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ज्यादातर परिवारों में महिलाओं की कोशिशों और त्याग को, उनकी जिम्मेदारी समझ लिया जाता है। अधिकांश घरों में महिलाओं को उनकी कोशिशों के लिए शायद ही कोई तारीफ मिलती है। धीरे-धीरे यही बातें उन्हें एक अनजाने डिप्रेशन का शिकार बना देती हैं।
Depression in Indian Women: महिलाएं परिवार की धूरी होती हैं। वे खुद को भुलाकर परिवार के हर सदस्य का ध्यान रखती हैं। पूरा समर्पण देती हैं। इस बीच अपनी कई इच्छाओं, शौक और भावनाओं को भी मारती हैं। एक समय बाद तो वे ये तक भूल जाती हैं कि उनकी पसंद क्या है। लेकिन ज्यादातर परिवारों में महिलाओं की इन कोशिशों और त्याग को, उनकी जिम्मेदारी समझ लिया जाता है। अधिकांश घरों में महिलाओं को उनकी कोशिशों के लिए शायद ही कोई तारीफ मिलती है। धीरे-धीरे यही बातें उन्हें एक अनजाने डिप्रेशन का शिकार बना देती हैं। लेकिन आपकी कुछ कोशिशें इस डिप्रेशन से आपको आजादी दिला सकती हैं।
क्या आप भी महसूस करती हैं ये

शादी के बाद अपना घर समझकर जिस परिवार में महिलाएं खुशी खुशी आती हैं। कई बार सालों बाद भी वो परिवार उन्हें पूरी तरह से अपना नहीं पाता। उनके हर काम को बहू की नजरों से देखा जाता है। ये भावना और एहसास महिलाओं को अंदर से तोड़ देती हैं। जैसे सबके बीच में रहकर भी वह कोई अजनबी है। धीरे-धीरे उनके चेहरे से मानों हंसी ही दूर हो जाती है। वे अंदर ही अंदर घुट जाती हैं। परिवार के बीच भी वे अकेलापन महसूस करने लगती हैं।
अपनी केयर करना सीखें
अध्ययन बताते हैं कि भारत में 50 साल या उससे ज्यादा उम्र की 21.76% महिलाएं डिप्रेशन का शिकार होती हैं। अध्ययन में यह भी पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा डिप्रेशन में रहती हैं। 13.9% पुरुष डिप्रेशन में मिले, वहीं महिलाओं में यह प्रतिशत 16.3% था। हालांकि महिलाओं में डिप्रेशन के कारण अलग-अलग मिले। लेकिन इसे दूर करने का एक आसान तरीका है खुद से प्यार करना। दरअसल, अधिकांश महिलाएं खुद के लिए जीना छोड़ देती हैं। ऐसे में कई बार वे खुद को ठगा सा महसूस करती हैं। इसलिए खुद से प्यार करना सीखें। अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत पर ध्यान दें। घर के कामों से कुछ समय खुद के लिए भी निकालें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा।
सहेलियों के साथ समय बिताएं
घर परिवार से बाहर निकलना सीखें। अपनी फ्रेंड्स का एक ग्रुप बनाएं। उनके साथ वॉकिंग करें, पार्क जाएं, योग करें। ऐसा करने से आप रिलेक्स होंगी। अपने तनाव को भूल जाएंगी। अगर आप घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं तो घर पर ही अपनी सहेलियों के साथ समय बिताएं। दोस्तों के साथ समय बिताना स्वस्थ जिंदगी के लिए जरूरी है।
अपनी भावनाओं को खुलकर बताएं
खुश रहने के लिए बहुत जरूरी है कि आप अपनी भावनाओं को खुलकर परिवार को बताएं। आप बिना झिझक के ये बताएं कि आप क्या महसूस कर रही हैं और जिंदगी में क्या चाहती हैं। ऐसा करने से आपका मन हल्का हो जाएगा। आप अच्छा महसूस करेंगी। अंदर ही अंदर होने वाली घुटन से आजादी मिलेगी। क्योंकि कुछ बातें बोलना बहुत जरूरी होता है।
अपने शौक को समय दें
हर किसी को कुछ न कुछ शौक जरूर होता है। हालांकि अधिकांश महिलाएं घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच इन्हें भूल जाती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तो आप खुद के साथ गलत कर रही हैं। अपने शौक को एक बार फिर से समय देना शुरू करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा। गार्डनिंग, पेंटिंग, गाने सुनना, बुक पढ़ना आदि सभी आपके डिप्रेशन को दूर करेंगे।
तुलना और उम्मीदें छोड़ें
सोशल मीडिया के इस दौर में कई महिलाएं अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों से करने लगती हैं। वहीं परिवार से ऊंची उम्मीदें भी बांध लेती हैं। लेकिन इन दोनों से ही नुकसान सिर्फ आपको होगा। तुलना और उम्मीदें आपको डिप्रेशन में डाल सकती हैं। इसलिए माइंडफुलनेस के साथ जीना सीखें। आपके पास जो है, उसमें खुश रहना सीखें।
