fifty shades of grey novel in Hindi: मॉम ने मुझे कस कर गले से लगाया।
“डार्लिंग प्लीज़! अपने दिल की सुनो। बातों पर ज़रूरत से ज्यादा गौर मत करो। जिंदगी का पूरा आनंद लो, इसे जीयो। तुम अभी छोटी हो, मेरी बच्ची, अभी तो पूरी जिंदगी का अनुभव लेना बाकी है। इसे अपने तरीके से चलने दो। तुम सब कुछ अच्छे से अच्छा और बेहतर पाने की हकदार हो। वे मेरे कान में बोलीं और मेरे दिल पर जैसे मरहम सा लग गया। उन्होंने मेरे बाल चूमे।
“ओह मॉम!” उनके गले से लगते ही मेरी आंखों से अचानक गर्म आंसू की बूंदें टपकने लगीं।
“डार्लिंग, पता है कहते हैं कि तुम्हें अपना राजकुमार खोजने से पहले बहुत से मेंढकों को चूमना होता है।”
उन्होंने मुझे एक ऐसी मुस्कान दी, जिसे दुनिया में एक मां के सिवा कोई दे ही नहीं सकता। मैं मॉम को कितना चाहती हूं… हम फिर से गले लग गए।
एना- “तुुम्हारी उड़ान के लिए ऐलान हो रहा है।” बॉब बेचैन हो गया।
“मॉम! क्या आप मिलने आओगे?”
“क्यों नहीं, बेटा जल्दी आऊंगी। लव यू!” उनकी आंखें जबरन रोके गए आंसुओं से लाल हैं। मुझे उनसे विदा लेना बिलकुल अच्छा नहीं लगता। मैं बॉब के गले लग कर गेट की ओर चल दी। आज पहले दर्जे के लाउंज में इंतज़ार के लिए वक्त नहीं है। मैं मुड़कर देखना नहीं चाहती थी पर फिर भी गर्दन घुमा ही ली।
पहले दर्जे में अपनी सीट लेने के बाद मैंने खुद को शांत करना चाहा। मॉम से विदा लेते समय हर बार ऐसा ही होता है। मैं बुरी तरह से बिखर जाती हूं। वे चाहे जैसी भी हैं पर मुझे प्यार करती हैं, मेरी परवाह करती हैं। ऐसा प्यार जिसमें कोई स्वार्थ नहीं। केवल मां-बाप ही अपने बच्चे को ऐसा प्यार दे सकते हैं। मैंने अपने ब्लैकबेरी को निकाला और घूरने लगी।
क्रिस्टियन नि:स्वार्थ प्रेम के बारे में क्या जानता है? लगता तो यही है कि उसे अपनी जिंदगी के शुरुआती सालों में ऐसा प्यार नहीं मिला होगा। मेरा दिल कचोट गया और मॉम की बात दिमाग में आई-एना हद हो गई! तू और क्या चाहती है? क्या वह माथे पर निआन बत्ती सा चमकता निशान बना ले कि वह तुझे चाहता हैै। वे समझती हैं कि क्रिस्टियन मुझसे प्यार करता है पर मां होने के नाते वे तो यही सोचेंगीं। उन्हें लगता है कि मुझे सबसे बेहतर ही मिलना चाहिए। मैं उसी की हक़दार हूं। ये सच है और उन पलों में मैंने अचानक गौर किया कि ये बड़ी सीधी बात है: मैं उसका प्यार चाहती हूं और मैं चाहती हूं कि क्रिस्टियन भी मुझसे प्यार करे। तभी तो मैं इस रिश्ते को छोड़ नहीं पा रही। मैं अंदर ही अंदर प्यार पाने और करने की बुनियादी ज़रूरत को भी पूरा करना चाहती हूं।
और इसके फिफ्टी शेड्स के कारण ही मुझे अपना कदम पीछे हटाना पड़ रहा है। यह बीडीएसएम रिलेशन बड़ी अजीब-सी चीज़ है। बेशक सेक्स बेमिसाल है, वह पैसे वाला है, खूबसूरत है पर ये सब उसके प्यार के बिना बेमायने है। और सबसे ज्यादा दिल दुखाने वाली बात है कि पता नहीं वह मेरे प्यार के लायक भी है या नहीं? वह तो अपने-आप से भी प्यार नहीं करता। उसे केवल ‘उसका’ प्यार ही मंजूर है। उसके प्यार का अंदाज़ ही कबूल है। सज़ा देना-कोड़े से मारना, पीटना या उनके रिश्ते में जो भी होता है-वह खुद को प्यार के काबिल ही नहीं मानता। वह ऐसा क्यों महसूस करता है? उसके शब्द मुझे छलने लगे-अगर तुम संपूर्ण न हो तो किसी संपूर्ण परिवार का हिस्सा बन पाना आसान नहीं होता।
मैंने ब्लैकबेरी को ताका कि शायद कुछ देखने को मिले पर कुछ नहीं था। अभीविमान ने उड़ान नहीं भरी थी इसलिए मैंने तय किया कि मैं अपने फिफ्टी शेड्स को ई-मेल भेजूंगी।
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: घर की ओर वापसी
डेट: 3 जून 2011 12:53 ईएसटी
टू: क्रिस्टियन ग्रे
डियर मि. ग्रे
आपकी मेहरबानी से मैं एक बार फिर से पहले दर्जे में हूं। मैं शाम के इंतज़ार में घड़ियां गिन रही हूं और शायद मैं आपको किसी तरह से सता कर अपनी नींद वाली बात भी निकलवा लूं।
आपकी एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: घर की ओर वापसी
डेट: 3 जून 2011 09:058
टू: एनेस्टेसिया स्टील
एनेस्टेसिया!
मैं भी तुम्हारे इंतज़ार में हूं।
क्रिस्टियन ग्रे,
सीईओ,
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
उसके इंतज़ार को देख मेरी त्योरियां चढ़ गईं। कितनी औपचारिक सी बात लिखी है। कई बार इसे हो क्या जाता है?
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: घर की ओर वापसी
डेट: 3 जून 2011 13:01 ईएसटी
टू: क्रिस्टियन ग्रे
डियरेस्ट मि.
