Maa ki Gaudi se Duniya Tak
Maa ki Gaudi se Duniya Tak

Short Story in Hindi: आज घर में कुछ खास था। मानसी के दिल में एक हलचल थी, जैसे कोई बड़ा बदलाव होने वाला हो। उसकी छोटी सी रेवा, जो हमेशा उसकी गोदी में बैठकर खेलती थी, आज घर छोड़ने वाली थी। रेवा ने अपने जीवन के एक अहम मुकाम को छुआ था, पढ़ाई के लिए शहर जा रही थी। मानसी के दिल में खुशी और ग़म का मिश्रण था। खुशी इसलिए कि उसकी बेटी अपनी मेहनत से सफलता की ओर बढ़ रही थी, लेकिन ग़म इसलिए कि उसकी गोदी में पलने वाली रेवा अब उससे दूर जा रही थी।

रेवा ने अपनी ट्रॉली बैग को लिविंग रूम में रखा और कुछ पल के लिए चुपचाप खड़ी हो गई। उसका मन भारी था। वह यह सोच रही थी कि माँ से दूर रह पाना अब इतना आसान नहीं होगा। मानसी ने उसकी ओर देखा और धीरे से कहा, आ रही हो, रेवा? जल्दी से तैयार हो जाओ, फ्लाइट का वक्त हो गया है।

रेवा की आँखें गीली हो गईं। वह खुद को रोक नहीं पाई और माँ की तरफ बढ़ी। माँ, मुझे डर लग रहा है। आप मेरे बिना कैसे रह पाएंगी? उसकी आवाज में वह वही बच्ची थी, जो कभी मानसी के पास हर समय रहती थी, कोई भी छोटी सी तकलीफ होती तो माँ के पास दौड़ जाती।

मानसी ने अपनी बेटी को गले से लगा लिया। बिलकुल ठीक है, बेटा। मुझे यह समझने में वक्त लगेगा, पर तुम जहाँ भी रहोगी, मैं तुम्हारे साथ रहूँगी।

रेवा मानसी के कंधे पर सिर रखकर फूट-फूट कर रो पड़ी। उसकी आँखों में बचपन की यादें ताजे हो उठी थीं। उसे याद आया, जब वह छोटी थी और मानसी उसे रात को गहरी नींद में गाने से लोरी सुनाती थी। कैसे वह मानसी के कंधे पर अपना सिर रखकर सो जाती थी, और उसे लगता था कि माँ के पास दुनिया की सारी खुशियाँ हैं।

माँ, याद है जब मैं पहली बार स्कूल गई थी? रेवा ने कहा। तुमने मुझे स्कूल की यूनिफॉर्म पहनाकर, मुझे गले लगाया था, और कहा था, ‘तुम्हारे पास मेरा प्यार रहेगा, तुम कभी अकेली नहीं रहोगी।’ और फिर मैं स्कूल से लौटते वक्त हर दिन तुमसे यही पूछती थी, ‘क्या आप मुझे हमेशा इसी तरह प्यार करेंगी?’ तब तुम मुस्कुराती हुई कहती थी, ‘बिलकुल!’

मानसी की आँखें भी नम हो गईं। वह याद करती है, जब रेवा पहली बार स्कूली बैग लेकर बाहर जाने लगी थी, तो उसे लगा था कि उसके बाद उसके पास सिर्फ यादें ही रह जाएंगी। रेवा ने जब पहली बार अपनी पढ़ाई के लिए अच्छा अंक लाया था, तब मानसी ने उसे गले लगा लिया था और कहा था, तुमसे कुछ भी छीन सकता है, लेकिन तुम्हारी मेहनत और तुम्हारा दिल कभी नहीं।

माँ, अब मैं उन दिनों को छोड़ रही हूं, रेवा ने आँसू पोंछते हुए कहा, लेकिन क्या आप सच में मुझे भूल जाएँगी? क्या आप कभी अकेली नहीं महसूस करेंगी?

मानसी ने रेवा को अपने पास खींचते हुए कहा, तुम शायद भूल जाओ, लेकिन मैं कभी नहीं भूल सकती। तुम मेरी धड़कन हो, मेरी सांसें हो। जब भी मुझे अकेलापन महसूस होगा, मैं अपने दिल से तुम्हें महसूस करूंगी। तुम्हारी हंसी, तुम्हारे सवाल, तुम्हारा प्यार यह सब मेरे साथ रहेगा, चाहे तुम कितनी भी दूर जाओ।

माँ, मुझे लगता है कि आप मेरे बिना कभी भी खुश नहीं रह पाएंगी। रेवा ने कहा, और उसकी आवाज में एक दर्द था, जो शब्दों में नहीं समा सकता था।

मानसी ने अपनी बेटी को एक गहरी नजर से देखा, उसकी आँखों में सच्चा प्यार और समझ थी। तुम मेरे बिना कभी अकेली नहीं हो, रेवा। तुम्हारा हिस्सा हमेशा मेरे साथ रहेगा। तुम जहां भी जाओगी, मेरी दुआएं तुम्हारे साथ रहेंगी।

मानसी ने फिर अपनी बेटी को गले लगाया, और यह वह पल था जब समय जैसे थम सा गया था। रेवा और मानसी, दोनों एक दूसरे में खो गईं। रेवा ने धीरे से कहा, माँ, जब भी मुझे जरूरत हो, मैं आपको याद करूंगी।

मानसी ने मुस्कुराते हुए कहा, मैं भी बेटा, मैं भी। और याद रखना, चाहे तुम मुझसे कितनी दूर क्यों न जाओ, मेरी दुआ हमेशा तुम्हारे साथ होगी। तुम कभी अकेले नहीं रहोगी, क्योंकि मेरा प्यार तुम्हारे दिल में हमेशा रहेगा।

विदाई का समय आ चुका था। रेवा ने अपने बैग को उठाया, और माँ के गले से फिर से एक आखिरी बार लगा। वह धीरे-धीरे घर से बाहर जाने लगी, लेकिन मानसी की आँखों में एक नई उम्मीद थी।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...