क्‍या है डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली, इन लक्षणों से करें पहचान: Signs of Dysfunctional Family
Dysfunctional Family Credit: Istock

Signs Of Dysfunctional Family:  एक डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली अस्थिर होती है और अक्‍सर झगड़े का कारण बनती है। आमतौर पर ऐसे परिवारों में माता-पिता अपने बच्‍चों की उपेक्षा या दुर्व्‍यवहार करते हैं, जिससे परिवारजनों के बीच हमेशा कलेश बना रहता है। सामान्‍यतौर पर परिवार का कोई एक सदस्‍य ऐसा व्‍यवहार करता है। परिवार के किसी सदस्‍य के ऐसे व्‍यवहार के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें शराब का सेवन, नशे की लत या मानसिक बीमारी शामिल हो सकती है। ऐसे परिवार में बड़े होने वाले बच्‍चों पर मानसिक और भावनात्‍मक रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है। कुछ मामलों में बच्‍चे अपराधी भी बन जाते हैं। एक डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली क्‍या होती है और इसकी पहचान कैसे की जा सकती है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

क्‍या है डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली

Signs of Dysfunctional Family
what is dysfunctional family

एक डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली वो होती है जहां माता-पिता लगातार बच्‍चे की उपेक्षा करते हैं या उसके साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं और परिवार के अन्‍य सदस्‍य इस तरह के व्‍यवहार को अनदेखा करते हैं। कुछ मामलों में बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास पूरी तरह से समाप्‍त हो जाता है। वहीं कुछ लोग इस व्‍यवहार को सामान्‍य मानने लगते हैं।

डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली के लक्षण

डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली में कई ऐसी चीजें होती हैं जो सामान्‍य नहीं होतीं। इन लक्षणों से डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली की पहचान की जा सकती है।

किसी भी रूप में दुर्व्‍यवहार

दुर्व्‍यवहार डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली का सबसे बड़ा संकेत है। दुर्व्‍यवहार शारीरिक, भावनात्‍मक और सेक्‍सुअल कैसा भी हो सकता है। दुर्व्‍यवहार चाहे कितना ही हल्‍का क्‍यों न हो, बच्‍चों के बड़े होने पर भी उनके मन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। बच्‍चे बड़े होकर इसी व्‍यवहार को फॉलो करते हैं।

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नियंत्रण

एक या दोनों माता-पिता हावी होते हैं और बच्‍चों की ओर से सभी निर्णय खुद ही लेते हैं। उन्‍हें बच्‍चों के बिगड़ने का अंतर्निहित डर होता है। नियंत्रण करने वाले माता-पिता के बच्‍चे नाराज, असहाय और शक्तिहीन महसूस करते हैं। इसके अलावा ऐसे बच्‍चे निर्णय लेने में कमजोर हो सकते हैं।

हिंसा

डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली के लक्षण
violence

जब माता-पिता परिवार पर नियंत्रण रखने के लिए शारीरिक शोषण या हिंसा का सहारा लेते हैं, तो डिस्‍फंक्‍शनल जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसका बच्‍चों पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है और बड़े होने पर वे हिंसक हो जाते हैं। बच्‍चे अपने भाई-बहनों के साथ भी यही कोशिश कर सकते हैं और बड़े होकर बुली बन सकते हैं।

इमोशनल सपोर्ट की कमी

एक डिस्‍फंक्‍शनल परिवार में माता-पिता अपने बच्‍चों को आवश्‍यक इमोशनल सपोर्ट प्रदान करने में विफल रहते हैं। ऐसे माता-पिता के व्‍यस्‍त होने या माता-पिता के अपनी जिम्‍मेदारियों की उपेक्षा करने के कारण हो सकता है। बच्चे अपना बचपन अकेलेपन में बिताते हैं। साथ ही बड़े होकर इमोशनल रूप से कमजोर हो जाते हैं।

एडिक्‍शन

जब परिवार में एक या दोनों माता-पिता को ड्रग्‍स, शराब या जुए की लत होती है, तो वे अपने परिवार के प्रति जिम्‍मेदारियों की उपेक्षा करते हैं। इससे बच्‍चों का प्‍यार और रिश्‍ता भी प्रभावित हो सकता है। एक बार लत लगने के बाद, रिश्‍तों को बढ़ावा देना कठिन हो जाता है। एडिक्‍शन के चलते माता-पिता और बच्‍चों के बीच तनाव बना रहता है, जो कि डिस्‍फंक्‍शनल फैमिली का मुख्‍य संकेत हो सकता है।