ग्रे उम्मीद करती हूं कि हालात संभल गए होंगे। आपके ई-मेल की भाषा से मुझे चिंता हो रही है।
एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: घर की ओर वापसी
डेट: 3 जून 2011 10:04
टू: एनेस्टेसिया स्टील
एनेस्टेसिया
हालात बेहतर हो सकते हैं। क्या अभी उड़ान चालू नहीं हुई? अगर ऐसा हो चुका है तो तुम्हें ई-मेल नहीं करना चाहिए। तुम खुद को खतरे में डाल कर निजी सुरक्षा वाला नियम तोड़ रही हो। मैंने सजा देने के बारे में जो कहा था, वह यूं ही नहीं था। उस बात का भी मतलब है।
क्रिस्टियन ग्रे, सीईओ,
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
हो गया कबाड़ा! हाय इसे कौन सी बात खाए जा रही है? शायद वही परेशानी है…। शायद टेलर कहीं चला गया। शायद स्टॉक बाजार में गच्चा खा गया………
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जेक्ट: ज़रूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया
डेट: 3 जून 2011 13:06 ईएसटी
टू: क्रिस्टियन ग्रे
श्रीमान तुनकमिजाज,
विमान के दरवाजे अभी खुले हैं। हम दस मिनट की देरी से चल रहे हैं। मेरी और दूसरे यात्रियों की सुरक्षा कोई खतरा नहीं है। आप अपनी खुजा रही हथेली को जरा दूर ही रखें।
मिस स्टील
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: माफीनामा
डेट: 3 जून 2011 10:08
टू: एनेस्टेसिया स्टील
मिस स्टील! मैं आपको और आपके इस बड़बोलेपन को बहुत याद कर रहा हूं।
मैं तुम्हारी सलामत वापसी चाहता हूं।
क्रिस्टियन ग्रे, सीईओ,
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: माफी कबूल……
डेट: 3 जून 2011 13:10 ईएसटी
टू: क्रिस्टियन ग्रे
वे दरवाजे बंद कर रहे हैं। इसके बाद यहां से कोई आवाज़ नहीं आएगी। वैसे भी आप तो बहरे हैं। बाद में।
एना।
मैंने अपना फोन बंद कर दिया। क्रिस्टियन के मन में कोई परेशानी तो है। शायद हालात उसके काबू में नहीं आ रहे। मैं बैठकर उन केबिनों को ताकने लगी, जिनमें हमारे बैग रखे गए हैं। आज मैंने सुबह, मॉम की मदद से क्रिस्टियन के लिए छोटा सा तोहफा लिया है ताकि उसे पहले दर्जे के टिकट और ग्लाइडिंग के लिए धन्यवाद दिया जा सके। मैं अपनी उड़ान को याद कर मुस्कुराई-वह तो एक अलग ही मज़ा था। पता नहीं मैं अपना बचकाना तोहफा उसे दूंगी भी या नहीं! बेशक, वह इसे बचकाना ही कहेगा; काफी हद तक उसके मूड पर निर्भर करता है। मैं अपनी वापसी के साथ-साथ इस बात के लिए भी उत्साहित हूं कि वहां मेरे साथ क्या होने वाला है। उन ‘हालात’ के संभावित कारणों पर विचार करते-करते अचानक मेरी नज़र साथ वाली खाली सीट पर गई। मुझे लगा कि शायद उसने ऐसा इसलिए किया होगा कि मैं किसी से बात न कर सकूं।। मैंने इस सोच को बेतुका कह कर टाल दिया-बेशक कोई भी इतना काबू करने वाला या जलनखोर कैसे हो सकता है? प्लेन रनवे पर दौड़ने लगा तो मैंने आंखें मूंद लीं।
करीब आठ घंटे बाद सी-टैक टर्मिनल पर पहुंची तो टेलर को एक बोर्ड के साथ खड़ा पाया, जिस पर लिखा था-‘मिस ए. स्टील।’ सच्ची! पर उसे देखकर अच्छा लगा।
“हैलो, टेलर “
“मिस स्टील!” उसने औपचारिक अभिवादन किया पर उसकी तीखी भूरी आंखों के कोनों पर मुस्कान भी देखी जा सकती थी वह हमेशा की तरह अपने सूट में लैस था। गहरे रंग का सूट और सफेद कमीज़!
“टेलर मैं तुम्हें पहचानती हूं, तुम्हें इसे साथ लाने की क्या ज़रूरत थी और अगर मुझे ‘एना’ कह सको तो बेहतर होगा।”
“एना, क्या मैं आपके बैग ले सकता हूं, प्लीज़ “
“नहीं, मैं ले चलूंगी।” धन्यवाद
उसके होंठ हल्के से भिंच गए।
“पर… क्या तुम संभाल सकोगे….।” मैं हकलाई।
“धन्यवाद।” उसने झट से मेरी पीठ का बैग और पहियों वाला सूटकेस ले लिया, जिसमें मॉम के साथ खरीदे गए कपड़ों का ढेर था। यहां से आएं, मैम!
मैंने आह भरी। वह कितना विनम्र है। हालांकि मैं इस बात को भूल जाना चाहती हूं पर यही बंदा मेरे लिए अंतर्वस्त्र लाया था। दरअसल वह ऐसा काम करने वाला पहला मर्द है। यहां तक कि पिता होने के बावजूद ‘रे’ ने भी कभी यह काम नहीं किया था। हम चुपचाप काली ऑडी एसयूवी की ओर चल दिए। वह वहीं पार्किंग लॉट में थी। उसने मेरे लिए दरवाजा खोला। मैं उसमें बैठकर सोच रही थी कि क्या मुझे सिएटल में इतनी छोटी स्कर्ट पहन कर आना चाहिए था क्योंकि यह जार्जिया के मौसम के हिसाब से ठीक थी। यहां तो ऐसा लग रहा था कि मैंने कितने कम कपड़े पहने हैं। टेलर ने मेरा सामान डिक्की में रखा और हम एस्काला की ओर चल दिए।
हमारी कार को भारी यातायात के बीच से जाना था। टेलर की आंखें सड़क पर जमी थीं। मैं चुप्पी को सह नहीं सकी और कहा
“क्रिस्टियन कैसे हैं, टेलर?”
