोई खास व्रत या त्योहार पड़ता है। हिन्दू धर्म के लोग इन व्रत और त्योहारों को बहुत ही विश्वास के साथ मनाते हैं। आपसे इस महीने का कोई भी महत्वपूर्ण उपवास या जयंती छूट न जाए। इसके लिए आज हम इस माह में पड़ने वाले कुछ विशेष व्रत एवं त्योहारों के बारे में बता रहे हैं-
अपरा एकादशी – भगवान विष्णु को समर्पित अपरा एकादशी 11 मई को पड़ रही है। बेहद शुभ इस व्रत को करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। अपरा एकादशी पर दान पुण्य का बहुत ही महत्व होता है।
भद्रकाली जयंती – भद्रकाली जयंती प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। 11 मई को पड़ने वाली इस जयंती पर माँ महाकाली की पूजा अर्चना की जाती हैं। कश्मीर, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भद्रकाली जयंती को लोग काफ़ी धूम धाम से मनाते हैं।
प्रदोष व्रत – चंद्र मास के 13 वें दिन को त्रयोदशी या प्रदोष व्रत पड़ता है। 13 मई को पड़ने वाले इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। सुहागन महिलाएं यह व्रत अपने पति की लम्बी आयु व पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं।
वृषभ संक्रांति – उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार 15 मई को वृषभ संक्रांति पड़ रही है। इस दिन ब्राह्मणों को गौ दान करना बहुत शुभ माना जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में इस पूजा की धूम देखते ही बनती है। इस दिन अपने पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए लोग पितृ तर्पण भी करते हैं।
वट सावित्री व्रत – 15 मई को पड़ने वाले इस व्रत को सुहागन औरतें अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती हैं। महिलाएं इस दिन बरगद के पेड़ पर धागा बाँधते हुए परिक्रमा करती हैं और फिर बैठकर व्रत-कथा सुनती हैं।
शनि जयंती – 15 मई को पड़ने वाली शनि जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस दिन पर लोग इस ग्रह की शान्ति के लिए पूजा-पाठ कराते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा अर्चना करता है उसके जीवन से सभी तरह के दुख दूर हो जाते हैं।
गंगा दशहरा – हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक गंगा दशहरा 24 मई को है। कहते है इस दिन स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन देवी गंगा की पूजा का विधान है। किसी पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करना इस दिन काफी शुभदायी होता है।
पद्मिनी एकादशी – ऐसे तो साल में 24 एकादशी पड़ती हैं, लेकिन अधिमास में ये 26 हो जाती है। अधिमास की एकादशी को ही पद्मिनी एकादशी कहते है जो 25 मई को है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा – 29 मई को पड़ने वाली इस पूर्णिमा पर श्री सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन की गई पूजा से विष्णु भगवान का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सुख शांति आती है।
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