Sexual Hygiene: अगर आप अपने रिलेशनशिप में सेक्स का आनंद सुरक्षित तरीके से लेना चाहते हैं तो आपको सेक्स के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। सेक्स के दौरान अगर आप साफ-सफाई की अनदेखी करते हैं या कुछ जरूरी सावधानियां को नहीं बरतते हैं तो आपको एसटीडी(STD) सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
क्या है एसटीडी (STD)
एसटीडी, जिसका पूरा नाम है सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज। आसान भाषा में समझे तो ऐसी बीमारियां जो शारीरिक संबंध बनाने के दौरान साथी को एक दूसरे से होता है, ऐसी बीमारियों को एसटीडी रोग कहते हैं। एसटीडी रोग के मुख्य उदाहरण है:
एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS)
गोनोरिया
सिफलिस
क्लैमीडिया
एचपीवी
हेपेटाइटिस बी और सी
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन
सेक्स के दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर एसटीडी रोगों से बचा जा सकता है। आईए जानते हैं सेक्स के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है;
पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें

सेक्स करने से पहले और सेक्स करने के बाद अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छे से साफ करें।
अपने हाथों की सफाई का पूरा ध्यान रखें। अपने नाखून साफ तथा छोटे रखें, ताकि सेक्स के दौरान नाखून से चोट लगने की संभावना को खत्म कर जा सके। सेक्स करने से पहले हाथों के साफ सफाई का ध्यान रखना विशेष रूप से जरूरी है।
ड्राई सेक्स से बचें
सेक्स के दौरान अगर आपको ड्राइनेस की समस्या है तो इसका समाधान लें, क्योंकि ड्राइनेस की वजह से सेक्स के दौरान आपके प्राइवेट पार्ट्स में चोट लग सकती है। चोट के कारण इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
सेक्स के दौरान ड्राइनेस से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेशन का इस्तेमाल करें।
मल्टीपल पार्टनर्स से बचें
मल्टीपल पार्टनर्स के साथ असुरक्षित संबंध रखना एसटीडी रोग के खतरे का कारण बनता है। मल्टीप्ल पार्टनर्स के साथ संबंध रखने से एसडी रोगों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप एक से अधिक पार्टनर्स के साथ सेक्स संबंध रखते हैं तो आप एसटीडी रोगों से सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन का उपयोग करें, यह आपको कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है।
सुरक्षित सेक्स अपनाएं
सुरक्षित सेक्स का अर्थ है की सेक्स के दौरान उन उपायों का उपयोग जो आपको एसटीडी रोग और अनचाही प्रेगनेंसी से बचाएं
सुरक्षित सेक्स में कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको एसटीडी रोग तथा अनचाही प्रेगनेंसी दोनों के खतरे से बचाता है।
ओरल, एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान बैरियर प्रोटेक्शन जैसे; कंडोम, डेंटल डैम जैसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नियमित मेडिकल चेकअप
कम से कम साल में एक बार एसटीडी टेस्ट करवाएं। खासकर जब, जब आप मल्टीप्ल यौन पार्टनर्स रखते हैं।
अगर प्राइवेट पार्ट्स में किसी भी प्रकार की असहजता जैसे; खुजली, जलन, बदबू, दर्द या असामान्य डिस्चार्ज दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आपके प्राइवेट पार्ट्स आपके शरीर के बाकी अंगों की तरह ही जरूरी है। जैसे आप अपने बाकी अंगों को जानते हैं तथा उनसे जुड़ी परेशानियों के लिए आप डॉक्टर से मिलने में नहीं घबराते, वैसे ही आपको अपने प्राइवेट अंगों से जुड़ी बीमारियों के लिए भी डॉक्टर से मिलने में घबराना नहीं चाहिए यह आपके सेक्सुअल हेल्थ के लिए बहुत आवश्यक है।