“मि. ग्रे थोड़ा व्यस्त हैं। मिस स्टील!”
ओह! उन्हीं हालात को सुलझा रहा होगा। मैं तो सोने की खान खोदने का काम कर रही हूं। शायद कोई जानकारी हाथ लग जाए।
“व्यस्त हैं। किसी बात से घिरे हैं?”
“जी मैम!”
मैंने टेलर को देख त्योरी चढ़ाई और उसने मुझे शीशे में देखा। हमारी नज़रें मिलीं और मैं आगे कुछ नहीं पूछ सकी। वह कुछ नहीं बोल रहा। ओह! ये तो अपने मालिक पर ही गया है।
“क्या वह ठीक है?”
“हां! मैम “
“क्या मुझे मिस स्टील कहना सही नहीं होगा?”
“हां मैम!”
“ओह ओ. के.!”
हमारी बात यहीं खत्म हो गई और हम उसी चुप्पी के बीच आगे बढ़े। मुझे याद आने लगा कि किस तरह उसने कहा था कि क्रिस्टियन बहुत ज्यादा व्यस्त चल रहा था। शायद यही बात अपने मुंह से निकल जाने के कारण वह आज कुछ और नहीं बोलना चाह रहा। उसे लग रहा है कि ऐसा करना मालिक के साथ बेवफाई होगी। चुप्पी से दम सा घुटने लगा।
“प्लीज़ कोई गाना चला सकते हो?”
“मैम! आप क्या सुनना चाहेंगीं?”
“कुछ भी हल्का और मीठा सा!”
मैंने शीशे में टेलर के होठों पर प्यारी सी मुस्कान देखी।
उसने कुछ बटन दबाए और कार में मधुर संगीत गूंजने लगा। ओह……मुझे यही तो चाहिए था।
“धन्यवाद!” मैं सीट पर पसर गई और कार मंजिल की ओर बढ़ती गईं
पच्चीस मिनट बाद उसने मुझे एस्काला की चारदीवारी के प्रवेशद्वार के पास उतारा।” मैम! आप जाएं। मैं सामान लेकर आता हूं।” उसे बड़े ही सहज और स्नेहिल भाव से कहा।
‘‘ओह अंकल टेलर! वाह क्या सोच है।”
“मुझे लाने के लिए धन्यवाद!”
“मिस स्टील! मुझे खुशी हुई।” वह मुस्कुराया और मैं इमारत में दाखिल हो गई। दरबान ने गर्दन हिला कर सलामी दी।
तेरहवीं मंजिल पर जाते ही पेट में अजीब-सी हलचल होने लगी। मैं इतना घबराई हुई क्यों हूं? शायद इसकी वजह यही है कि मैं नहीं जानती कि क्रिस्टियन किस मूड में होगा। बेशक अंदर बैठी लड़की तो एक ही बात चाहती है पर सयानी लड़की मेरी तरह ही थोड़ा घबराई हुई है।
लिफ्ट के खुलते ही मैं गलियारे में दाखिल हुई। वहां मुझे टेलर नहीं मिला। अरे, वह तो गाड़ी लगा रहा है। बड़े कमरे में क्रिस्टियन शीशे से बाहर देखते हुए फोन पर बात कर रहा है। उसने खुली जैकेट के साथ ग्रे सूट पहना है और वह बालोें में हाथ फिरा रहा है। वह काफी परेशान और तनाव में दिखा। ओह! ऐसा क्या हो गया। वह इतना उलझा हुआ और तनावग्रस्त तो कभी नहीं लगा।
“कुछ पता नहीं…अच्छा…हां उसने मुझे मुड़कर देखा और एकदम से रवैया ही बदल गया। तनाव…राहत… कुछ और…। एक ऐसी नज़र जिसे देखते ही भीतर बैठी लड़की कुलांचे भरने लगती है।”
मेरा मुंह सूख गया और मन ही मन वासना के हिलारें उठने लगीं।
“मुझे खबर देते रहना।” उसने फोन बंद किया और मेरी तरफ बढ़ा।
वह मुझे आंखों ही आंखों में पीता हुआ आगे आ रहा है और मेरा हलक सूख रहा है। अचानक ही उसके जबड़ों का तनाव और आंखों की बेचैनी घटती हुई दिख रही है। उसने एक ही झटके में जैकेट और टाई उतारकर फेंक दिए। मेरे आसपास बाजुओं का घेरा कसा और मेरे बालों को पीछे की ओर खींचते हुए, इस तरह आवेग से भरा चुंबन देने लगा मानो उसकी जिंदगी और मौत का सवाल हो। हद है! उसने बड़े दर्दनाक तरीके से मेरे बालों का बैंड खींच कर निकाल दिया पर मुझे परवाह नहीं है। उसके चुंबन की यह एक अलग ही आदिम खूबी है। इस समय, कारण चाहे जो भी हो; उसे मेरी ज़रूरत है। मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया कि कोई मुझे इतने जुनून से भी चाह सकता है। बेशक यह सब बहुत यौनोत्तेजक है पर इसके साथ खतरे का संकेत भी देता है। मैंने भी उसी गति से उसे चूमा और उसके बालों में अंगुलियां फिराने लगी। उसका स्वाद कितना दैवीय है और हॉट क्रिस्टियन की सेक्सी गंध किसी को भी मदहोश कर सकती है। फिर वह अपना मुंह पीछे हटा कर लगातार मुझे ही घूरने लगा।
“क्या हुआ?” मैंने पूछा।
“मुझे तुम्हारे आने से खुशी हुई। मेरे साथ नहाने चलोगी।”
समझ नहीं आया कि वह विनती कर रहा था या हुक्म दे रहा था।
“हां” मैंने हौले से कहा और वह मुझे बाथरूम में ले गया।
वहां जाते ही उसने फव्वारा चालू कर दिया और पानी हमारे आसपास गोल चक्कर खाता हुआ गिरने लगा।
“मुझे तुम्हारी छोटी स्कर्ट पसंद \आई। तुम्हारी टांगें बहुत सुंदर हैं।”
उसने लगातार मुझ पर नज़रें रखते हुए जूते और जुराबें उतारीं। मैं उसकी आंखों में छिपी भूख को देखते हुए जैसे गूंगी हो गई हूं। मुंह से बोल ही नहीं फूट रहे। वाऊ… यह ग्रीक देवता मुझे चाहता है। मैंने भी झट से अपने सैंडिल उतार दिए। अचानक ही उसने मुझे दीवार से सटा दिया। मेरे चेहरे, गले, होंठ और बालों को चूमने लगा। अब मैं उसके शरीर की गरमाहट और टाइलों की ठंडक के बीच कैद हूं। मैंने यूं ही सहारा लेने के लिए उसके कंधों पर हाथ रखा और हल्का सा दबाया तो उसने आह भरी।
“मैं तुम्हें अभी चाहता हूं……यहीं और अभी। क्या तुम्हारे पीरियड्स खत्म हो गए?”
