Posted inलघु कहानी - Short Stories in Hindi, हिंदी कहानियाँ

अकेलापन-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: “अकेलापन उस अंधेरे कमरे की तरह होता है, जहां कोई खिड़की नहीं होती, लेकिन फिर भी हम उम्मीद की रोशनी खोजते रहते हैं।” मंजू देवी ने यह शब्द धीरे से अपनी जुबान से निकाले, जैसे किसी गहरे ख्याल से बाहर आकर किसी से बात कर रही हों। मंजू देवी का घर एक […]

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माँ की गोदी से दुनिया तक-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story in Hindi: आज घर में कुछ खास था। मानसी के दिल में एक हलचल थी, जैसे कोई बड़ा बदलाव होने वाला हो। उसकी छोटी सी रेवा, जो हमेशा उसकी गोदी में बैठकर खेलती थी, आज घर छोड़ने वाली थी। रेवा ने अपने जीवन के एक अहम मुकाम को छुआ था, पढ़ाई के लिए […]

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आँगन से आसमान तक-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story: बड़े शहर की रौनकें छोड़कर जब सुनैना की शादी एक छोटे कस्बे के घर में हुई, तो मन में थोड़ा डर था और थोड़ी उम्मीद। नए घर का माहौल समझना मुश्किल नहीं था यहां सब कुछ नियमों से चलता था, और उनमें सबसे अधिक “चुप” थी उसकी सास, शांता देवी। शुरुआती दिनों में […]

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हौसले की उड़ान-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational Story: नीलिमा की शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन उसके चेहरे की मुस्कान कहीं खो गई थी। ससुराल वालों की ऊंची आवाज़ें, ताने और तिरस्कार उसके आत्मविश्वास को चुरा रहे थे। उसके पति की बेरुखी उसे और भी तोड़ रही थी। समर, जो हमेशा अपनी बहन का साया बनकर रहा था, उसकी […]

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सौतन के साए में- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Sad Story: दिल्ली के इस बड़े शहर में, जहां ज़िन्दगी भाग रही थी, एक कहानी धीरे-धीरे बिखर रही थी। शादी को पंद्रह साल हो चुके थे। नंदिता और आकाश की ज़िन्दगी कभी सपनों से भरी थी। दोनों एक-दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते थे और शादी के बाद भी उनकी दोस्ती, उनका प्यार […]

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स्टेशन पर छूटे लम्हे-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Love Story: वो सिहरन आज भी कायम है, वो गुदगुदाता एहसास आज भी जवां है। सुखेश पहली बार गरिमा से ट्रेन में मिला था। एक अनजाना शख्स जिसके लिए वह अपना सबकुछ छोड़कर आ गई। आ तो गई लेकिन आज सुखेश नज़र नहीं आ रहा। वह रात के इस अंधेरे में रेलवे स्टेशन के […]

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सपनों का इस्तीफा- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Sad Story: देविका ने कभी सोचा था कि कितना प्रेम करने वाला ससुराल मिला है, लेकिन धीरे-धीरे उसका सपना ‘सपना’ ही रह गया। पिछले 10 सालों से प्राइवेट नौकरी कर रही थी। एक पीआर कंपनी में अच्छे खासे पैकेज पर थी। जब ससुराल वाले बहुत प्रेम जताते थे, तो उसे लगा कि क्यों न […]

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गांव की बयार में पला सच्चा इश्क – गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Love Story: बाड़मेर के पास एक छोटा-सा गांव था – बालोतरा। वहां की कच्ची गलियों में धूल से सने पांव लिए दौड़ते दो बच्चे, सूरज और गौरी। दोनों की मांओं की गहरी सखियों जैसी दोस्ती थी, तो इनके दिन भी साथ ही बीतते। कभी खेतों में बकरियां चराते, कभी पीळू के पेड़ के नीचे […]

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हाथी के दाँत- गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां- मेघना हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में मंच पर स्पीच दे रही थी, हिन्दी की ‘प्रवक्ता’ जो ठहरी और बहुत ही प्रतिभाशाली भी। उसकी स्पीच ने सबको उसकी ओर खींच लिया। चंद लाइनों ने तो सबका मन ही मोह लिया, जैसे- “हमें अपनी हिन्दी भाषा का सम्मान करना चाहिए, अंग्रेजी भाषा को अपने देश पर हावी ना होने दें, […]

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पिंजरे के उस पार – गृहलक्ष्मी की कहानियां

‘सुरीला मिट्ठू’ नाम था उसका। आज मेले में उसके मालिक ने उसको एक नए मालिक को बेच दिया था। उसे आज एक नया घर मिलने वाला था, लेकिन पिंजरा वही पुराना था, यहां उसे लौट कर रोज़ वहीं कैद हो जाना था।

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