हमारी भारतीय सामाजिक व्यवस्था ऐसी है कि यहां मांओं को उनकी ज़िम्मेदारी की लंबी लिस्ट तो दी जाती है लेकिन पिताओं के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उन्हें बच्चों के लिए जिम्मेदार माना ही नहीं जाता है। लेकिन फिर भी समय बदलने के साथ महिलाओं की लाइफ में बदलाव आया है और इसी बदलाव के चलते अब पिता भी परवरिश में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं। उन्हें भी इस बात का अहसास हो चुका है कि वो बच्चों के लालन-पालन में हाथ बंटा सकते हैं। मगर नए दौर के पिताओं के बेस्ट पापा बनने की कोशिश में मांएं भी हाथ बंटा सकती हैं। वो चाहें तो पिता सच में ‘बेस्ट पापा’ का टैग पा ही लेंगे। ये बच्चों की परवरिश के लिए भी अच्छा होगा। अब इस अच्छाई में मां का रोल क्या हो सकता है? आप कैसे पिता को बेस्ट पापा बनाने में मदद कर सकती हैं आइए जानें-

उन पर हो विश्वास

आपके पति अच्छे पिता बनने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आप इन प्रयासों में सिर्फ कमियां निकाल रही हैं तो समझ लीजिए कि पति एक न एक दिन पुराने दौर वाली छवि में लौट जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि उनके छोटे-छोटे प्रयासों की अहमियत समझी जाए। देखिए अगर उन्हें लगेगा कि आप उन्हें लाख कोशिशों के बाद भी बेकार या कुछ खास प्रयास ना करने वाले पिता ही समझ रही हैं तो जान लीजिए कि वो नए दौर वाले सहयोगी पति और पिता वाले घेरे से तुरंत बाहर आ जाएंगे। आपको उनके छोटे प्रयासों की भी तारीफ करनी होगी, बात तब ही बनेगी। 

 

जब हों बच्चों के साथ

जब आप दोनों लोग बच्चों के साथ हों तो समय-समय पर दिशा-निर्देश देते रहने से अच्छा होगा कि आप पिता को ही निर्णय लेने दें, जैसे बच्चे क्या खाएंगे, क्या खेलेंगे या इस वक्त पढ़ेंगे या नहीं। इससे पिता में बच्चों की देखभाल को लेकर आत्मविश्वास जागेगा। वो और आगे से आगे बढ़ कर उनकी दिनचर्या को बेहतर बनाने के बारे में जरूर सोचेंगे। 

तारीफ भी है जरूरी

पिता

 

जब परवरिश में हाथ बंटाने की कोशिश कर रहे हैं और ये बात आपको महसूस भी हो रही है तो उनकी तारीफ करने में कंजूसी बिलकुल न करें। बच्चों के सामने तो ऐसा करें ही बाकी परिवार के सामने भी ऐसा करने से बचें न। उनको इससे प्रोत्साहन मिलेगा। 

घेरा बना लें

एक पूरी प्रक्रिया के दौरान एक ऐसा समय भी आएगा, जब आपके पति थके होंगे। या फिर वो नहीं चाहते होंगे कि बच्चे उन्हें घेर कर बैठें या उनसे कोई अपेक्षा रखें। तो ऐसे में आपको एक घेरा बनाना होगा। घेरा ऐसा कि पति को बच्चे परेशान न कर पाएं। इसके लिए आप बच्चों को कारण समझाएं, जैसे कि अभी पापा थके हैं। उन्होंने आज ऑफिस में बहुत काम किया है। इस तरह से पति को लगेगा कि आप उनकी परेशानी समझ रही हैं और नॉर्मल होते ही दुगनी तेजी से वो बच्चों की परवरिश में हाथ बंटाने लगेंगे। 

 

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