“हां।”
“गुड!”
उसने मेरी स्कर्ट ऊंची कर दी। जांघों तक गहरे चुंबन देने के बाद वह शरीर के निचले अंगों पर अपनी जीभ फिराने लगा। ओह….मेरी अंगुलियां उसके बालों में घूमने के लिए तरस रही हैं।
उसकी जीभ लगातार अपना काम कर रही है और मैं वहां होकर भी जैसे किसी दूसरी दुनिया में हूं……। मेरा पूरा शरीर जकड़ गया और उसने अचानक ही मुझे छोड़ दिया। मेरी सांसें उखड़ गई हैं और मैं बेदम होकर हांफ रही हूं। हम दोनों एक साथ उस सफ़र पर निकले और एक साथ ही मंजिल पर पहुंचे और उसके मुंह से एक कराह सी निकली। मानो उसका सारा तनाव भी साथ ही घुल गया हो।
उसकी सांसें उखड़ रही हैं और इसी दौरान उसका एक और चुंबन मिला। अपने-आप को संभालने के बाद उसने मुझे खड़ा किया। बाथरूम में अब चारों ओर भाप मंडरा रही है।
“ऐसा लगता है कि मुझे देखकर तुम्हें बहुत खुशी हुई।”
“हां, मिस स्टील। मुझे लगता है कि तुम्हें ये साफ दिख गया होगा कि मैं तुम्हारे आने से कितना खुश हुआ हूं। आओ, तुम्हें नहलाने ले चलूं।”
उसने शर्ट के तीन बटन खोले और कफ लिंक्स निकालने के बाद उसे उतारकर फर्श पर पटक दिया। बाकी के वस्त्र उतारने के बाद वह उसी तत्परता से मेरे कपड़े उतारने लगा। मैं उसकी छाती पर हाथ रखना चाहती हूं पर अपने-आप को रोक ही लिया।
“तुम्हारा सफ़र कैसा रहा?” अब वह काफी शांत और सहज दिख रहा है। सेक्स ने तनाव को धो-पोंछ कर बहा दिया है।
“अच्छा रहा। धन्यवाद! पहले दर्जे की यात्रा करवाने के लिए धन्यवाद। यह तो बड़ा ही मज़ेदार होता है। वैसे मैं कुछ बताना चाहती हूं।”
“हां बोलो।” उसने सारे कपड़े ज़मीन पर फेंकते हुए कहा
“मुझे नौकरी मिल गई है।”
उसकी आंखें पूरी गर्मजोशी के साथ मुस्कान दे रही हैं।
“बधाई हो मिस स्टील! अब तो बता दो कि कहां नौकरी मिली है?”
“मैंने सोचा कि तुमने अब तक तो पता लगा लिया होगा।”
“एनेस्टेसिया! जब तक तुम न कहो, मैं तुम्हारे कैरियर में दख़ल देने के बारे में सोच तक नहीं सकता। ऐसा लगा कि उसके दिल को चोट लगी।”
“तो तुम्हें कंपनी का नाम नहीं पता?”
“नहीं। यहां सिएटल में चार अच्छी कंपनियां हैं और उन्हीं में से कोई एक होगी।”
“एसआईपी “
“ओह! वह छोटी वाली। बढ़िया। उसने आगे झुक कर मेरा माथा चूमा- “होशियार लड़की! कब से काम पर जाना है?”
“सोमवार।”
“इतनी जल्दी। फिर तो मुझे तुम्हारा जल्दी से जल्दी फायदा उठा लेना चाहिए। मुड़ जाओ।”
मैं अचानक ही उसके हुक्म से चौंकी पर बात तो माननी ही होगी। उसने पीछे से मेरे शरीर को थामा और बालों की गंध लेते हुए बोला।
“एनेस्टेसिया! तुम मुझे मदहोश कर देती हो और साथ ही शांत भी करना जानती हो। क्या ज़बरदस्त मेल है।” उसने मेरे बाल चूमे और हाथ से खींच कर फव्वारे के पास ले गया।
“ओह। मैं सिकुड़ सी गई।” क्रिस्टियन पर पानी पड़ा तो वह हंसने लगा।
“ओह! ये तो हल्का गर्म पानी है।”
वैसे उसने सही कहा था। शरीर की गर्मी और चिपचिपाहट दूर करने के लिए नहाना ज़रूरी था। उसने हाथ में बॉडी वॉश लेते हुए कहा-
“मैं तुम्हें नहलाना चाहता हूं।”
“मैं कुछ और बताना चाहती हूं।”
“हां बोलो “
मैंने गहरी सांस ली और दोस्त शब्द पर जोर देते हुए कहा
“वीरवार को पोर्टलैंड में मेरे दोस्त जोस फोटोग्राफर के शो की ओपनिंग है।”
उसके हाथ मेरे वक्षों पर मंडरा रहे हैं।
“हां, तो क्या कहना चाहती हो?”
“मैं वहां जाना चाहती हूं। क्या तुम साथ चलोगे?”
उसने थोड़ी देर की खामोशी के बाद कहा
“किस समय?”
