Love language in relationships
Love language in relationships Credit: Istock

9 Month Rule Relationship: प्‍यार एक ऐसा शब्‍द है जो हर रिश्‍ते को खूबसूरत बना सकता है। जब तक रिश्‍ते में प्‍यार और विश्‍वास होता है तब तक उसे निभाया जाता है। लेकिन लंबे समय तक चलने वाला रिश्‍ता सिर्फ प्‍यार और आकर्षण पर निर्भर नहीं करता बल्कि उसमें सम्‍मान, उत्‍साह, गलतियां और समझदारी की आवश्‍यकता होती है। रिश्‍ते की शुरुआत में पार्टनर की हर छोटी-बड़ी गलतियों और नादानियों पर प्‍यार आता है लेकिन सयम के साथ एक-दूसरे के साथ रहना कई बार चुनौतिपूर्ण लगने लगता है। ऐसे में हर कपल के मन में एक ही सवाल आता है कि पार्टनर के साथ उनका रिश्‍ता टिकेगा या नहीं। यदि आप भी ये जानना चाहते हैं तो 3-6-9 मंथ रूल अपना सकते हैं। हालांकि ये रूल हर कपल पर सटीक नहीं बैठता लेकिन इससे आपको अपने रिश्‍ते की सच्‍चाई जानने का मौका जरूर मिल जाएगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

क्‍या है 3-6-9 मंथ रूल

9 Month Rule Relationship-9 मंथ में जाने पार्टनर को
What is the 3-6-9 month rule

ये रिलेशनशिप को जानने का एक अनौपचारिक नियम है जिसका पालन कुछ लोग नए रोमांटिक संबंधों को बनाने के लिए करते हैं। इसमें कपल अपने नए रिश्‍ते को पनपने के लिए लगभग 9 महीने का समय देते हैं। हर तीन महीने में वह रिश्‍ते को गहराई से समझते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। इस रूल को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। जो डिसाइड करता है कि आप अपने पार्टनर के साथ जिंदगीभर साथ रह सकते हैं या नहीं।

3-6-9 मंथ का पहला रूल

एक रिश्‍ते की शुरुआत उत्‍साह और जोश के साथ होती है। शुरुआती तीन महीने पार्टनर एक-दूसरे को जानने और समझने में निकाल देते हैं। इस अवधि के दौरान आप पार्टनर के हितों, शौक, मूल्‍यों और विचारों की खोज करते हैं। इस चरण में आप आकलन करते हैं कि क्‍या ये वाकई प्‍यार है या सिर्फ आकर्षण। इन तीन महीनों को हनीमून पीरियड माना जाता है, जिसमें आप पार्टनर से हर बात शेयर करते हैं और रोमांस का मजा लेते हैं।

3-6-9 मंथ का दूसरा रूल

3-6-9 मंथ के दूसरे चरण में रिश्‍ते की गहराई बढ़ने लगती है। शुरुआती तीन महीने के बाद पार्टनर उत्‍साह के साथ आगे बढ़ते हैं और रिश्‍ते को अधिक समय व भावनात्‍मक ऊर्जा देते लगते हैं। ये वह चरण है जहां पार्टनर्स चुनौतियों और असहमतियों का सामना करते हैं। इन छह महीनों में एक-दूसरे की कमियां सामने आने लगती हैं। भविष्‍य की योजनाओं पर चर्चा की जाती है। साथ ही एक-साथ भविष्‍य को संवारने के सपने देखे जाते हैं। यदि पार्टनर की अच्‍छाई और बुराई के साथ रहना आनंद देता है तो ये रिश्‍ता लंबे समय तक निभाया जा सकता है।

3-6-9 मंथ का तीसरा रूल

third rule
The third rule of the 3-6-9 month

आखिरी तीन महीनों में रिश्‍ते की दीर्घकालिक संभावनाओं का आंकलन किया जाता है। आपको पता चल जाएगा कि आप इस रिश्‍ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं या मूव ऑन करना चाहते हैं। रिश्‍ते को मजबूत बनाने के लिए अपने भविष्‍य के बारे में बात करें, सवाल करें साथ ही एक-दूसरे का सम्‍मान करें। यदि आपको एक साथ रहना पसंद नहीं है तो समय रहते रिश्‍ता खत्‍म कर दें।

पार्टनर को दें मौका

कई बार प्रेशर में पार्टनर ऐसी गलतियां कर बैठता है जो रिश्‍ते पर भारी पड़ जाती हैं। इसलिए पार्टनर से संबंध तोड़ने से पहले उसे एक मौका और दें। उससे भविष्‍य के विषय में बात करें। अपनी पसंद, प्राथमिकता और विचारों के बारे में चर्चा करें। किसी भी रिश्‍ते को तोड़ना इतना आसान नहीं होता इसलिए स्‍वयं को और पार्टनर को समय दें।