गृहलक्ष्मी की कहानियां- मेघना हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में मंच पर स्पीच दे रही थी, हिन्दी की ‘प्रवक्ता’ जो ठहरी और बहुत ही प्रतिभाशाली भी। उसकी स्पीच ने सबको उसकी ओर खींच लिया। चंद लाइनों ने तो सबका मन ही मोह लिया, जैसे- “हमें अपनी हिन्दी भाषा का सम्मान करना चाहिए, अंग्रेजी भाषा को अपने देश पर हावी ना होने दें, […]