“शाम को साढे सात बजे।”
उसने मेरे कान को चूमा
“ओ.के. “
अंदर ही अंदर सयानी लड़की को यह सुन कर झटका सा लगा और वह अपनी पुरानी आरामकुर्सी पर ढह गई।
“क्या तुम्हें मुझसे पूछने में घबराहट हो रही थी?”
“हां। तुम्हें कैसे पता?”
“एनेस्टेसिया! मेरे हामी देते ही तुम्हारा पूरा शरीर रिलैक्स हो गया।”
“ओह……लगता है कि तुम्हें भी जलन होती है।”
“हां, मुझे भी जलन होती है। तुम याद रखना पर पूछने के लिए धन्यवाद। हम चार्ली टैंगो ले जाएंगे।”
“ओह! बड़ा मज़ा आएगा।”
“क्या मैं तुम्हें नहला सकती हूं।” मैंने पूछा
“नहीं, मुझे नहीं लगता कि इस समय ऐसा करना चाहिए। उसने अपने इंकार के दर्द को घटाने के लिए मेरा माथा चूमा और मैंने दीवार की ओर मुंह करके होंठ फुला लिए।
“क्या तुम कभी मुझे अपने-आप को छूने दोगे?”
अचानक ही उसके चलते हाथ थम गए।
“एनेस्टेसिया! अपने हाथ दीवार पर रखो। हम अभी और यहीं सेक्स करने जा रहे हैं।” मैं चुप हो गई क्योंकि मुझे पता था कि अब किसी बहस की गुंजाईश नहीं थी।
बाद में हम दोनों अपने बाथगाउन में बैठे, मिसेज जोंस के हाथों बना स्वादिष्ट पास्ता खा रहे हैं।
“वाइन और लोगी…?” क्रिस्टियन ने पूछा।
एक छोटा गिलास। सैंसेरी चटपटी और स्वादिष्ट है। उसने हम दोनों के लिए एक-एक गिलास बनाया।
“सिएटल में जो हालात बिगड़े थे, क्या वे संभल गए?”
उसने त्योरी चढ़ा ली।” बिगड़ गए थे? हां, पर तुम चिंता मत करो। तुम्हारी शाम के लिए मैंने कुछ सोच रखा है।”
“ओह?”
“हां, मैं चाहता हूं कि तुम तैयार होकर पंद्रह मिनट में मेरे प्लेरूम में आ जाओ।” वह खड़ा हो गया।
“तुम अपने कमरे में भी तैयार हो सकती हो। वहां अलमारी में तुम्हारे लिए कपड़े खरीद कर रखे गए हैं और मैं इस बारे में कोई बहस नहीं चाहता।” उसने अपनी आंखें सिकोड़ीं और स्टडी की ओर चला गया।
मैं! बहस! फिफ्टी शेड्स, मेरी इतनी मज़ाल कि तुम्हारे साथ बहस कर सकूं? मैं वही स्टूल पर बैठी, इस जानकारी को हजम करने की कोशिश कर रही हूं। उसने मेरे लिए कपड़े लिए। वह यहां नहीं है इसलिए जी भर कर आंखें नचाई जा सकती हैं। कार, फोन, कंप्यूटर.. कपड़े……हे भगवान। क्या मैं सचमुच उसकी रखैल बनने जा रही हूं?
सयानी लड़की ने आंखें तरेरी पर मैं उसे अनदेखा करते हुए अपने कमरे की तरफ चल दी। क्या वह अब भी मेरा ही कमरा है? वैसे तो उसने कहा था कि हम साथ में सो सकते हैं पर मेरा एक अलग कमरा होना ही ठीक है ताकि मैं कभी-कभी अपने लिए अकेले में भी वक्त निकाल सकूं।
मैंने दरवाजे को देखा तो पता चला कि उसमें ताला तो था पर कोई चाबी नहीं लगी थी। शायद एक चाबी मिसेज जोंस के पास होती हो। मैं उनसे पूछूंगी। मैंने अलमारी पर नज़र मारी। उसने तो काफी पैसा लगा दिया है। बेशक वे मुझे फिट भी होंगे पर अभी तो मुझे उस लाल कमरे में जाकर घुटनों के बल बैठना है और मुझे अपनी मुद्रा अच्छी तरह याद है।
मैं अपने निचले अंतर्वस्त्रों में, दरवाजे के पास घुटनों के बल जाकर बैठ गई। मुझे तो लगा था कि आज के लिए क्रिस्टियन का मन भर गया होगा पर ये इंसान तो जैसे कभी सेक्स से अघाता ही नहीं। या फिर शायद सारे ही मर्द ऐसे होते हैं। मैं कुछ नहीं जानती क्योंकि मैं किसी से उसकी तुलना नहीं कर सकती। मैं कभी किसी मर्द से इस तरह मिली ही नहीं।
मैंने आंखें बंद कर अपने-आप को शांत किया और अंदर रहने वाली सयानी लड़की को खोजना चाहा जो कहीं दूसरी लड़की के पीछे जा छिपी है।
मेरी नसों में प्रत्याशा दौड़ रही है। वह क्या करेगा? मैंने गहरी सांस ली। मैं उसे किसी भी काम के लिए मना नहीं कर सकती। मैं स्वयं उत्तेजित हूं। मुझे लगता है कि मुझे इन बातों को गलत मानना चाहिए पर मैं ऐसा नहीं कर पाती। उसके लिए तो यह सब जायज और सही है। वह यही चाहता है…यही जानता है और यही कर सकता है…बेशक वह कुछ और करने की कोशिश भी कर रहा है।
आज शाम जब मैं आई तो मेरे लिए उसके चेहरे पर जो भाव थे उन्हें देखकर ऐसा लगता था मानो किसी प्यासे को रेगिस्तान में पानी मिल गया हो। ओह! अचानक याद आया कि मुझे तो वहां घुटने चौड़े करके बैठना है। वह कितनी देर लगाएगा। मैंने आसपास नज़र मारी-वह क्रास, मेज, काउच, बेंच……पलंग। उस पर लाल साटिन की चादरें बिछी हैं। आज वह क्या इस्तेमाल करना चाहेगा।
दरवाजा खुला और क्रिस्टियन मुझे अनदेखा करते हुए आगे बढ़ गया। वह अपनी छाती के पास कोई चीज़ रखते हुए पलंग की ओर गया। वह अपनी उसी मुलायम जींस में गजब का हॉट दिख रहा है। मेरे अंदर रहने वाली लड़की तो मानो किसी आदिम धुन पर झूम रही है। वह बिल्कुल तैयार है। नसों में खून उछाले मार रहा है। वह मेरे साथ क्या करने जा रहा है?
वह दराजों के पास गया और कोई चीज़ निकाल कर ऊपर रख दी। मैं अपने कौतूहल को रोक न पाने के कारण तांकझांक करने लगी। वह मेरे सामने आकर नंगे पांव खड़ा हो गया। मैं उसके पांवों को चूमना चाहती हूं। उसके पैरों की अंगुलियों को मुंह में लेकर चूसना चाहती हूं।
ओह……ये सब कितना प्यारा होगा।
वह झुका और मेरे चेहरे को देखकर बोला
“एनेस्टेसिया! तुम बहुत सुंदर हो और मेरी हो।” खड़ी हो जाओ। उसने अपने नशीले सुर में कहा।
मैं लड़खड़ाती हुई खड़ी हो गई।
“मुझे देखो।” मैंने उसकी तरफ नज़र दौड़ाई तो एक ही नज़र में जाने कितने रंग दिख गए। मेरा मुंह सूख गया और मैं जानती थी कि मैं उस वक्त उसकी हर बात मानने के लिए तैयार थी। उसके चेहरे पर एक बेरहम सी मुस्कान खेल गई।
“हमने अनुबंध पर साइन नहीं किए पर हमारे बीच सीमाओं की चर्चा हो चुकी है। मैं चाहता हूं कि तुम उन सेफवर्ड्स यानी सुरक्षा कोड़ों को दोहराओ।”
ओह। वह ऐसा क्या करने जा रहा है, जिसके लिए इनकी ज़रूरत होगी।
मैंने त्योरी चढ़ाई पर साथ ही खुद को संभाल लिया।
“एनेस्टेसिया! वे सुरक्षित शब्द कौन से हैं?” उसने हौले से कहा
“पीला।”
“और?”
“लाल।”
“इन्हें याद रखना।” वह बोला
“मिस स्टील! यहां मुझे तुम्हारा बड़बोलापन नहीं चाहिए। याद रहे वरना अच्छा नहीं होगा।”
मैंने घबराहट के मारे थूक गटका। दरअसल अकसर मैं उसके इसी सुर से डर जाती हूं।
“खैर “
ये उपन्यास ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ किताब से ली गई है, इसकी और उपन्यास पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – fifty shades of grey(फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे)
“जी सर?” मैंने सकुचाते हुए कहा।
“हूं। मैं चाहता हूं कि तुम इस सुरक्षा कोड का इस्तेमाल करो। दरअसल हम जो करने जा रहे हैं। वह कोई दर्दनाक बात नहीं है पर ये काफी गहन होगा और मैं चाहूंगा कि तुम
मुझे अपनी भावनाएं बताती रहो। समझीं?”
“जी।”
“एनेस्टेसिया! यह स्पर्श से जुड़ा है। तुम न तो मुझे देख सकोगी और न ही सुन सकोगी। बस मुझे महसूस कर सकोगी।”
हैं! ये क्या है भई? वह मुड़ा तो दराज के ऊपर धातु का एक बॉक्स दिखा। बटन दबाते ही वह बीच से खुल गया। वह तो सीडी प्लेयर था। जिसमें बहुत सारे बटन लगे थे। उसने कई सारे बटन एक साथ अर्म में दबाए। कुछ नहीं हुआ पर वह संतुष्ट दिखा। मैं रहस्य से घिरी हूं। जब वह मुड़ा तो चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान दिखाई दी।
“एनेस्टेसिया! मैं तुम्हें उस पलंग से बांधने जा रहा हूं पर पहले तुम्हारी आंखें बंद करूंगा। उसने आईपॉड हाथ में ले लिया। तुम मुझे नहीं सुन सकोगी। मैं तुम्हारे कानों में ये संगीत लगाने जा रहा हूं।”
ओह! म्यूजिकल सेक्स! मैंने तो इसकी उम्मीद नहीं की थी। क्या यह हमेशा ही ऐसे काम करता रहेगा? कहीं वह रैप संगीत ही न लगा दे।
“आओ।” वह मुझे अपने एंटीक पलंग के पास ले गया। हर कोने पर हथकड़ियां और बेड़ियां जकड़ी हैं और मैं भीतर ही भीतर वासना के मारे पिघली जा रही हूं। मुझे आसपास चमड़े की हथकड़ियां व धातु की जंजीरें चमकती दिख रही हैं।
ओह! लगता है दिल उछलकर बाहर ही आ जाएगा। क्या मैं इससे ज्यादा उत्तेजित हो सकती थी?
“यहां खड़ी हो जाओ।”
मैं पलंग की ओर मुंह करके खड़ी हुई तो वह मेरे कान में बोला।
“अपनी आंखें पलंग की ओर रखो। कुछ ही देर में तुम्हारे ऊपर मेरे कब्ज़ा होगा।”
वह दरवाजे के पास गया और कोड़ों वाले कोने से कुछ उठाया। ओह! अब वह क्या करने जा रहा है।
वह मेरी चोटियां गूंथने लगा।
“ओह! मुझे तुम इन चोटियों में अच्छी दिखती हो।” उसके हाथ की एक-एक छुअन मेरी देह में सिहरन पैदा कर रही है। उसने चोटी बनाने के बाद अपनी जीभ से मेरे कान और कंधों को छुआ और अंदर ही अंदर पूरा शरीर सिहर उठा।
“हिलो मत!” उसने हाथ आगे किया तो उसमें एक अ लॉगर था। मैं जब पहली बार उस कमरे में आई थी तो उससे मेरा परिचय करवाया गया था।
“इसे छुओ।” ऐसा लगा कि कोई शैतान बोल रहा हो।
मेरा शरीर जलने लगा है। मैंने उन लंबी लड़ियों को देखा, जिनके किनारों पर छोटे-छोटे मोती जड़े थे।
“मैं इसे इस्तेमाल करूंगा। इससे दर्द तो नहीं होगा पर इससे तुम्हारा खून चमड़ी की सतह पर आ जाएगा और त्वचा संवेदनशील हो जाएगी।”
“अच्छा इससे दर्द नहीं होगा।”
“तुम अपने लिए बने सुरक्षा कोड दोहराओ।”
“पीला और लाल सर!”
