काफी देर तक टांड लगाने के काम में व्यस्त जौनी ने आखिरी कील ठोंकी और हथौड़ी नीचे रख दी। उसने देखा फ्रैडा तेजी से मोटरबोट दौड़ाये चली आ रही थी। जौनी ने डेक पर जाने के लिए कदम उठाए परन्तु दूसरे ही क्षण ठिठककर रुक गया। दूर झील में एक और भी मोटरबोट दिखाई दे रही थी। उसे तुरंत खतरे का आभास हो गया। दूसरी बोट में सिर्फ एक आदमी था और बोट लिटिल क्रीक की ओर जा रही थी।
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फ्रैडा ने खिड़की के नीचे मोटरबोट रोकते हुए कहा – ‘बाहर मत निकलना।’
उसके स्वर में छुपी व्याकुलता से साफ जाहिर था कि कुछ गड़बड़ी थी। वह लिविंग रूम में आ गया। कुछ ही क्षण बाद फ्रैडा भी अंदर आ पहुंची।
‘क्या बात है?’ जौनी ने पूछा।
फ्रैडा ने टोनी से हुई मुलाकात की सारी दास्तान सुनाकर कहा – ‘उसके पास पिस्तौल थी और वह स्वयं को साल्वेडर का दोस्त बता रहा था।’
जौनी बैठ गया। उसने चारों ओर जाल फैलता-सा महसूस किया।
‘मुझे उसका हुलिया बताओ।’ उसने फ्रैडा से पूछा।
उम्र तीस साल के करीब – छरहरा बदन – रंग गहरा – देखने में ठीक- ठाक और दायीं बाजू पर औरत का गुदना गुदा हुआ।’ फ्रैडा ने बताया।
जौनी सहम गया। गुदने से स्पष्ट था कि वह टोनी केपिलो था।
उसकी ओर देखते हुए फ्रैडा ने पूछा – ‘क्या वह भी उन्हीं लोगों में से है?’
‘हां! उन लोगों को मेरा पता चल चुका है बेबी।’
दोनों की आपस में निगाहें मिलीं। फ्रैडा झुककर बोली – ‘वह मेरे सौतेले भाई के विषय में कुछ पूछ रहा था। मैंने कह दिया कि तुम मियामी चले गये हो।’
‘मुझे वास्तव में ही चले जाना चाहिए।’ जौनी बुदबुदाया।
‘नहीं।’ उसे चेहरे को अपने दोनों हाथों से दबाते हुए फ्रैडा बोली -‘हम उसे गलतफहमी में डाल सकते हैं जौनी। मैंने उसे पांच बजे आने के लिए कहा है और मुझे यकीन है कि वह अवश्य आएगा। तुम जंगल में जाकर इंतजार करो – मैं उसे विश्वास दिला दूंगी कि तुम जा चुके हो – उसके बाद वे तुम्हारी कहीं और जगह तलाश करने लगेंगे परन्तु अब से तुम्हें ज्यादा सतर्क रहना पड़ेगा। किसी की नजरों में आने की आवश्यकता नहीं है।’
जौनी ने उसे घूरा-फिर पूछा-‘तुमने उसे यहां बुलाया है?’
‘हां!’ फ्रैडा भावुक स्वर में बोली – ‘जौनी, मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूं। मैं हर हालत में तुम्हें सुरक्षित रखना चाहती हूं। मैं उसे यहां की तलाशी देकर आसानी से टरका दूंगी। एक बार जब उसे विश्वास हो जाएगा तो वह खुद ही वापस लौट जाएगा।’
जौनी ने उत्तर दिया-‘तुम नहीं जानती हो फ्रैडा। तुम आग से खेलने की कोशिश कर रही हो। वह आदमी बेहद खतरनाक है। अकेले में उस व्यक्ति से तुम्हारा मिलना उचित नहीं होगा।’
फ्रैडा मुस्कराई – फिर बोली -‘आज तक कोई ऐसा आदमी पैदा नहीं हुआ जिसे मैं बेवकूफ न बना सकूं। तुम बेफिक्र होकर जंगल में जाओ। स्काट के आने से पहले ही मैं उसे टरका दूंगी।’
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जौनी के जेहन में स्काट के कहे हुए शब्द घूम गए – उसने अपनी जिन्दगी में इतने पुरुष देखे हैं – जितनी कि मैंने श्रिम्पस भी नहीं देखीं। उस समय वह उसके कहे गए शब्दों को एक मूर्ख आदमी की बकवास ही समझ रहा था – लेकिन अब वही शब्द सत्यता के रूप में प्रगट हो रहे थे।
उसने फ्रैडा को एक अजीब-सी दृष्टि से देखा और कहा – मेरे विचार में उसे टरकाकर वापस भेजने का ये तरीका भी उचित है – मैं जंगल में चला जाऊंगा – लेकिन तुम बेहद सतर्क रहना। वह आदमी सांप से भी ज्यादा फुर्तीला और जहरीला है।’
‘इस तरह से मत देखो।’ फ्रैडा उसकी ओर देखकर बोली -‘मैं जो कुछ भी कर रही हूं – सिर्फ तुम्हारी सलामती के लिए कर रही हूं जौनी।’
वह उससे अलग हट गया और मन ही मन कहने लगा – ‘मेरे लिये कर रही हो या मेरे धन के लिए।
‘मैंने होशियारी से काम लिया न?’ उससे कह दिया कि तुम चले गए हो।’
वह नोट कर रहा था कि फ्रैडा अपनी प्रशंसा कराना चाहती थी उसके मुख से, मगर वह खामोश रहा। कुछ क्षण रुककर वह फिर बोली -‘तुम्हें अब सब लोगों की निगाहों से बचकर रहना होगा। मात्र चार दिन की ही तो बात है – चार दिन बाद हमने यह जगह छोड़ ही देनी है।’
‘तुम कहती हो तो ठीक है।’ जौनी थके स्वर में बोला – ‘मैं जा रहा हूं परन्तु मैं फिर कहे जाता हूं – उससे बेहद सतर्क रहना।’

जौनी ने शाटगन उठाई और वह ठंडे पानी का फ्लास्क लेकर जंगल में चला गया। पेड़ की छांव में वह ऐसे कोण में बैठ गया – जहां से वह तो झील तथा हाउस बोट को देख सकता था, किंतु उस पर किसी की निगाह नहीं पड़ सकती थी।
उसे ज्यादा समय इंतजार नहीं करना पड़ा। ठीक साढ़े पांच बजे उसे झील में एक मोटरबोट आती दिखाई पड़ी। जिसे एक ही व्यक्ति चला रहा था। जौनी सतर्क होकर बैठ गया।
दौलत आई मौत लाई भाग-29 दिनांक 16 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा

