Daulat Aai Maut Lai Hindi Novel | Grehlakshmi
daulat aai maut lai by james hadley chase दौलत आई मौत लाई (The World is in My Pocket)

जौनी, फ्रैडा सहित ब्रुन्सविक पहुंचा और होटल वेलकम में जाकर ठहर गया।

उसने डबल बैड वाला कमरा, जिसका किराया तीस डॉलर प्रतिदिन था, किराये पर ले लिया। आरंभ में इतने ज्यादा किराये वाले कमरे के कारण जौनी को चिन्ता हुई थी।

‘क्या पता, कितने दिन रुकना पड़ जाये मगर कमरा देखकर उसकी तबियत खुश हो गई।

दौलत आई मौत लाई नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1

उन्होंने पहले स्नान किया और फिर दोनों बिस्तर में जा घुसे। दोपहर का सारा समय एक-दूसरे की बांहों में गुजार दिया। समय को जैसे पंख लग गये थे। शाम साढ़े सात बजे के करीब जब उन्हें भूख महसूस हुई तो नीचे रेस्टोरेंट में जाकर भोजन कर लिया।

फ्रैडा को खुश देखकर जौनी भी प्रसन्नता महसूस कर रहा था। आधी रात तक टेलीविजन का कार्यक्रम देखने के पश्चात् वे बिस्तर में पहुंच गये। इस दौरान दोनों में से किसी ने भी माफिया अथवा धन का जिक्र तक नहीं किया। हर तरह की चिन्ता से दूर, वे सिर्फ खाने, सोने और जवानी की आग को ठंडा करने मे मग्न रहे। अगले दिन सुबह जौनी ने सैमी को फोन किया। फ्रैडा पलंग पर बैठी वार्तालाप सुनती रही। रिसीवर रखने के पश्चात दोनों की निगाहें मिलीं।

‘कल सुबह पता चलेगा’ – जौनी ने कहा।

‘तुम्हारा क्या विचार है, क्या हम अपने उद्देश्य में सफल हो जाएंगे?’

‘यह तो स्वयं भी अच्छी तरह से समझ सकती हो’ – जौनी पलंग पर बैठते हुए बोला – ‘बेबी मैं फिशिंग बोट खरीदने का सपना साकार करना चाहता हूं। तुम्हें कोई ऐतराज है?’

‘बिल्कुल नहीं, बल्कि मैं तो खुद चाहती हूं। जानते हो क्यों?’ फ्रैडा ने अपने हाथ को उसके बाजू पर रखते हुए कहा – ‘क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करती हूं जौनी।’

जौनी को नींद आ रही थी, अतः वे दोनों बिस्तर में घुस गए।

अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे उसने सैमी को फोन किया।

‘क्या समाचार है सैमी?’ उसने पूछा।

‘एकदम ताजी तथा गरमा-गरम खबर है मिस्टर जौनी।’ सैमी उत्तेजित स्वर में बोला – ‘मिस्टर मसीनो को यकीन है कि तुम हवाना में हो। उसने कहा है कि तुम्हारा तो विचार तक छोड़ चुका है वह।’

जौनी के शरीर में खुशी की लहर-सी दौड़ गई। उसने पूछा, ‘तुम्हें कैसे पता चला?’

‘इस तरह मिस्टर जौनी कि मैं मिस्टर जोय तथा मिस्टर एन्डी को कार में बिठाकर शहर से बाहर ले जा रहा था। मिस्टर जोय बहुत गुस्से में प्रतीत होते थे। उन्होंने मिस्टर एन्डी से कहा कि ल्यूगी ने फोन द्वारा सूचित किया था, तुम हवाना पहुंच चुके हो और अब कुछ नहीं किया जा सकता। धन हाथ से निकल ही गया आखिर।’ पलभर रुककर सैमी ने पूछा – ‘तुम हवाना में तो नहीं हो न मिस्टर जौनी।’

‘तुम मेरी फिक्र मत करो कि मैं कहां हूं – सुनो सैमी, तुम सिर्फ स्टेशन को चैक करो। मैं जानना चाहता हूं कि स्टेशन की अब भी निगरानी हो रही है या नहीं। बताओ तुम कर सकोगे यह काम?’

‘जरूर।’

‘आज मैं तुम्हें फिर फोन करूंगा। बोलो किस समय करूं?’

‘आज मेरा नाइट ऑफ है मिस्टर जौनी। ठीक पांच बजे मैं यहां आ जाऊंगा।’

‘ठीक है, तो फिर मैं पांच के फौरन बाद ही तुम्हें फोन करूंगा।’

‘हां और मिस्टर जौनी – आपको अपनी छह हजार डॉलर वाली बात भी याद है न? मुझे उनकी बहुत चिन्ता है।’

‘वह तुम्हें अवश्य मिलेंगे सैमी – मैं तुमसे वायदा कर चुका हूं।’

फोन का संबंध – विच्छेद करने के बाद उसने सैमी से हुई बातचीत का ब्यौरा फ्रैडा को सुना दिया। अनायास ही दोनों एक-दूसरे की आंखों में झांकने लगे।

फिर जौनी मुस्कराकर बोला – ‘एक बात जानती हो बेबी – मेरे विचार में तुम्हारी ही वजह से हम दोनों की जान बची हुई है, क्योंकि तुम्हीं ने उन लोगों से कहा था कि मैं हवाना की ओर चला गया हूं। ऐसा आइडिया तो कभी मेरे दिमाग में भी पैदा नहीं हुआ था। हमारी कामयाबी का राज भी यही होगा। आज शाम तक मुझे पता लग जाएगा कि लॉकरों की निगरानी हो रही है अथवा नहीं – यदि निगरानी खत्म कर दी होगी तो हम धन निकालने में कामयाब हो जाएंगे।’

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‘ओह गॉड! मैंने वर्षों से कभी ईश्वर से प्रार्थना नहीं की थी जौनी मगर पिछली रात से ईश्वर से दुआएं मांगती रही हूं। फिर अब क्या करना है हमें?’

जौनी ने उसे बताना शुरू किया – ‘सुनो बेबी-आज शाम लाइन क्लीयर का संदेश मिलने के बाद हम किसी रेंटल एजेंसी से किराये की कार लेकर यहां से चल देंगे। यहां से चलकर तीन घंटे में ईस्ट सिटी पहुंच लेंगे – क्योंकि कार द्वारा इतनी ही देर का रास्ता है वहां तक का। ग्यारह बजे के आसपास हम स्टेशन पर पहुंच जाएंगे – क्योंकि वही समय सर्वथा उपयुक्त है। एक तो अंधेरा हो जाता है और दूसरे भीड़-भाड़ भी ज्यादा नहीं होगी उस समय। रकम निकालकर हम आसानी से बाहर आ सकते हैं।’

‘मुझे यकीन नहीं होता।’

‘यह इस बात पर निर्भर करता है कि बस स्टेशन की निगरानी की जा रही है अथवा नहीं। यदि उसे वॉच नहीं किया जा रहा होगा तभी हम आ सकते हैं।’

‘और जौनी -यदि वे लोग सोचते हैं कि हम हवाना में हैं….’ वह थोड़ा-सा रुकी और उसकी ओर देखते हुए बोली – ‘तो कोई भी हमारा दरवाजा खटखटाने नहीं आएगा। साथ ही तुम्हारा चिर-संकलित सपना भी साकार होकर रहेगा।’

‘हां बेबी!’ उसे बांहों में समेटता हुआ जौनी बोला – ‘कोई हमें परेशान भी नहीं करेगा और मेरा सपना भी साकार हो जाएगा।’

दौलत आई मौत लाई भाग-37 दिनांक 24 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा

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