“गुड गर्ल! देखो ये सारा डर कहीं और नहीं। बस तुम्हारे मन का वहम है।”
उसने अ लॉगर पलंग पर रखा और उसके हाथ मेरी कमर की ओर बढ़े।
मुझे निर्वस्त्र करने बाद उसने पलंग पर पीठ के बल लिटा दिया।
मेरे नीचे का साटिन नरम, मुलायम और ठंडा है। उसके चेहरे पर आंखें सुलग रही हैं और कोई भाव नहीं दिख रहे।
“हाथ सिर के ऊपर ले जाओ।” उसने हुक्म दिया तो मुझे ऐसा ही करना पड़ा।
ओह! मेरा शरीर उसके लिए तरस रहा है। मैं उसे पाना चाहती हूं।
वह मुड़ा और दराज में से आईपॉड के साथ एक मास्कनुमा चीज़ भी ले आया। मैं लगातार उसे ही ताक रही हूं।
क्रिस्टियन ने छोटे एंटीना वाले आईपॉड को पंलग पर रखते हुए बताया कि वह कमरे में रखे उपकरण से संपर्क करेगा और वही बजाएगा, जो इसमें चलाया जाएगा।
“जो तुम सुनोगी, वह मैं भी सुन सकता हूं और उसका रिमोट मेरे पास होगा।” उसने जेब से छोटा सा कैलकुलेटरनुमा रिमोट निकाल कर दिखाया और मेरे कानों में ईयरबड़ लगा दिए।
“अपना सिर उठाओ।” वह बोला
फिर उसने धीरे से आंखों पर मास्क पहना दिया। अब मुझे न तो कुछ दिख रहा है और न ही मैं कुछ सुन सकती हूं। उसने मेरी कलाईयों में चमड़े की हथकड़ियां पहना दीं। ओह! फिर उसने दूसरी ओर जाकर दूसरे हाथ में हथकड़ी पहनाई। उसकी लंबी अंगुलियों की छुअन मेरी कलाई पर महसूस हो रही है। ओह… मैं तो पागल हुई जा रही हूं। ये सब इतना यौनोत्तेजक क्यों लग रहा है?
वह मुझे पैरों से घसीट कर पलंग के दूसरे छोर के पास ले गया। अब मेरे बाजू इस तरह खिंच गए हैं कि मैं उन्हें चाहने पर भी हिला नहीं सकती। उसने मेरी टांगें फैलाते हुए दोनों टांगों को एक-एक कर बेड़ियों में जकड़ा। मैं उसे देख तक नहीं पा रही। मैंने कान लगाकर सुनना चाहा कि अब वह क्या करने जा रहा था…।
मेरे कानों मेरे ही दिल की धड़कन जोरों से बज रही है। धक-धक-धक!
अचानक ही मेरे कोनों में मीठा संगीत गूंज उठा। जैसे कुछ लोग मिल कर कोई गीत गा रहे हों या कोई पुराने मंत्र दोहरा रहे हैं। ये क्या है? मैंने तो आज तक ऐसा कोई संगीत नहीं सुना। तभी मुझे अपने शरीर के अंगों पर एक हल्की और मुलायम सी छुअन महसूस हुई। ये क्या है..
ये तो फर का दस्ताना है।
क्रिस्टियन उससे मेरे पूरे शरीर को सहला रहा है और मैं बार-बार यही सोचने की कोशिश कर रही हूं कि अब वह अपने हाथ को किस अंग की ओर ले जाएगा लेकिन यह संगीत……यह तो मेरे दिमाग को कहीं और ही ले जा रहा है…… वह फर मेरे शरीर के हर अंग को छूता हुआ गुज़र रहा है… इधर संगीत के मधुर सामूहिक स्वर मेरा ध्यान खींच रहे हैं… अचानक ही उस फर की जगह अ लॉगर ने ले ली। अब तो मैं संगीत को भी भूल गई।…जाने मैं किस लोक में हूं। अचानक उस अ लॉगर ने मेरे पेट पर हल्का सा वार किया।
ओह! मुझे दर्द तो नहीं हुआ था पर मैं अचानक चौंक गई हूं। इस बार उसने थोड़ा तेज़ वार किया।
आह!
