second potato relationship
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Overview:

'सेकेंड पोटैटो' वह स्थिति है जब आप अपने पार्टनर के पास होते हुए भी उसे करीब महसूस नहीं कर पाते हैं। चाहे आप रिश्ते को कितनी भी ईमानदारी से क्यों न निभाएं, पार्टनर पूरी तरह से आपका नहीं हो पाता है।

Second Potato Relationship: रिश्तों की दुनिया भी बहुत अजीब है। यहां कई उतार चढ़ाव आते हैं। कई भावनाएं हिलोरे खाती हैं और कई नई स्थितियां भी आती हैं। ऐसी ही नए नई स्थिति है ‘सेकेंड पोटैटो’। यह वह स्थिति है जब आप अपने पार्टनर के पास होते हुए भी उसे करीब महसूस नहीं कर पाते हैं। चाहे आप रिश्ते को कितनी भी ईमानदारी से क्यों न निभाएं, पार्टनर पूरी तरह से आपका नहीं हो पाता है। रिश्ते के इस ताने-बाने का मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर काफी विपरीत असर पड़ सकता है। क्या है ‘सेकेंड पोटैटो‘ स्टेज और इसके नुकसान, आइए जानते हैं।

अंदर से तोड़ सकता है सेकेंड पोटैटो होना

Second Potato Relationship-सेकेंड पैटेटो रिश्ते में पार्टनर अपने पहले रिश्ते को पूरी तरह से कभी भूल ही नहीं पाता।
In a second potato relationship, the partner is never able to completely forget his/her first relationship.

जब आप किसी ऐसे इंसान के साथ रिलेशनशिप में होते हैं, जिसका पहले भी किसी अन्य व्यक्ति के साथ गहरा रिश्ता रहा है तो आपको सेकेंड पोटैटो बनने का अनुभव हो सकता है। दरअसल, इसमें आपका पार्टनर अपने पहले रिश्ते को पूरी तरह से कभी भूल ही नहीं पाता। वह आपको सिर्फ एक विकल्प के तौर पर देखता है। ऐसे में आप रिश्ते में कितने भी समर्पित क्यों न हो जाएं, आपके पार्टनर को पूरा प्यार और अपनापन आपको नहीं मिल पाता है। जिसके कारण छोटी-छोटी बातें आपको हर्ट कर सकती हैं। इससे आपके रिश्ते खराब भी हो सकते हैं। इन सारी बातों का आपकी मेंटल और इमोशनल दोनों हेल्थ पर असर होता है।

मानसिक शांति पर पड़ता है असर

रिश्ते में सेकेंड पोटैटो का अनुभव होना आपकी मानसिक शांति छीन सकता है। जब आपका पार्टनर बार-बार आपकी तुलना अपने पहले पार्टनर से करता है तो इससे बुरा महसूस होता है। लगातार पहले पार्टनर की खूबियां गिनाना और आपकी कमियां दिखाना मानसिक शांति पर असर डालता है। यह स्थिति आत्मसम्मान पर चोट जैसी महसूस होती है। ‘जर्नल ऑफ पर्सनल एंड सोशल रिलेशन्स’ में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार ऐसे रिश्ते में पार्टनर एक-दूसरे से कभी खुश और संतुष्ट नहीं होते। उनके बीच हमेशा तनाव बना रहता है।

रिश्ते में खो जाता है विश्वास

रिलेशनशिप में जब एक पार्टनर सेकेंड पोटैटो का अनुभव करता है तो वह अपने साथी पर कभी भी पूरा विश्वास ही नहीं कर पाता है। उसे हमेशा यही लगता है कि वह अपने पार्टनर के लिए अहमियत नहीं रखता है। ऐसे में रिश्ते में असुरक्षा की भावना आने लगती है। पार्टनर्स एक दूसरे पर पूरा विश्वास नहीं कर पाते हैं, जिसका असर रिश्ते पर पड़ता है। व्यक्ति अपने पार्टनर पर शक करने लगता है। वह खुद को ठगा सा महसूस करता है। ऐसे रिश्ते लंबे समय तक नहीं चल पाते हैं।

आप ऐसे बचें सेकेंड पोटैटो बनने से

सेकेंड पोटैटो बनने से बचने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है अपने पार्टनर से खुलकर बात करना। अगर आप जानते हैं कि आपका पार्टनर पहले किसी गंभीर रिश्ते में रह चुका है तो आप उससे बाहर निकलने में उसकी मदद करें। अपने पार्टनर के साथ इमोशनल जुड़ाव बढ़ाएं। ध्यान रखें रिश्ते में आत्मसम्मान होना बहुत जरूरी है। साथ ही रिश्ते में स्पष्टता होना भी बहुत जरूरी है। अगर आपको लगता है कि रिश्ते में आप मानसिक और भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कर रहे हैं तो इससे बाहर निकलना ही अच्छा है।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...