मैं इस वार और एहसास के साथ झूमना चाहती हूं, हिलना चाहती हूं… ये सब मुझ पर हावी होता जा रहा है पर हाथ-पांव बंधे होने की वजह से मैं अपनी जगह से इंच भर भी नहीं खिसक सकती। इस बार अ लॉगर ने मेरे वक्षों पर वार किया। उसके हर वार और कानों में गूंज रहे संगीत के बीच जैसे कोई तालमेल बैठ गया है। बड़ा ही मादक एहसास है। वह शरीर के हर अंग को इसी तरह अ लॉगर का संगीत देता रहा और कानों में बजता संगीत बंद होते ही उसने भी अपना हाथ रोक दिया। फिर अचानक ही संगीत बजने लगा और उसके हाथ अपना कमाल दिखाने लगे। वह मेरे पेट, पीठ, टांगों और जांघों के बीच लगातार अ लॉगर के वार कर रहा है और मैं इस गहन एहसास के बीच तड़प रही हूं। एक बार फिर सब शांत हुआ और वहां मेरी उखड़ी सांसों के सिवा कुछ सुनाई नहीं दे रहा। क्या हो रहा है? अब वह क्या करने जा रहा है? मैं यह सब सहन नहीं कर पा रही। ऐसा लगता है कि जैसे मैं किसी अंधी सुरंग में आ गई हूं।
मुझे लगा कि वह पलंग पर मेरे पास आ गया है। संगीत अब भी बज रहा है। अब उसके नाक और होठों ने फर की जगह ले ली है। …वे मेरे कान, नाक, गले और छातियों को छूते हुए चूस रहे हैं… उसकी जीभ बेचैनी से हर अंग पर घूम रही है। मैं जोर से कराहती हूं। बेशक मैं उसे सुन नहीं सकती पर मैं कहीं खो गई हूं… मैं संगीत की उन लहरियों में कहीं खो गई हूं… मैं इस सनसनाहट के बीच लिपटी हुई हूं… मैं कहीं नहीं जा सकती… मैं पूरी तरह से उसकी छुअन पर निर्भर हूं।
वह मेरे पेट के पास आया और उसकी जीभ मेरी नाभि के पास मंडराने लगी। वह उसके एक-एक कतरे को चूमते और चूसते हुए आगे बढ़ रहा है… और फिर उसकी जीभ…। मैं अब काबू नहीं रख सकी और ज़ोर से चिल्लाई। मैं सुख की सीमा को छूकर लौट आई। वह थम गया है।
नहीं! वह अचानक झुका और मेरी टांग की बेड़ी खोल दी। मैंने पलंग के बीच उसे पसार कर अकड़ाया ताकि उसकी जकड़न खुल जाए। फिर उसे उसके सहारे खड़े कर लिया।
वह दूसरे खंभे की ओर झुका और दूसरी टांग खोल दी। उसके हाथ तेजी से उन्हें मलने और मालिश करने लगे ताकि उनमें थोड़ी जान आ जाए। और फिर एक ही झटके में हम दोनों साथ थे। ओह! उसके लिए यह सब करना कितना सहज है। जैसे इन्हीं चीज़ों के लिए उसका जन्म हुआ हो। वह आज मुझे तरसाने पर तुला है। हर बार मुझे उस सीमा तक ले जाकर वापिस खींच लाता है और मैं तरस रही हूं।
“प्लीज़!”
उसने मुझ पर अपनी पकड़ और भी पक्की कर ली। उसकी अंगुलियां मेरी चमड़ी में गड़ रही हैं। वह बहुत धीरे-धीरे आनंद लेना चाहता है और मेरे भीतर से कोई चिल्ला रहा है कि यह सब तेज़ी से किया जाए ताकि मैं भी पूरा आनंद ले सकूं। कुछ देर बाद उसे मुझ पर दया आई और मैं अपने आनंदलोक की यात्रा के लिए तैयार हो गई। मेरे साथ ही उसने भी यह आनंद लिया और मेरे ऊपर ही ढेर हो गया।
हम दोनों अलग हुए तो उसने मेरी दाईं कलाई पर लगी हथकड़ी खोली। मैं अपना हाथ आजाद होने पर कराही। उसने जल्दी से मेरे दूसरे हाथ को खोल कर आंखों से मास्क हटा दिया और कानों से ईयरबड निकाल दिए। मैंने उस धीमी रोशनी के बीच पलकें झपकाईं और उसकी गहरी भूरी आंखों को देखा।
“हाय!” वह बुदबुदाया।
“हाय।” मैं उसे देखकर शरमाई। उसके होठों पर तिरछी मुस्कान आ गई और झुक कर मुझे चूम लिया।
“बहुत अच्छे। अब पलट जाओ।”
“ओह! अब वह क्या करना चाहता है?”
“मैं तुम्हारे कंधे मलने जा रहा हूं।”
“ओह, अच्छा “
मैं पलट गई। बहुत थकान लग रही है। क्रिस्टियन मेरे पास बैठकर कंधों की मालिश करने लगा मैं ज़ोर से कराही। उसकी अंगुलियां मजबूत और सख्त हैं। उसने झुक कर मेरा सिर चूम लिया।
“यह कौन सा संगीत था?”
“यह स्पैम इन एलियम था। मैं पता नहीं कब से चाहता था कि इस धुन को सुनते हुए शारीरिक संबंध बनाऊं।”
“क्या यह पहली बार है मि. ग्रे!”
“बिल्कुल “
“हां, मेरे लिए भी पहली बार ही है।” मैंने कहा
“हम्म……हम दोनों एक-दूसरे के लिए ऐसे कई मौके ला रहे हैं।”
“क्रिस्टि… सर मैंने अपनी नींद में क्या कहा था?”
पल भर के लिए उसके हाथ थम गए।
“एनेस्टेसिया! तुमने पिंजरे, स्ट्राबेरी और ज्यादा पाने की बातें कीं और कहा कि तुम मुझे याद करती हो।”
“बस यही कहा था मैंने?”
उसने त्योरी चढ़ाई।
“तुम्हारे हिसाब से तुमने क्या कहा होगा?”
ओह हो गया कबाड़ा!
“मुझे लगा कि मैंने तुम्हें बदसूरत और शारीरिक संबंध न बनाने के लायक कहा होगा।”
उसके चेहरे की रेखाएं गहरा गईं।
“ये सब बकवास तो छोड़ो। मुझे ये बताओ कि तुम मुझसे छिपा क्या रही हो?”
मैंने भोलेपन से पलकें झपकाईं- “मैं तो कुछ नहीं छिपा रही।”
“एनेस्टेसिया! तुम झूठ बोल ही नहीं सकतीं। उसी समय पकड़ी जाती हो।”
“मुझे लगा था कि तुम सेक्स के बाद मुझे हंसाने वाले हो पर यहां तो ऐसा कुछ नहीं हो रहा।”
उसके होंठ तिरछे हो आए- “मैं चुटकुले सुना सकता हूं।”
“मि. ग्रे! ये आपके बस का नहीं है।” मैंने उसे देखकर खीसें निपोरीं और वह भी मुस्कुराने लगा।
“नहीं, एक नामुराद चुटकुले सुनाने वाला।” उसे अपने पर इतना गर्व हो रहा है कि मैं देखकर खिलखिला उठी।
“ये आवाज़ कितनी प्यारी है।” वह हौले से बोला और आगे आकर मुझे चूम लिया।
“और एनेस्टेसिया! तुम मुझसे कुछ छिपा रही हो। शायद तुम्हें सज़ा देकर ये बात तुमसे निकलवानी होगी।”
